अश्विनी वैष्णव
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पूरा नाम | अश्विनी वैष्णव |
जन्म | 18 जुलाई, 1970 |
जन्म भूमि | जोधपुर, राजस्थान |
पति/पत्नी | सुनीता वैष्णव |
संतान | दो |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | रेल मंत्री- 8 जुलाई, 2021 से संचार मंत्री- 8 जुलाई, 2021 से |
विद्यालय | एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज (जेएनवीयू) जोधपुर आईआईटी कानपुर |
अन्य जानकारी | भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अश्विनी वैष्णव उपसचिव रह चुके हैं। उस दौरान उन्होंने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल को तैयार करने में विशेष योगदान दिया था। |
अश्विनी वैष्णव (अंग्रेज़ी: Ashwini Vaishnaw, जन्म- 18 जुलाई, 1970, जोधपुर, राजस्थान) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा में अधिकारी रहे हैं। वर्तमान में वह 8 जुलाई, 2021 से भारत के रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री' के रूप में कार्यरत हैं। अश्विनी वैष्णव भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। देश के नए रेल मंत्री बने अश्विनी वैष्णव आईआईटी कानपुर से पढ़े लिखे हैं और 1994 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी ऑल इंडिया लेवल पर 27वीं रैंक आई थी। इसके बाद उन्होंने ओडिशा के बालासोर और कटक जिले के डीएम के तौर पर काम किया था।
परिचय
अश्विनी वैष्णव का जन्म 18 जुलाई, सन 1970 को ज़िला जोधपुर, राजस्थान के एक बैरागी परिवार में हुआ था। उन्होंने 1991 में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज (जेएनवीयू) जोधपुर, राजस्थान से इलेक्ट्रॉनिक और संचार इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में स्वर्ण पदक के साथ स्नातक किया और फिर आईआईटी कानपुर से एम.टेक पूरा किया। 1994 में उनकी आईएएस की अखिल भारतीय रैंक 27 थी। 2008 में अश्विनी वैष्णव पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए करने के लिए अमेरिका चले गए।[1]
गौरतलब है कि 15 नये कैबिनेट मंत्रियों में छठवें नंबर पर शपथ लेने वाले अश्विनी वैष्णव अब किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। करीब दो साल पहले उन्होंने राज्यसभा सांसद के रूप में संसद में कदम रखा था और अब कैबिनेट में अपनी पैठ कायम कर ली है। तकनीक में उस्ताद 50 वर्षीय अश्विनी वैष्णव टीम मोदी के ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में अपनी दक्षता की वजह से मौका मिला। बताया जाता है कि कोरोना महामारी के दौर में कई नीतियों के निर्धारण में उनकी भी अहम भूमिका रही थी।
काबिलियत
भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अश्विनी वैष्णव उपसचिव रह चुके हैं। उस दौरान उन्होंने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल को तैयार करने में विशेष योगदान दिया था। वहीं, जब वाजपेयी ने प्रधानमंत्री कार्यालय छोड़ा तो अश्विनी वैष्णव ने उनके निजी सचिव की भूमिका निभाई।
1999 में किया था कारनामा
जानकारी के मुताबिक अश्विनी वैष्णव राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। 1999 में सुपर साइक्लोन के दौरान वह अपने सटीक फैसलों की वजह से सुर्खियों में छा गए थे। दरअसल, उस वक्त अश्विनी युवा आईएएस थे, जिन्होंने अमेरिकी नौसेना की वेबसाइट के माध्यम से तूफान पर नजर रखी और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को वक्त पर जानकारी मुहैया कराते रहे। अश्विनी वैष्णव की शैक्षिक योग्यता उनकी क्षमता की जानकारी खुद-ब-खुद देती है। दरअसल, वह जोधपुर विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इसके अलावा उन्होंने कानपुर आईआईटी से औद्योगिक प्रबंधन में एमटेक और व्हार्टन से वित्त और रणनीति में एमबीए किया है।[1]
सिविल सेवा से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति
अश्विनी वैष्णव ने सिविल सर्विस से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। इसके बाद उन्होंने दक्षिण एशिया में जीई ट्रांसपोर्टेशन कंपनी में बतौर प्रबंधक निदेशक अपनी सेवाएं दीं। साथ ही, सीमेंस कंपनी के अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रैटजी विभाग के प्रमुख की भूमिका भी निभाई। वहीं, 2017 के दौरान उन्होंने अन्य उद्यमियों के साथ मिलकर एक स्टार्टअप शुरू किया। इसके तहत ओडिशा में आयरन ऑक्साइड पेलेट बनाने वाली एक कंपनी का अधिग्रहण किया।
राज्यसभा सांसद
करीब दो साल पहले राज्यसभा में अश्विनी वैष्णव का प्रवेश बेहद नाटकीय अंदाज में हुआ था, जिससे उनकी अहमियत का पता चलता है। दरअसल, उस दौरान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें 'बीजू जनता दल' का प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन बाद में भाजपा ने जून 2019 के दौरान उच्च सदन के उम्मीदवार के रूप में उनका समर्थन कर दिया। उस वक्त राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी अपने एक सदस्य को उच्च सदन भेज सकती थी। ऐसे में बीजद ने राज्यसभा की सीट अश्विनी वैष्णव के नाम कर दी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 नए रेल व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (हिंदी) amarujala.com। अभिगमन तिथि: 11 जुलाई, 2021।
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