भारतधर्ममहामण्डल एक हिन्दू संस्था है, जो हिन्दुत्व की रक्षा के लिए बनाई गई है। इस संस्था की स्थापना बंग देशीय स्वामी 'ज्ञानानन्दजी' द्वारा की गई थी।
- 19वीं शताब्दी के आरम्भ में ईसाई मत के प्रभाव ने हिन्दू विचारों पर गहरा आघात किया।
- इसने मौलिक सिद्धान्तों पर पड़े आघातों के अतिरिक्त प्रतिक्रियारूप में हिन्दू मात्र की एकता को जन्म दिया।
- इसके फलस्वरूप 'भारतधर्ममहामण्डल' जैसी संस्थाओं की स्थापना हुई और हिन्दुत्व की रक्षा के लिए संघटनात्मक प्रयत्न होने लगे।
- 'भारतधर्ममहामण्डल' का मुख्य अधिष्ठान काशी में है।
- अब इस महामण्डल ने महिलाशिक्षण कार्य की ओर भी ध्यान केन्द्रित किया हैं।
- महामण्डल के मुख्य तीन उद्देश्य रखे गये हैं, जो निम्नलिखत हैं-
- हिन्दुत्व की एकता और उत्थान
- इस कार्य के सम्पादन के लिए उपदेशकों का संघटन और
- हिन्दू धर्म के सनातन तत्त्वों के प्रचारार्थ उपयुक्त साहित्य का निर्माण।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 475 |