घंटासला वेंकटेश्वर राव
घंटासला वेंकटेश्वर राव
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पूरा नाम | घंटासला वेंकटेश्वर राव |
प्रसिद्ध नाम | घंटासला |
जन्म | 4 दिसम्बर, 1922 |
जन्म भूमि | चौटापल्ली, ज़िला कृष्णा, आंध्र प्रदेश |
मृत्यु | 11 फ़रवरी 1974 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | तेलुगु सिनेमा |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री (1970) |
प्रसिद्धि | संगीतकार, गायक, स्वतंत्रता सेनानी |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | महान गायक घंटासला वेंकटेश्वर राव कम उम्र में ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे। वह 20 वर्ष के युवा थे, जब वह अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संपर्क में आये। उन्होंने अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। |
घंटासला वेंकटेश्वर राव (अंग्रेज़ी: Ghantasala Venkateswara Rao, जन्म- 4 दिसम्बर, 1922; मृत्यु- 11 फ़रवरी 1974) तमिल सिनेमा में उत्कृष्ट संगीतकार थे। वह 'संयुक्त राष्ट्र शांति पदक' प्राप्तकर्ता, 'पद्म श्री' (1970) विजेता, थिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पहले 'अस्थान विदवान' और स्वतंत्रता सेनानी थे। संगीत उद्योग में उनका योगदान और प्रभाव असंख्य है जो आज भी युवा कलाकारों को प्रेरित करता है। अपने छोटे जीवन काल के बावजूद घंटासला वेंकटेश्वर राव ने कई भाषाओं में 25,000 से अधिक गाने गाए और कई सदाबहार हिट फ़िल्में दीं।
जन्म
घंटासला वेंकटेश्वर राव का जन्म 4 दिसंबर, 1922 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के चौटापल्ली में हुआ था।[1]
क्रांतिकारी गतिविधियाँ
महान गायक घंटासला वेंकटेश्वर राव कम उम्र में ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए थे। वह 20 वर्ष के युवा थे, जब वह अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के संपर्क में आये। उन्होंने अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। एक प्रभावशाली उम्र में होने के कारण वे गांधीजी के भाषणों के साथ-साथ स्वतंत्रता के योद्धाओं के देश भक्ति पूर्ण उत्साह से बहुत प्रभावित थे।
सज़ा
घंटासला वेंकटेश्वर राव को छह देश भक्ति पूर्ण गीत प्रस्तुत करने के लिए गिरफ्तार किया गया और दोषी ठहराया गया, जिन्होंने देश के लोगों में देश के प्रति मजबूत भावना जगाई। ऐसा कहा जाता है कि वह अपनी दिव्य प्रतिभा के बल पर अपने गीतों से लोगों के दिलों को झकझोर सकते थे। उन्होंने अलीपुर और बेल्लारी जेलों में 18 महीने जेल में काटे और उनके द्वारा गाए गए प्रत्येक गाने के लिए उन्हें तीन महीने की सजा हुई।
सम्मान
- भारत सरकार ने 2003 में घंटासला वेंकटेश्वर राव पर स्मारक डाक टिकट जारी किया था।[1]
- पद्म श्री (1970)
- सरकार ने गुंटूर में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की है।
- कई शैक्षणिक संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
मृत्यु
भारत के इस महान सपूत का 11 फ़रवरी 1974 को 51 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 घंटासला वेंकटेश्वर राव (हिंदी) amritmahotsav.nic.in। अभिगमन तिथि: 03 मार्च, 2024।
बाहरी कड़ियाँ
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