सद्र-उस-सुदूर सल्तनत काल में धर्म एवं दान विभाग का प्रमुख था। धार्मिक मामलों पर यह सुल्तान का प्रमुख सलाहकार भी होता था।
- प्रायः काजी-ए-मुमालिक एवं सद्र-उस-सुदूर का पद एक ही व्यक्ति को दिया जाता था।
- इसका कार्य इस्लामी नियमों तथा उपनियमों को लागू करना होता था।
- मुसलमानों से लिए जाने वाले जकात पर इसी अधिकारी का अधिकार होता था।
- यह मस्जिदों, मकतबों एवं मदरसों के निर्माण के लिए धन मुहैया कराता था।
इन्हें भी देखें: सल्तनत काल, सल्तनत काल की शब्दावली, सल्तनत काल का प्रशासन एवं सल्तनत कालीन राजत्व सिद्धांत
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