एस. पी. सिंह बघेल
| |
पूरा नाम | सत्य पाल सिंह बघेल |
जन्म | 21 जून, 1960 |
जन्म भूमि | इटावा, उत्तर प्रदेश |
पति/पत्नी | मधु बघेल |
संतान | एक पुत्र, एक पुत्री |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | राज्य मंत्री, न्याय और कानून मंत्रालय- 7 जुलाई, 2021 से |
शिक्षा | एम.एस.सी., एल.एल.बी., पी.एच.डी., |
विद्यालय | महाराजा जियाजीराव विश्वविद्यालय, ग्वालियर (मध्य प्रदेश); मेरठ विश्वविद्यालय, मेरठ (उत्तर प्रदेश) |
अन्य जानकारी | विधानसभा चुनाव 2017 में टूंडला सुरक्षित सीट से एस. पी. सिंह बघेल भाजपा विधायक बने थे। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में शामिल किया गया था। |
अद्यतन | 15:21, 14 जुलाई 2021 (IST)
|
सत्य पाल सिंह बघेल (अंग्रेज़ी: Satya Pal Singh Baghel, जन्म- 21 जून, 1960, इटावा, उत्तर प्रदेश) आगरा से भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में 7 जुलाई, 2021 को हुए विस्तार तथा फेरबदल के बाद 'न्याय और क़ानून मंत्रालय में राज्य मंत्री' बनाया गया है। उन्होंने मुलायम सिंह यादव से नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल तक का सफर पूरा किया है। केंद्रीय मंत्री बनने में उनका अनुभव काम आया। वह पांच बार सांसद और यूपी कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। एस. पी. सिंह बघेल के राजनीतिक सफर की कहानी रोचक और दिलचस्प है।
परिचय
सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भटपुरा के मूल निवासी हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात रहे एस. पी. सिंह बघेल 1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी सुरक्षा में शामिल हो गए। एस. पी. सिंह बघेल से प्रभावित मुलायम सिंह यादव ने उनको जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 1998 में पहली बार उतारा था।[1]
राजनीतिक सफलतला
एसपी सिंह बघेल ने अपने पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की। उसके बाद दो बार सांसद चुने गए। 2010 में बसपा ने उन्हें राज्य सभा में भेजा। साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दी। 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़े, लेकिन चुनाव हार गए।
2014 में मिली हार के बाद एसपी सिंह बघेल ने राज्य सभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। वह भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिये गए। विधानसभा चुनाव 2017 में टूंडला सुरक्षित सीट से आप भाजपा विधायक बने। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में शामिल किया गया। पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विभाग संभाला। 2017 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आगरा लोकसभा क्षेत्र से उन्हें टिकट दिया। यहां से भी प्रो. एसपी सिंह बघेल ने शानदार जीत दर्ज की। बघेल को आगरा से वर्तमान सांसद रामशंकर कठेरिया का टिकट काटकर चुनाव लड़वाया गया था। अब केंद्रीय कैबिनेट में राज्यमं त्री बनाए गए हैं।[1]
भाजपा का मिशन 2022
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर ब्रज क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को साधने के लिए बड़ा दांव खेला है। क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के मतदाता कई संसदीय क्षेत्र को प्रभावित करते हैं। इन क्षेत्रों में एस. पी. सिंह बघेल का बड़ा जनाधार है। भाजपा बघेल के सहारे पिछड़े वर्ग के वोटरों को एकजुट करने में लगी है। भाजपा के रणनीतिकारों को मानना है कि किसी भी तरह पिछड़ा वर्ग के वोटरों को एकजुट कर लिया जाए तो मिशन 2022 की राह आसान हो जाएगी। ब्रज में एसपी सिंह बघेल के अतिरिक्त ऐसा कोई चेहरा नहीं है जिसका कई जिलों में जनाधार हो। एस. पी. सिंह बघेल जलेसर से तीन बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में एटा और कासगंज में उनका बड़ा आधार है। एस. पी. सिंह बघेल ने 2014 में फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्र से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि यह चुनाव वे हार गए थे। इसके बाद 2017 में टूंडला से विधायक रहे और 2019 से आगरा से सांसद चुने गए।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 14 जुलाई, 2021।
संबंधित लेख
नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
---|