बेलम गुफ़ाएँ
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विवरण | 'बेलम गुफ़ाएँ' आंध्र प्रदेश राज्य के कुर्नूल से 106 किमी दूर स्थित हैं। ये भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफ़ाएँ हैं। | ||
राज्य | आंध्र प्रदेश | ||
ज़िला | कुर्नूल | ||
प्रसिद्धि | पर्यटन स्थल | ||
संबंधित लेख | आंध्र प्रदेश पर्यटन, आंध्र प्रदेश, कुर्नूल, मेघालय, | खोज | इन्हें मूल रूप से तो 1884 में 'एच.बी. फुटे' ने खोजा था। |
अन्य जानकारी | बेलम गुफ़ाओं में लंबे गलियारे, विशाल कोठरियाँ, मीठे पानी के सुरंग और नालियाँ हैं। गुफ़ा का गहरा बिंदु प्रवेश द्वार से 120 फुट (37 मीटर) है और यह पाताल गंगा के रूप में जाना जाता है। |
बेलम गुफ़ाएँ आंध्र प्रदेश राज्य के कुर्नूल से 106 किमी दूर स्थित हैं। मेघालय की गुफ़ाओं के बाद ये भारतीय उपमहाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी प्राकृतिक गुफ़ाएँ हैं।
बेलम का अर्थ
इस का नाम, संस्कृत में प्रयुक्त 'बैलम' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है 'गुफ़ाओं'। तेलुगू में ये गुफ़ाएँ 'बेलम गुहलु' नाम से जानी जाती हैं।
इतिहास
इन्हें मूल रूप से तो 1884 में एच.बी. फुटे ने खोजा था लेकिन दुनिया के सामने 1982 में यूरोपीय गुफ़ाविज्ञानियों की एक मंडली ने इन्हें मौजूदा स्वरूप में पेश किया। हालांकि इनका रास्ता पुरातत्त्व विभाग ने खोज निकाला था।
प्रवेश द्वार
ज़मीन से गुफ़ाओं तक 3 कुएं जैसे छेद हैं। इन्हीं में से बीच का छेद गुफ़ा के प्रवेश द्वार के रूप में इस्तेमाल होता है। लगभग 20 मीटर तक सीधे नीचे उतरने के बाद गुफ़ा ज़मीन के नीचे फैल जाती हैं।
गुफ़ाओं का विवरण
इनकी लंबाई 3229 मीटर है। अंदर ताजे पानी के कई स्रोत बहते हैं। इनकी संरचना इन्हें दुनियाभर के भूविज्ञानियों के आकर्षण का केंद्र बनाती हैं। बेलम गुफ़ाओं में लंबे गलियारे, विशाल कोठरियाँ, मीठे पानी के सुरंग और नालियाँ हैं। गुफ़ा का गहरा बिंदु प्रवेश द्वार से 120 फुट (37 मीटर) है और यह पातालगंगा के रूप में जाना जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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