मध्य प्रदेश दिवस
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राजधानी | भोपाल |
स्थापना | 1 नवंबर, 1956 |
जनसंख्या | 6,03,48,000[1] |
· घनत्व | 196[1] /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 3,08,000 |
भौगोलिक निर्देशांक | 23.17°N 77.21°E |
ज़िले | 50 |
बड़े नगर | इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर |
लिंग अनुपात | 920:933[1] ♂/♀ |
साक्षरता | 64.1[1]% |
· स्त्री | 50.6% |
· पुरुष | 76.5% |
राज्यपाल | आनंदीबाई पटेल |
मुख्यमंत्री | शिवराज सिंह चौहान[1] |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 19:44, 12 मई 2012 (IST)
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मध्य प्रदेश भारत का एक राज्य है, जिसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश राज्य की स्थापना 1 नवंबर, 1956 में हुई थी। यह राज्य 1 नवंबर, 2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य था। इस दिन मध्य प्रदेश के कई नगर उससे हटाकर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाएँ पांच राज्यों की सीमाओं से मिलती हैं। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़, दक्षिण में महाराष्ट्र, पश्चिम में गुजरात तथा उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है।
इतिहास
मध्य प्रदेश के इतिहास पर नज़र डाले तो पता चलता है कि यहाँ 10वीं शताब्दी में कलचुरी शासक काफ़ी शक्तिशाली हो गए थे। उनके समकालीन थे- धार के परमार, ग्वालियर में कछवाहा और झाँसी से 160 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में खजुराहो में चंदेल। बाद में तोमरों ने ग्वालियर और जनजातीय गोंडों ने शासन किया। 11वीं शताब्दी में मुसलमानों के आक्रमण शुरू हुए। ग्वालियर की हिन्दू रियासत को 1231 ई. में सुल्तान शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने दिल्ली में मिला लिया। 14वीं शताब्दी में ख़िलजी सुल्तानों ने मालवा को बरबाद किया। इसके बाद मुग़ल शासक अकबर (1556-1605 ई.) ने इसे मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया। 18वीं शताब्दी के प्रारम्भ में मराठा शक्ति ने मालवा पर अधिकार किया और 1760 ई. तक एक बड़ा भूभाग, जो अब मध्य प्रदेश है, मराठों के शासन में आ गया। 1761 ई. में पेशवा की पराजय के साथ ही ग्वालियर में सिंधिया और दक्षिण-पश्चिम में इंदौर में होल्कर राजवंश का शासन स्थापित हुआ। इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर, गोंड की महारानी कमलापति और रानी दुर्गावती आदि कुछ महान् महिला शासकों ने अपने उत्कृष्ट शासन के लिए भारतीय इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखवा लिया।
स्थापना
मध्य प्रदेश की स्थापना 1 नवंबर, 1956 को हुई। नया राज्य छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हुए विभाजन के बाद यह अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंबर, 2000 को अस्तित्व में आया। मध्य प्रदेश के उत्तर में उत्तर प्रदेश, पूर्व में छत्तीसगढ़ तथा पश्चिम में राजस्थान और गुजरात, दक्षिण में महाराष्ट्र है। यहाँ नर्मदा की घाटी में नवदाटोली की खुदाई 1957-1958 में की गयी थी। नवदाटोली इन्दौर से दक्षिण की ओर 60 मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ के निवासी गोल, आयताकार या वर्गाकार झोंपड़ियाँ बनाते थे व उनमें निवास किया करते थे।
विभाजन
मध्य प्रदेश देश के मध्य में स्थित है, इसलिए इसे ‘हृदय प्रदेश’ भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश को यह नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया था। प्रदेश को ब्रिटिश काल में ‘सेंट्रल प्रोविंस’ (मध्य प्रान्त) एवं बरार के नाम से जाना जाता था। स्वतंत्रता के पश्चात् मध्य प्रदेश को ‘थ्री स्टेट - A, B तथा C में बांटा गया[2]-
- सेंट्रल प्रोविंस तथा बरार में छत्तीसगढ़ और बघेलखण्ड को मिलकर पार्ट – A (स्टेट – A) बनाया गया।
- पश्चिम की रियासतों को मिलाकर पार्ट – B (स्टेट – B) बनाया गया। इसका नाम मध्य भारत रखा गया।
- उत्तर की रियासतों को मिलाकर पार्ट – C (स्टेट – C) बनाया गया। (भोपाल पार्ट – C का भाग था।)
