रामनाथ कोविंद का राजनीतिक जीवन

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रामनाथ कोविंद का राजनीतिक जीवन
रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद
पूरा नाम रामनाथ कोविंद
जन्म 1 अक्टूबर, 1945
जन्म भूमि परौंख गांव, कानपुर देहात ज़िला, उत्तर प्रदेश
अभिभावक पिता- मैकू लाल, माता- कलावती
पति/पत्नी सविता कोविंद
संतान दो- प्रशांत और स्वाति
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
कार्य काल भारत के राष्ट्रपति - 25 जुलाई, 2017 से 25 जुलाई, 2022
शिक्षा वकालत की उपाधि
विशेष रामनाथ कोविंद हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था 'दिव्य प्रेम सेवा मिशन' के आजीवन संरक्षक हैं।
अन्य जानकारी रामनाथ कोविंद वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने थे। इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए।
अद्यतन‎

भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जून, 1975 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनने पर वित्तमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव रहे थे। जनता पार्टी की सरकार में उच्चतम न्यायालय के जूनियर काउंसलर के पद पर कार्य किया। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने। इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए। वर्ष 1991 में रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये थे। 1994 में वे उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिये निर्वाचित हुए। फिर वर्ष 2000 में पुनः उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार बारह वर्ष तक राज्य सभा के सदस्य रहे। वे दो बार 'भाजपा अनुसूचित मोर्चा' के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा उत्तर प्रदेश के महामंत्री रह चुके हैं।

राज्यपाल

रामनाथ कोविंद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। 8 अगस्त, 2015 को रामनाथ कोविंद की बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यपाल बनने वाले तीसरे व्यक्ति हैं।

राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

श्री रामनाथ कोविंद का नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 19 जून, 2017 को एन.डी.ए. के सर्वसम्मत राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में घोषित किया।

रामनाथ कोविंद स्वयंसेवक हैं। भाजपा के पुराने नेता हैं। संघ और भाजपा में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं। सांसद रहे हैं। एस.सी.एस.टी. प्रकोष्ठ के प्रमुख का दायित्व भी उन्होंने निभाया है और संगठन की मुख्यधारा की ज़िम्मेदारियां भी कुशलतापूर्वक निभाई हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता के तौर पर रामनाथ कोविंद का एक अच्छा खासा अनुभव है। सरकारी वकील भी रहे हैं। राष्ट्रपति पद के लिए जिस तरह की मूलभूत आवश्यकताएं समझी जाती हैं, वह उनमें हैं और मृदुभाषी भी हैं। कम बोलना और शांति के साथ काम करना रामनाथ कोविंद की शैली है।[1]

देश के राष्ट्रपति

रामनाथ कोविंद एन.डी.ए. द्वारा 19 जून, 2017 को भारत के राष्ट्रपति पद हेतु उम्मीदवार घोषित किये गए थे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस करके उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। कोविंद 20 जुलाई, 2017 को देश के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्‍होंने राष्‍ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष की उम्‍मीदवार मीरा कुमार को तीन लाख से ज़्यादा मतों से हराया। कोविंद ने 702044 यानि कुल 65.66% मत हासिल किए। विपक्ष की उम्‍मीदवार मीरा कुमार को 367314 यानि 34.35% मत मिले। जीत के लिए 534680 वोट चाहिए होते हैं। रामनाथ कोविंद को कई विपक्षी पार्टियों के मत भी मिले। उन्‍होंने जीत के बाद कहा कि- "उनके लिए यह भावुक कर देने वाला पल है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई दी। 25 जुलाई, 2017 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद रामनाथ कोविंद ने देश के राष्ट्रपति पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया।

महत्त्वपूर्ण तथ्य


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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रामनाथ गोविंद, राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक (हिन्दी) aajtak.intoday.in। अभिगमन तिथि: 20 जून, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

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