भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद
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विवरण | 'भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद' एक स्वायत्तशासी संस्था है। संस्था कृषि मंत्रालय (भारत सरकार) के 'कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग' के तहत कार्य करती है। |
देश | भारत |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
स्थापना | 16 जुलाई, 1929 |
पूर्व नाम | 'इंपीरियल काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च' |
बाहरी कड़ियाँ | देश भर में फैले 97 भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थानों और 53 कृषि विश्वविद्यालयों सहित यह विश्व में सर्वाधिक विस्तृत राष्ट्रीय कृषि पद्धति है। |
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एक स्वायत्तशासी संस्था है, जो 'कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग', कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के तहत कार्य करती है। रॉयल कमीशन की कृषि पर रिपोर्ट के अनुसरण में सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत और 16 जुलाई, 1929 को स्थापित इस सोसाइटी का नाम पहले 'इंपीरियल काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च' था। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
सर्वोच्च निकाय
भारतवर्ष में बागवानी, मात्स्यिकी और पशु विज्ञान सहित कृषि के क्षेत्र में समन्वयन, मार्गदर्शन और अनुसंधान प्रबन्धन एवं शिक्षा के लिए परिषद सर्वोच्च निकाय है। देश भर में फैले 97 भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थानों और 53 कृषि विश्वविद्यालयों सहित यह विश्व में सर्वाधिक विस्तृत राष्ट्रीय कृषि पद्धति है।[1]
योगदान
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश में हरित क्रांति लाने और उसके बाद कृषि में निरन्तर विकास में अपने अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास से अग्रणी भूमिका निभाई है, जिससे वर्ष 1950-1951 से खाद्यान्न का उत्पादन 4 गुणा, बागवानी फसलें 6 गुणा, मत्स्य उत्पादन 9 गुणा (समुद्री 5 गुणा और अंतःस्थलीय 17 गुणा), दूध 6 गुणा और अंडा उत्पादन 27 गुणा बढ़ा है। राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है।
- कृषि क्षेत्र में उच्च शिक्षा
कृषि में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता बढ़ाने में परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास में यह अद्यतन क्षेत्रों में संलग्न है और इसके वैज्ञानिक अपने क्षेत्रों में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 06 नवम्बर, 2013।
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