अशोक लवासा (अंग्रेज़ी: Ashok Lavasa, जन्म- 21 अक्टूबर, 1957, राजस्थान) भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त रहे हैं। वह 1980 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। उनका स्थान अब राजीव कुमार को दिया गया है जो कि 1984 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 31 अगस्त, 2020 से प्रभावी है। अशोक लवासा 'एशियाई विकास बैंक' में उपाध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं।
- अशोक लवासा ने 23 जनवरी, 2018 को भारत के चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार संभाला था और उन्हें अक्तूबर 2022 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में सेवामुक्त होना था। हालांकि अब वे 'एशियाई विकास बैंक' के उपाध्यक्ष का पद संभालेंगे। उन्हें अगस्त में सेवानिवृत्त होने वाले दिवाकर गुप्ता की जगह यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- एशियन डेवलपमेंट बैंक ने बयान में कहा था, 'एडीबी ने अशोक लवासा को प्राइवेट सेक्टर ऑपरेशंस और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए बैंक में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। वह दिवाकर गुप्ता की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त तक का है।' एक बयान में कहा गया है कि राज्य और संघीय स्तर पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी और बुनियादी ढांचे के विकास क्षेत्र में अशोक लवासा का व्यापक अनुभव है, जहां उनका सार्वजनिक नीति और निजी क्षेत्र की भूमिका के बारे में गहन जानकारी है।
- चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति से पहले अशोक लवासा केंद्रीय वित्त सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले वे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के केंद्रीय सचिव भी रहे।[1]
- गौरतलब है कि अशोक लवासा उस समय चर्चा में आए थे, जब 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता के उल्लंघन मामले में क्लीन चीट मिलने का विरोध किया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने दिया पद से इस्तीफा, एडीबी बैंक के बनेंगे उपाध्यक्ष (हिन्दी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2020।