बप्पी लाहिड़ी
बप्पी लाहिड़ी
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पूरा नाम | बप्पी लाहिड़ी |
प्रसिद्ध नाम | बप्पी दा |
अन्य नाम | अलोकेश लाहिड़ी (मूल नाम) |
जन्म | 27 नवम्बर, 1952 |
जन्म भूमि | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
मृत्यु | 16 फ़रवरी, 2022 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
अभिभावक | पिता- अपरेश लाहिड़ी माता- बंसरी लाहिड़ी |
पति/पत्नी | चित्रणी लाहिड़ी |
संतान | रेमा (पुत्री), बाप्पा (पुत्र) |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय हिन्दी सिनेमा |
प्रसिद्धि | गायक व संगीतकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | बप्पी लाहिड़ी और मिथुन चक्रवर्ती की जोड़ी ने बॉलिवुड में ऐसी धूम मचाई थी कि सब डांस और डिस्को म्यूजिक के दीवाने हो गए थे। |
बप्पी लाहिड़ी (अंग्रेज़ी: Bappi Lahiri, जन्म- 27 नवम्बर, 1952; मृत्यु- 16 फ़रवरी, 2022) प्रसिद्ध भारतीय गायक और संगीतकार थे। उनका वास्तविक नाम 'अलोकेश लाहिड़ी' था। सोने के गहनों से लदे बप्पी लाहिड़ी के संगीत में अगर डिस्को की चमक-दमक नज़र आती थी तो उनके कुछ गाने सादगी और गंभीरता से परिपूर्ण हैं। 'बप्पी दा' के नाम से मशहूर बप्पी लाहिड़ी ने सन 1970 से 1990 के दशक के दौरान भारतीय सिनेमा को 'आई एम ए डिस्को डांसर', 'जिमी जिमी', 'पग घुंघरू', 'इंतेहान हो गई', 'तम्मा तम्मा लोगे', 'यार बिना चैन कहां रे' और 'चलते चलते' जैसे बहतरीन डिस्को गीत दिए थे।
परिचय
बप्पी लाहिड़ी का जन्म 27 नवंबर, 1952 को कोलकाता में हुआ था। वह एक धनाढ्य संगीत घराने से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे। उनकी माता बांसरी लाहिड़ी भी बांग्ला संगीतकार थीं। बप्पी दा अपने माता-पिता की अकेली संतान थे। बचपन से ही उन्होंने विश्व प्रसिद्ध होने के सपने देखना शुरू कर दिया था। तीन साल की उम्र में तबला सीखने के साथ उन्होंने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू की। संगीतकार किशोर कुमार और एस. मुखर्जी उनके संबंधी थे। उन्होंने संगीत अपने माता-पिता से ही सीखा और 19 साल की उम्र में पहली बार उन्हें बंगाली फिल्म 'दादु' में गाना गाने के लिए चुना गया।
बप्पी लाहिड़ी अपने हिट नंबरों के लिए उतने ही प्रसिद्ध थे, जितने सोने के प्रति उनके आकर्षण के लिए। बप्पी लाहिड़ी को 80 और 90 के दशक के 'डिस्को किंग' के रूप में जाना जाता था। 'नमक हलाल', 'डिस्को डांसर' और 'डांस डांस' जैसी फिल्मों में उनके गितों ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्धि हासिल की थी। 2000 के दशक में बप्पी लाहिड़ी ने 'द डर्टी पिक्चर' के लिए 'ऊह ला ला', 'गुंडे' के लिए 'तूने मारी एंट्री', 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' के लिए 'तम्मा तम्मा' और हाल ही में 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' के लिए 'अरे प्यार कर ले' जैसे गाने गाए। उन्होंने आखिरी बार 2020 की फिल्म 'बागी 3' के लिए गीत की रचना की थी।
व्यक्तित्व
बप्पी लाहिड़ी की बात हो और उनके स्टाइल पर नजर ना जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। महंगे और सोने के गहने पहनने वाले बप्पी लाहिड़ी हमेशा रॉकस्टार की लुक में नजर आते थे। बातचीत के ढंग से भी वह एक ऐसा मिश्रण लगते थे जिसमें भारतीय रंग रूप के साथ अधिक मात्रा में विदेशी फैशन हो। उनके पहनावे में अधिकतर ट्रैकसूट या कुर्ता पायजामा होता था। इसके साथ ही बप्पी लाहिड़ी अपने धूप के चश्मों को गर्मी हो या सर्दी कभी नहीं छोड़ते थे।
कॅरियर
