भावना सोमाया
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पूरा नाम | भावना सोमाया |
जन्म | 7 सितंबर, 1950 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | भारत |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्म श्री' (2017) |
प्रसिद्धि | पत्रकार, आलोचक, लेखिका, फ़िल्म इतिहासकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | भावना सोमाया ने 1978 में फिल्मी पत्रकार और स्तंभकार के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की और द विक प्रेस जर्नल द्वारा प्रकाशित सिनेमा जर्नल में कैसली स्पीकिंग नामक कॉलम लिखा। |
अद्यतन | 16:02, 27 जून 2021 (IST)
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इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
भावना सोमाया (अंग्रेज़ी: Bhawana Somaaya, जन्म- 7 सितंबर, 1950, मुम्बई, महाराष्ट्र) भारतीय लेखक, फ़िल्म इतिहासकार, पत्रकार तथा आलोचक हैं। साल 1978 में फ़िल्म रिपोर्टर के रूप में अपने पेशा शुरू करने के बाद भावना सोमाया 1980 और 1990 के दौरान कई फ़िल्म पत्रिकाओं के साथ काम करने लगीं। आख़िरकार साल 2000 से 2007 तक वह 'स्क्रीन' नामक अग्रणी फ़िल्म पत्रिका की संपादक बनीं। भावना सोमाया ने हिन्दी सिनेमा के इतिहास और बॉलीवुड सितारों की आत्मकथाओं पर 13 किताबें लिखी हैं। वर्ष 2017 में उन्हें तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा 'पद्म श्री' से नवाजा गया था।
परिचय
भावना सोमाया का जन्म 7 सितंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। वह अपने आठ भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। उन्होंने मुंबई के सायन में हमारी लेडी ऑफ गुड काउंसिल हाई स्कूल से स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी और अंधेरी पश्चिम में वल्लभ संगीतालय से भरतनाट्यम में भी प्रशिक्षित हैं। स्कूली शिक्षा के बाद उन्होंने मनोविज्ञान में स्त्रातक किया और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई विश्वविद्यालय से एलएलबी क्रिमिनोलॉजी कि डिग्री हासिल की। उन्होंने के.सी. कॉलेज मुंबई में पत्रकारिता की पढाई भी की थी।[1]
कार्यक्षेत्र
भावना सोमाया ने फिल्म रिपोर्टर के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की। वह 1990 के दशक में कई फिल्मी पत्रिकाओं के साथ काम करने चली गईं। भावना सोमाया ने 1978 में फिल्मी पत्रकार और स्तंभकार के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की और द विक प्रेस जर्नल द्वारा प्रकाशित सिनेमा जर्नल में कैसली स्पीकिंग नामक कॉलम लिखा। सुपर पत्रिका 1980-1981 में काम करने के बाद वह इंडिया बुक हाऊस द्वारा एक सहायक संपादक के रूप में प्रकाशित मूवी पत्रिका में शामिल हो गईं और 1985 में सह संपादक बन गईं। 1989 में वह जी की संपादक बन गईं।
इस बीच उन्होंने अभिनेत्री शबाना आज़मी के साथ 'कामयाव' (1984), 'भावणा' (1984), 'आज का विधायक राम अवतार' (1984) और 'मूख्या आजाद हूँ' (1989) जैसी फिल्मों में बतौर कॉस्टयूम डिजाइनर काम किया। इन वर्षों में उनके कॉलम द ऑब्जर्वर दोपहर जन्मभूमि द हिंदू, द हिंदुस्तान टाइम्स और इंडियन एक्सप्रेस जैसे प्रकाशनों में छपे। 1999 में उन्होंने जीवनी, अमिताभ द लेजेंड के साथ एक लेखक के रूप में अपना कॅरियर शुरू किया।
बच्चनलिया को ऑसियंस सेंटर फॉर आर्काइविंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट सीएआरडी द्वारा सहलेखल किया गया था और उनके फिल्मी कॅरियर के 40 वर्षों की प्रचार साम्रग्री भी शामिल थी। उन्होंने हिंदी सिनेमा के इतिहास, सलाम बॉलीवूड 2000 और टेक 25 स्टार इनसाइटस एंड एटिटयूडस 2002 पर किताबें भी लिखी हैं जिसे अभिनेत्री रेखा ने मुंबई में एक समारोह में जारी किया था। 25 साल पूरे होने पर भावना सोमाया ने एक फिल्मी पत्रकार के रूप में भी कार्य किया।[1]
वर्ष 2008 में भावना सोमाया स्वस्तिक पिक्चर्स में शामिल हुईं जो एक टेलीविजन प्रोडक्शन कंपनी थी। जिसने टीवी सीरीज 'अम्बर धरा' बनाई थी। इसमें भावना सोमाया ने एक मीडिया सहकार के रूप में कार्य किया। मई 2012 में वह शुक्रवार फिल्म समीक्षक बिगएफ़एम92.7 रिलायंस मीडिया के एफ़एम रेडियो स्टेशन के लिये कार्य करने लगीं। 2012 में वह ब्लॉकबस्टार में शामिल हुईं, जो नई लॉन्च की गई फिल्म ट्रेड पत्रिका थी।
पुस्तकें
- हिंदी सिनेमा के इतिहास और बॉलीवुड सितारों की जीवनी पर 13 किताबें लिखी हैं।
- अमिताभ बच्चन द लेजेंड, 1999
- बच्चनालिया द फिल्म एंड मेमोरिलिया ऑफ अमिताभ बच्चन, 2009
- अमिताभ लेक्किन, 2011
- द स्टोरी सो फ़ॉर, 2003
- सिनेमा छवियाँ और मुद्रदे, 2004
- हेमा मालिनी : द ऑथराइ्जड बायोग्राफी, 2007
- खंडित फ्रेम: एक आलोचना के प्रतिबिंब
- मदर मेडन मालकिन : महिलाएं हिंदी सिनेमा में, 2012
- सलाम बॉलीवुड : द पेन एंड द पैशन, 2000
- कृष्ण भगवान जो मनुष्य के रूप में रहते थे, 2008
- टॉकिंग सिनेमा : अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं के साथ बातचीत, 2013
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 भावना सोमाया की जीवनी (हिंदी) jivani.org। अभिगमन तिथि: 27 जून, 2021।