संविधान संशोधन- 86वाँ
| |
विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
86वाँ संशोधन | 2002 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (86वाँ संशोधन) अधिनियम, 2002
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- इसका संबंध अनुच्छेद 21 के पश्चात् जोड़े गए नए अनुच्छेद 21 ए से है।
- नया अनुच्छेद 21ए, शिक्षा के अधिकार से संबंधित है-"राज्य को छह से 14 साल तक के सभी बच्चों को निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करानी होगी। यह संबंधित राज्य द्वारा निर्धारित क़ानून के तहत होगी।"
- संविधान के अनुच्छेद 45 में निम्नलिखित अनुच्छेद जोड़ा गया है जिसमें छह साल से कम उम्र के बच्चों की शुरुआती देखभाल और उनकी शिक्षा की व्यवस्था की गई है।
- अनुच्छेद 45 "राज्य को तब तक सभी बच्चों की शुरुआती देखभाल और शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए प्रयास करना होगा जब तक वह छह साल की आयु का नहीं हो जाता है।"
- संविधान के अनुच्छेद 51 ए में संशोधन करके (J) के बाद नया अनुच्छेद (K) जोड़ा गया है, "इसमें छह साल से 14 साल तक की आयु के बच्चे के माता-पिता या अभिभावाक अथवा संरक्षक को अपने बच्चे को शिक्षा दिलाने के लिए अवसर उपलब्ध कराने का प्रावधान है।"
|
|
|
|
|