बप्पी लाहिड़ी 19 साल की उम्र में ही बॉलिवुड में नाम कमाने के लिए मुंबई चले गए थे। साल 1973 में उन्हें हिन्दी फिल्म 'नन्हा शिकारी' में गाना गाने का मौका मिल गया। हालांकि उन्हें बॉलिवुड में असली पहचान 1975 की फिल्म “जख्मी” से मिली। इस फिल्म में उन्होंने मोहम्मद रफ़ी और किशोर कुमार जैसे महान गायकों के साथ गाना गाया। इसके बाद तो जैसे बप्पी दा का गाना सबकी जुबान पर छाने लगा। इसके बाद दौर आया बप्पी लाहिड़ी और मिथुन चक्रवर्ती की जोड़ी का। इस दोनों की जोड़ी ने बॉलिवुड में ऐसी धूम मचाई कि सब डांस और डिस्को म्यूजिक के दीवाने हो गए। उन्होंने मिलकर 'डिस्को डांसर', 'डांस डांस', 'कसम पैदा करने वाले की' जैसी फिल्मों को अपने गानों से ही हिट बना दिया।
बॉलिवुड में गायकों का एक अलग ही मुकाम रहा है। हर गायक का एक अलग ही तरीका होता है। लेकिन कई बार इन्हीं गायकों में से कोई गायक अपना एक ऐसा स्थान बनाता है जो बाकियों से बिलकुल जुदा होता है। ऐसे ही गायकों में से एक थे 'बप्पी दा' यानि बॉलिवुड के पहले रॉक स्टार बप्पी लाहिड़ी। हिन्दी सिनेमा में बिना हिन्दी से छेड़छाड़ किए बप्पी दा ने संगीत को नई दिशा दी। उन्होंने अपने एलबमों में अशोक कुमार और आशा भोंसले की आवाज का बखूबी इस्तेमाल किया। एलिशा चिनॉय और ऊषा उथुप के साथ मिलकर उन्होंने कई हिट नंबर दिए। हालांकि उन पर कई बार विदेशी धुनों को भी चुराने का आरोप लगा, पर उन्होंने आगे बढ़ने पर ही जोर दिया। 1990 के दशक में बप्पी दा फिल्मों से पूरी तरह अलग होकर अपने एलबमों पर ही काम करने लगे थे।
सोने से प्रेम
बप्पी लाहिड़ी की एक और खासियत उनके गहने थे। गले में सोने की मोटी चेन और भारी-भारी अंगूठियां पहने बप्पी लाहिड़ी को देखने वाले सोने की दुकान तक कहते थे। लेकिन सच तो यह था कि बप्पी लाहिड़ी को सोने से बेहद लगाव था और वह सोने को अपने लिए लकी मानते थे।
कुछ खास गाने
बप्पी लाहिड़ी के हिट गानों में से कुछ निम्न हैं-
- याद आ रहा है तेरा प्यार -
- आई एम ए डिस्को डांसर
- बॉम्बे से आया मेरा दोस्त - आप की खातिर
- ऐसे जीना भी क्या जीना है - कसम पैदा करने वाले की
- तुम्हारा प्यार चाहिए मुझे जीने के लिए - मनोकामना
- रात बाकी - नमक हलाल
- यार बिना चैन कहां रे - साहब
- ऊ ला ला ऊ ला ला - द डर्टी पिक्चर
पॉप का तड़का
बप्पी लाहिड़ी ने बॉलिवुड में गीतों को पॉप का तड़का लगाया और भारतीय दर्शकों को एक नया स्वाद प्रदान किया। भारतीय संगीत जगत में एक समय ऐसा भी था जब बप्पी लाहिड़ी का नाम आते ही लोगों के जहन में झुमते हुए गानें और बेहतरीन म्यूजिक घूमता था।
मृत्यु
बप्पी लाहिड़ी का निधन 16 फ़रवरी, 2022 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ। उन्होंने मुंबई में जुहू के क्रिटी केयर अस्पताल में रात 11 बजे आखिरी सांस ली। दिग्गज गायक बप्पी लाहिड़ी काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह कोरोना वायरस से भी संक्रमित हो गए थे, जिसके चलते उनकी मुसीबत और बढ़ गई थी। वहीं बप्पी दा का इलाज कर रहे डॉक्टर्स ने कहा था- 'बप्पी जी करीब एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें 14 फ़रवरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन 15 फ़रवरी के दिन अचानक उनकी सेहत काफी बिगड़ गई और उनके परिवार ने हमारे एक डॉक्टर को घर बुलाया और उन्हें तुरंत अस्पताल लाया गया। बप्पी लाहिड़ी को स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतें थीं जिसके चलते उनका देर रात ओएसए ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के कारण उनका निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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