राज्य पुनर्गठन आयोग, 1953
- 29 दिसम्बर, 1953 को राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की गयी। आयोग के अध्यक्षता सैयद फजल अली को सौंपी गयी।
- 1953 में बने फजल अली की अध्यक्षता में गठित राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा पर 1 नवम्बर, 1956 को नवीन मध्य प्रदेश का गठन हुआ।
- राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा पर राज्य की सीमाओं में निम्नलिखित परिवर्तन किये गए–
- बुलढाना, अकोला, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, नागपुर, भंडारा, चाँदा को तत्कालीन मुंबई राज्य (महाराष्ट्र) में मिला दिया गया। शेष पार्ट – A का भाग वर्तमान मध्य प्रदेश का भाग बना।
- मंदसौर ज़िले की भानपुरा तहसील के सुनेल टप्पा को छोड़कर शेष भाग को मध्य प्रदेश में मिला लिया गया।
- राजस्थान के कोटा ज़िले की सिरोंज तहसील को मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले में लाया गया।
- शेष पार्ट- B का हिस्सा वर्तमान मध्य प्रदेश का अंग है।
- पार्ट-C स्टेट (विंध्य प्रदेश) का पूरा-पूरा भाग वर्तमान मध्य प्रदेश में मिलाया गया।
- भोपाल राज्य भी वर्तमान मध्य प्रदेश का अंग बना।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
- नवीन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को बनाया गया, जो पूर्व में सीहोर ज़िले की एक तहसील थी। इस तरह उपर्युक्त सीमाओं में परिवर्तन के पश्चात् मध्य प्रदेश का 1 नवम्बर, 1956 को (गठन) हुआ, जिसमे 8 संभाग तथा 43 ज़िले शामिल थे।[2]
- 26 नवम्बर, 1972 को भोपाल तथा राजनांदगांव दो नए ज़िले बने और जिलों की संख्या 45 हो गयी।
- बी.आर. दुबे की अध्यक्षता में गठित सिंघदेव समिति की सिफारिश पर वर्ष 1998 में 10 नए ज़िले बनाये गए।
- 6 और ज़िले 1998 में गठित सिंघदेव समिति की सिफारिश पर बनाये गए। इस प्रकार जिलों की संख्या 61 हो गयी।
- 31 अक्टूबर, 2000 को मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने से 16 ज़िले नवीन राज्य में चले गए और मध्य प्रदेश में पुनः जिलों की संख्या 45 हो गयी।
- वर्ष 2003 में तीन ज़िले– बुरहानपुर (खंडवा से ), अनूपपुर (शहडोल से) तथा अशोकनगर (गुना से) का गठन किया गया, जिससे प्रदेश में जिलों की संख्या 48 हो गयी।
- वर्ष 2008 में प्रदेश सरकार द्वारा अलीराजपुर तथा सिंगरौली को ज़िला बनाया गया और प्रदेश में जिलों की संख्या 50 हो गयी।
- मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2013 में शाजापुर ज़िले से पृथक कर आगर-मालवा नाम से एक नया ज़िला गठित किया। इसे मिलाकर वर्तमान मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या 51 हो गयी है।
संभाग और ज़िले
वर्तमान मध्य प्रदेश प्रशासनिक तौर पर 10 संभागों और 51 जिलों में बंटा हुआ है। ये संभाग और ज़िले इस प्रकार हैं[2]-
- चंबल संभाग (3) – श्योपुर, मुरैना, भिण्ड
- ग्वालियर संभाग (5) – ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया
- उज्जैन संभाग (7) – उज्जैन, देवास, रतलाम, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच
- इन्दौर संभाग (8) – इन्दौर, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगौन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर
- भोपाल संभाग (5) – भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा
- होशंगाबाद / नर्मदापुरम संभाग (3) – होशंगाबाद, बैतूल, हरदा
- सागर संभाग (5) – सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ
- जबलपुर संभाग (8) – जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी
- रीवा संभाग (4) – रीवा, सिंगरौली, सीधी, सतना
- शहडोल संभाग (3) – शहडोल, उमरिया, अनूपपुर
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 ABOUT MADHYA PRADESH (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) मध्य प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 11 मई, 2012।
- ↑ 2.0 2.1 2.2 मध्य प्रदेश का गठन, संभाग और जिले (हिंदी) vyapamguru.com। अभिगमन तिथि: 30 जून, 2018।
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