चाँद बर्क
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पूरा नाम | चाँद बर्क |
जन्म | 2 फ़रवरी, 1932 |
जन्म भूमि | झूमरा, पाकिस्तान |
पति/पत्नी | सुंदर सिंह भवनानी |
संतान | पुत्री- टोनिया, पुत्र- जगजीत सिंह |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | हिंदी सिनेमा |
प्रसिद्धि | अभिनेत्री |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | राज कपूर, हिंदी सिनेमा, रणवीर सिंह |
अन्य जानकारी | चाँद बर्क बहुत अच्छा डांस करती थीं। इसलिए उनका नाम 'डांसिंग लिली ऑफ पंजाब' रख दिया गया था। चाँद बर्क को पंजाबी सिनेमा से बॉलीवुड में लाने का श्रेय राज कपूर को जाता है। |
चाँद बर्क (अंग्रेज़ी: Chand Burke, जन्म- 2 फ़रवरी, 1932) भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री थीं। वह प्रसिद्ध हिन्दी फ़िल्म अभिनेता रणवीर सिंह की दादी थीं। चाँद बर्क ने अपना फिल्मी सफर सन 1946 में पंजाबी फिल्मों से शुरू किया और देखते ही देखते वह पंजाबी सिनेमा की टॉप अभिनेत्री बन गईं। चाँद बर्क बहुत अच्छा डांस करती थीं। इसलिए उनका नाम 'डांसिंग लिली ऑफ पंजाब' रख दिया गया था। चाँद बर्क को पंजाबी सिनेमा से बॉलीवुड में लाने का श्रेय राज कपूर को जाता है।
परिचय
आज के जमाने के टॉप अभिनेता रणवीर सिंह की दादी भी अपने जमाने की टॉप अभिनेत्री थीं। रणवीर की दादी का नाम था चाँद बर्क। चाँद बर्क का जन्म 2 फ़रवरी, 1932 को पाकिस्तान के झूमरा में हुआ था। ईसाई परिवार में पैदा हुईं चांद बर्क का 12 भाई बहनों का भरा-पूरा परिवार था। चाँद बर्क अपने सभी भाई बहनों में सबसे छोटी थीं। वह बचपन से ही हर कला में निपुण थीं। अपने पूरे परिवार में सबसे होशियार थीं। चाहे बात पढ़ाई की हो, घर के कामकाज की या फिर कला संस्कृति की।
विवाह
इसके बाद 1957 में चांद बर्क ने सुंदर सिंह भवनानी से विवाह किया। सुंदर पेशे से आर्किटेक्ट थे और बहुत बड़े बिसनेसमैन भी थे। बाद में चांद के 2 बच्चे हुए बेटी टोनिया और बेटा जगजीत सिंह। चांद की बेटी इस समय अमेरिका में हैं तो वहीं बेटा जगजीत सिंह मुंबई में। जगजीत सिंह भी बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं और अभिनेता रणवीर सिंह के पिता हैं। चाँद बर्क हमेशा से चाहती थीं कि उनका बेटा जगजीत अपनी मां की तरह ही एक बड़ा अभिनेता बने। लेकिन बेटे ने बाप की राह पर अपने कदम मोड़ लिए और बिजनेसमैन बन गया। इसके बाद चाँद बर्क को उम्मीद थी अपने पोते रणवीर सिंह से। उन्हें पता था कि उनका पोता जरूर उनका नाम रोशन करेगा। ऐसा हुआ भी, रणवीर सिंह आज बॉलीवुड के टॉप अभिनेताओं में शुमार होते हैं। रणवीर की दादी और अभिनेत्री चाँद बर्क हमेशा कहा करती थीं, 'जो हमारे पास नहीं है वो ख्वाब है और जो हमारे पास है वो लाजवाब है।'
फ़िल्मी शुरुआत
चाँद बर्क ने अपना फिल्मी सफर 1946 में पंजाबी फिल्मों से शुरू किया और देखते ही देखते पंजाबी सिनेमा की टॉप एक्ट्रेस बन गईं। चाँद बर्क बहुत अच्छा डांस करती थीं। इसलिए उनका नाम 'डांसिंग लिली ऑफ पंजाब' रख दिया गया। उनको पंजाबी सिनेमा से बॉलीवुड में लाने का श्रेय जाता है राज कपूर को। चाँद बर्क ने राज कपूर की फिल्म 'बूट पॉलिश' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। दोनों की पहली मुलाकात का क़िस्सा भी बेहद दिलचस्प है।
फ़िल्म 'बूट पॉलिश'
दरअसल राज कपूर पहली बार जब चाँद बर्क से मिले थे, तब चाँद बर्क ने उनकी हर बात का जवाब बड़ी ही बेबाकी से दिया। जो राज कपूर साहब को भी भा गया। जब चांद बर्क पहली बार राज कपूर से मिलीं तो राजकपूर ने उनसे उनके परिवार के बारे में पूछा। चांद ने बताया कि वो लोग 12 भाई बहन हैं और मैं सबसे छोटी हूं। चांद के इस जवाब के बाद राज कपूर ने पूछा कि आपके पिता क्या करते हैं? इस सवाल के जवाब में चांद ने अपने अंदाज में बेबाकी से कहा बस यही करते हैं अपने ढेर सारे बच्चों की परवरिश और क्या? बस, यही बात सुनकर राज कपूर चांद पर फिदा हो गए और फौरन उन्हें अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया। चांद की पहली बॉलीवुड फिल्म 1954 में आई 'बूट पॉलिश' थी। इस फिल्म में उनका किरदार भी उनके असल रूप की तरह ही बिल्कुल बिंदास और बेबाक औरत का था जिसकी जुबान कैंची की तरह चलती थी।
मृत्यु
अभिनेता रणवीर सिंह ने बॉलीवुड में अपना एक अलग ही मुकाम बना लिया है। उन्होंने अपनी दादी के सपने को सच कर दिखाया है। हालांकि चाँद बर्क उनका यह सपना अपने जीते जी नहीं देख पाईं। रणवीर की डैब्यू फ़िल्म 'बैंड बाजा बारात' रिलीज होने के 2 साल पहले ही चाँद ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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