विश्व कप फ़ुटबॉल 1966
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विवरण | 'फ़ीफ़ा विश्व कप' का आयोजन 'फ़ीफ़ा' (फ़ेडरेशन ऑफ़ इंटरनेशनल फ़ुटबॉल एसोसिएशन) द्वारा कराया जाता है। आठवाँ विश्व कप फ़ुटबॉल वर्ष 1966 में खेला गया था, जिसकी मेज़बानी इंग्लैंड ने की थी। |
वर्ष | 1966 |
तिथि | 11 जुलाई से 30 जुलाई |
कुल देश | 16 |
फ़ाइनल | इंग्लैंड तथा जर्मनी |
कुल मैच | 32 |
कुल गोल | 89 |
दर्शक | 1,563,135 |
अन्य जानकारी | इंग्लैंड और पश्चिम जर्मनी के बीच हुए फ़ाइनल में ज्योफ़ हर्स्ट का 'विवादित गोल' अभी भी दोनों देशों के फ़ुटबॉल प्रेमियों की ज़ुबान पर रहता है। |
अद्यतन | 15:48, 5 अगस्त 2016 (IST)
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विश्व कप फ़ुटबॉल 1966 अथवा फ़ीफ़ा विश्व कप 1966 (अंग्रेज़ी: FIFA World Cup 1966) वर्ष 1966 में विश्व कप की मेज़बानी इंग्लैंड को मिली। यह विश्व कप विवादों के कारण ज़्यादा काफ़ी चर्चित रहा। फ़ुटबॉल के इस महासंग्राम का आयोजन 11 जुलाई से 30 जुलाई तक हुआ, जिसमें 32 मैच आयोजित हुए।इसमें 16 देश की टीमों ने प्रतिभाग किया, जिसमें इंग्लैंड ने जर्मनी को हराकर पहली बार विश्व कप के ख़िताब पर क़ब्ज़ा किया।[1]
शुभंकर की शुरूआत
इस विश्व कप में इंग्लैंड और पश्चिम जर्मनी के बीच हुए फ़ाइनल में ज्योफ़ हर्स्ट का 'विवादित गोल' अभी भी दोनों देशों के फ़ुटबॉल प्रेमियों की ज़ुबान पर रहता है। विश्व कप शुरू होने से चार महीने पहले ज़ुल्स रिमे ट्रॉफ़ी ही ग़ायब हो गई बाद में लंदन के एक गॉर्डन से यह ट्रॉफ़ी मिली। यह पहला विश्व कप था, जिसमें एक शुभंकर चुना गया और मार्केटिंग के लिये विश्व कप का आधिकारिक लोगो भी तैयार कर दिया गया। ब्राज़ील की टीम में 1962 के कई खिलाड़ी शामिल थे। कई महान् खिलाड़ी पुर्तग़ाल की टीम की शोभा बढ़ा रहे थे।
क्वार्टर फ़ाइनल
जर्मनी और सोवियत संघ की टीम भी काफ़ी मज़बूत थी लेकिन मेज़बान इंग्लैंड टीम को भी जानकार कम नहीं आँक रहे थे। इंग्लैंड ने शुरुआत तो ठीक-ठाक की। फ़्रांस के ख़िलाफ़ 2-0 से जीत हासिल कर इंग्लैंड ने क्वार्टर फ़ाइनल में जगह बना ली। क्वार्टर फ़ाइनल में अर्जेंटीना और बेकेनबावर जैसे खिलाड़ियों से सजी पश्चिम जर्मनी की टीम को भी जगह मिली लेकिन सबसे कठिन ग्रुप ब्राज़ील का था। इस ग्रुप में ब्राज़ील के साथ हंगरी, पुर्तग़ाल और बुल्गारिया की टीमें थीं। ग्रुप के पहले मैच में ही बुल्गारियाई खिलाड़ियों के ख़राब खेल की गाज गिरी पेले पर, जो 1962 के विश्व कप में भी ज़्यादातर मैच में नहीं खेल पाए थे। फ़ाउल के कारण पेले को मैदान से ले जाना पड़ा। ब्राज़ील की टीम यह मैच जीत गई लेकिन अगले मैच में हंगरी ने ब्राज़ील को हराकर सनसनी फैला दी। पुर्तग़ाल के ख़िलाफ़ मैच में एक बार फिर ब्राज़ील की ओर से पेले मैदान में उतरे लेकिन एक बार फिर उनके साथ वही हुआ। विपक्षी खिलाड़ियों के निशाने पर रहे पेले। ब्राज़ील ये मैच 3-1 से हार गया और ब्राज़ील की टीम विश्व कप से बाहर हो गई। पेले ने क़सम खाई कि वे फिर कभी विश्व कप में नहीं खेलेंगे।[1]
इटली की टीम भी उस समय यूरोपीय फ़ुटबॉल में छाई हुई थी लेकिन उत्तर कोरिया के हाथों मिली हार के बाद टीम को अपना बोरिया-बिस्तर बाँधना पड़ा। इस ग्रुप से सोवियत संघ और उत्तर कोरिया ने क्वार्टर फ़ाइनल में जगह बनाई। क्वार्टर फ़ाइनल में एक बार फिर उत्तर कोरिया ने पुर्तग़ाल का मैच शानदार रहा।
कमज़ोर समझी जाने वाली उत्तर कोरिया की टीम एक समय पुर्तग़ाल पर 3-0 की बढ़त बना चुकी थी लेकिन अपने स्टार खिलाड़ी यूसेबियो के शानदार चार गोल की बदौलत मैच में वापसी की और फिर जीत भी हासिल की। अन्य क्वार्टर फ़ाइनल मैचों में पश्चिम जर्मनी ने उरुग्वे को 4-0 से मात दी, तो सोवियत संघ ने हंगरी को 2-1 से हराया। इंग्लैंड ने अर्जेंटीना को 1-0 से हराकर पहली बार विश्व कप के फ़ाइनल में जगह बनाई।
फ़ाइनल
लंदन के वेम्बली स्टेडियम में हुए फ़ाइनल मैच को देखने 97 हज़ार दर्शक आये थे। 12वें मिनट में ही जर्मनी ने गोल करके बढ़त हासिल कर ली लेकिन चार मिनट बाद ही ज्योफ़ हर्स्ट ने गोल करके स्कोर बराबर कर लिया। इंग्लैंड के मार्टिन पीटर्स ने गोल करके स्कोर 2-1 कर दिया, ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड अब मैच जीत जायेगा लेकिन एक मिनट पहले जर्मनी ने गोल उतारकर स्कोर बराबर कर दिया। इसके बाद मैच अतिरिक्त समय में गया लेकिन हर्स्ट के एक 'विवादित गोल' के कारण इंग्लैंड ने बढ़त हासिल कर ली थी। गेंद गोल लाइन के पार गई थी या नहीं- इस पर सवाल उठे लेकिन लाइंसमैन ने इंग्लैंड के पक्ष में फ़ैसला दिया। फ़ाइनल के बाद भी इस पर चर्चा होती रही लेकिन हर्स्ट ने एक और गोल मार कर स्कोर 4-2 कर दिया और इंग्लैंड ने पहली बार विश्व कप के ख़िताब पर क़ब्ज़ा किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 विश्व कप फ़ुटबॉल (हिन्दी) bbc.com। अभिगमन तिथि: 5 अगस्त, 2016।