रामलक्ष्मण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
रामलक्ष्मण
रामलक्ष्मण
रामलक्ष्मण
पूरा नाम विजय पाटिल (मूल नाम)
प्रसिद्ध नाम रामलक्ष्मण
जन्म 16 सितंबर, 1942
जन्म भूमि ?
मृत्यु 22 मई, 2021
मृत्यु स्थान नागपुर, महाराष्ट्र
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र हिन्दी सिनेमा
मुख्य फ़िल्में 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन', 'हम साथ साथ हैं', ‘पत्थर के फूल’, ‘100 डेज’, ‘प्रेम शक्ति’, ‘मेघा’ और ‘तराना’ आदि।
विद्यालय भातखंडे शिक्षण संस्थान
प्रसिद्धि संगीतकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी मराठी फिल्ममेकर और अभिनेता दादा कोंडके ने रामलक्ष्मण को अपनी फिल्म 'पांडु हवलदार' के लिए बतौर संगीतकार साइन किया था। इसके बाद सूरज बड़जात्या की फिल्मों में उन्होंने कई हिट गाने दिए।

रामलक्ष्मण (अंग्रेज़ी: Raamlaxman, जन्म- 16 सितंबर, 1942; मृत्यु- 22 मई, 2021) हिन्दी सिनेमा जगत के प्रसिद्ध संगीतकार थे। राजश्री प्रोडक्शंस की ब्लॉकबस्टर फ़िल्में- 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन' और 'हम साथ साथ हैं' में किये गये अपने काम के लिए वह विशेषतौर पर जाने जाते हैं। संगीतकार रामलक्ष्मण का असली नाम 'विजय पाटिल' (Vijay Patil) था। वह संगीतकार जोड़ी राम-लक्ष्मण में से एक लक्ष्मण थे। जबकि उनके जोड़ीदार राम यानी की राम सुरेंद्र थे। राम सुरेंद्र की मृत्यु के बाद विजय पाटिल यानी लक्ष्मण ने अपने नाम के साथ राम भी जोड़ लिया और इस प्रकार वह रामलक्ष्मण के नाम से भी जाने-पहचाने गये। उन्होंने 70 से अधिक फिल्मों में संगीत दिया। हिंदी फिल्मों के अलावा रामलक्ष्मण ने मराठी और भोजपुरी फिल्मों के लिए भी काम किया था। रामलक्ष्मण की मुख्य फिल्मों में ‘मैंने प्यार किया’, ‘पत्थर के फूल’, ‘100 डेज’, ‘प्रेम शक्ति’, ‘मेघा’, ‘तराना’, ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘हम साथ साथ हैं’ सहित अन्य हैं।

परिचय

संगीतकार रामलक्ष्मण का जन्म 16 सितंबर, 1942 को हुआ था। यह बहुत कम लोग जानते हैं कि रामलक्ष्मण का असली नाम विजय पाटिल था और उन्होंने 70 से फिल्मों में संगीत दिया। उन्होंने अपने पिता और चाचा से संगीत की शिक्षा ली थी। बाद में उन्होंने 'भातखंडे शिक्षण संस्थान' में संगीत का अध्ययन किया। हिंदी फिल्मों के अलावा रामलक्ष्मण ने मराठी और भोजपुरी फिल्मों के लिए भी काम किया था। रामलक्ष्मण पहले इंडस्ट्री में ‘लक्ष्मण’ के नाम से जाने जाते थे। इस बीच उन्होंने एक अन्य संगीतकार 'राम' के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया। हिंदी सिनेमा जगत में राम-लक्ष्मण मिलकर संगीत देते थे। लेकिन साल 1976 में फिल्म ‘एजेंट विनोद’ (1977) में गाना गाने के बाद अचानक संगीतकार राम का निधन हो गया और इसके बाद संगीतकार लक्ष्मण उर्फ विजय पाटिल ने अपना पूरा नाम रामलक्ष्मण रख लिया।

कॅरियर

रामलक्ष्मण ने करीब 150 फिल्मों में संगीत दिया था, जिसमें हिंदी के अलावा मराठी और भोजपुरी भी शामिल है। मराठी फिल्ममेकर और अभिनेता दादा कोंडके ने उन्हें अपनी फिल्म 'पांडु हवलदार' के लिए बतौर संगीतकार साइन किया था। इसके बाद सूरज बड़जात्या की फिल्मों में उन्होंने कई हिट गाने दिए।  'मैंने प्यार किया' (1989)' के गाने सुपरहिट हुए थे। इसके बाद 'हम आपके हैं कौन (1994)' और 'हम साथ साथ हैं' (1999) में भी उन्होंने संगीत दिया था। इस फिल्म के सारे गाने लोग आज भी बहुत पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्होंने 'एजेंट विनोद', 'तराना' और 'अनमोल' जैसी फिल्मों में भी संगीत दिया।

अपने चार दशक से अधिक लंबे कॅरियर में उन्होंने हिंदी, मराठी और भोजपुरी में 150 से अधिक फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया और मनमोहन देसाई, महेश भट्ट, जीपी सिप्पी, अनिल गांगुली और सूरज बड़जात्या जैसे प्रसिद्ध फिल्म निर्देशकों के साथ काम किया।

रामलक्ष्मण के निधन पर 'स्वर कोकिला' लता मंगेशकर ने भी शोक जताया। दिग्गज गायिका ने संगीतकार लक्ष्मण के निधन पर दु:ख जताते हुए लिखा, 'मुझे अभी पता चला कि बहुत गुणी और लोकप्रिय संगीतकार रामलक्ष्मण जी का स्वर्गवास हो गया है। ये सुन के मुझे बहुत दु:ख हुआ। वो बहुत अच्छे इंसान थे। मैंने उनके कई गाने गाए जो बहुत लोकप्रिय हुए। मैं उनको विनम्रतापूर्ण श्रद्धांजलि अर्पण करती हूं।'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख