बिड़ला मंदिर मथुरा
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विवरण | बिरला मन्दिर का निर्माण सेठ जुगल किशोर बिड़ला ने कराया था। यह मथुरा-वृन्दावन मार्ग पर अवस्थित है। इसमें चक्रधारी श्रीकृष्ण की विशाल प्रतिमा प्रतिष्ठित है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मथुरा |
निर्माता | सेठ जुगलकिशोर बिड़ला |
मार्ग स्थिति | मथुरा से 5 कि.मी. की दूरी पर |
प्रसिद्धि | हिन्दू धार्मिक स्थल |
कब जाएँ | कभी भी |
बस, ऑटो, कार आदि | |
एस.टी.डी. कोड | 0565 |
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अन्य जानकारी | मथुरा का बिड़ला मंदिर दिल्ली के भव्य 'लक्ष्मीनारायण मन्दिर' का ही छोटा रूप है। इसमें चक्रधारी श्रीकृष्ण की विशाल प्रतिमा प्रतिष्ठित है। देवालय के उत्तर में लाल पत्थर का एक स्तंभ है, जिस पर सम्पूर्ण 'गीता' उत्कीर्ण की गई है। |
अद्यतन | 11:24, 26 जुलाई 2016 (IST)
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बिरला मन्दिर मथुरा के प्रसिद्ध मन्दिरों में से एक है। मथुरा-वृन्दावन मार्ग पर अवस्थित इस मन्दिर को 'गीता मन्दिर' भी कहा जाता है। बिड़लाजी का मन्दिर मथुरा से प्रायः 5 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। सेठ जुगल किशोर बिड़ला ने इसका निर्माण कराया था। इसमें चक्रधारी श्रीकृष्ण की विशाल प्रतिमा प्रतिष्ठित है। देवालय के उत्तर में लाल पत्थर का एक स्तंभ है, जिस पर सम्पूर्ण 'गीता' उत्कीर्ण की गई है। मन्दिर का परिषद रमणीक उद्यान से आच्छादित है।
मंदिर की प्रतिमाएँ
मथुरा का बिड़ला मंदिर दिल्ली के विशाल भव्य 'लक्ष्मीनारायण मन्दिर' का ही छोटा रूप है। मन्दिर एक प्रशस्त लम्बे-चौड़े विशाल भूभाग में बना हुआ है, जो ऊँची पक्की चहारदीवारी से घिरा है। इसमें पांचजन्य शंख और सुदर्शन चक्र लिये हुए भगवान श्रीकृष्ण की भव्य श्वेत प्रतिमा प्रतिष्ठित है। साथ ही सीता-राम एवं भगवान लक्ष्मी नारायन के भी विग्रह प्रतिष्ठित हैं।
विशेषताएँ
इस प्रसिद्ध मंदिर की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
- एक सफ़ेद स्तम्भ पर सम्पूर्ण 'गीता' अंकित की गई है।
- मन्दिर के सामने यात्रियों के विश्राम के लिए धर्मशाला बनी हुई है।
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वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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