ज़ीनत अमान
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पूरा नाम | ज़ीनत अमान |
अन्य नाम | ज़ीनत ख़ान |
जन्म | 19 नवंबर, 1951 |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
अभिभावक | पिता- अमानुल्ला ख़ान |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | हिंदी सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | 'हीरा पन्ना', 'इश्क इश्क इश्क', 'प्रेम शस्त्र', 'वारंट', 'डार्लिंग डार्लिंग', 'कलाबाज़', 'वारंट', 'यादों की बारात' आदि। |
पुरस्कार-उपाधि | फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार |
प्रसिद्धि | अभिनेत्री |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | ज़ीनत अमान ने फ़िल्म 'सत्यम शिवम् सुंदरम' के लिए एक ऑडिशन दिया, जिसमें उन्होंने एक गांव की लड़की 'रूपा' की भूमिका निभाई थी और जिसका एक तरफ से चेहरा जला हुआ था। |
ज़ीनत अमान (अंग्रेज़ी: Zeenat Aman, जन्म- 19 नवंबर, 1951, मुम्बई) भारतीय हिंदी सिनेमा की ख्यातिप्राप्त अभिनेत्री रही हैं। वह एक अभिनेत्री होने के साथ ही पूर्व मॉडल भी हैं। उन्हें 1970 और 1980 के दशक के दौरान हिन्दी फ़िल्मों में अपने काम के लिए जाना जाता है। बॉलीवुड में अपनी शुरुआत करने पर ज़ीनत अमान को परवीन बॉबी के साथ हिन्दी सिनेमा की अग्रणी अभिनेत्रियों को आधुनिक रूप देकर उनकी छवि पर स्थायी प्रभाव छोड़ने का श्रेय दिया गया है। फ़िल्म 'यादों की बारात' (1973) की सफलता के बाद ज़ीनत अमान स्टार बन गई थीं। इस फ़िल्म में 'चुरा लिया है तुमने जो दिल को' गीत ज़ीनत पर फ़िल्माया गया और वे युवाओं के दिल की धड़कन बन गईं। वर्ष 1972 में उन्हें फ़िल्म ‘हरे राम हरे कृष्णा’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
परिचय
ज़ीनत अमान का जन्म बम्बई (वर्तमान मुम्बई) में 19 नवंबर, 1951 को एक मुस्लिम पिता और हिन्दू मां के घर हुआ था। उनकी मां महाराष्ट्र की हैं। ज़ीनत अमान अभिनेता रज़ा मुराद की चचेरी बहन और अभिनेता मुराद की भतीजी हैं। पिता की मृत्यु के बाद उनकी माँ ने हेंज नाम के एक जर्मन व्यक्ति से शादी की और जर्मन नागरिकता भी प्राप्त की। ज़ीनत अमान स्वर्गीय अमानुल्ला ख़ान की बेटी हैं, जिन्होंने फ़िल्म ‘मुग़ल-ए-आज़म’ और ‘पाकीज़ा’ की पटकथा को लिखा था। जब ज़ीनत 13 वर्ष की थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया। जिसके चलते ज़ीनत ने अपने पिता के उपनाम (अमान) को अपनाया। ज़ीनत अमान ने कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जैसे- उन्होंने मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता (1970) में दूसरा स्थान हासिल किया। इसके साथ-साथ उन्होंने ‘मिस पैसिफिक एशिया’ (1970) का खिताब जीता। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला बनीं। इसके अलावा उन्होंने मनीला में भारत का प्रतिनिधित्व किया और एक अन्य ख़िताब ‘मिस फोटोजेनिक’ को जीता।
वैवाहिक स्थिति
ज़ीनत अमान का वैवाहिक जीवन काफी दु:खदायी था। जिसके चलते संजय ख़ान से विवाह करने के एक साल के भीतर उनका तलाक हो गया। उसके बाद उन्होंने दूसरा विवाह किया। दुर्भाग्यवश वह विवाह भी उनका कठिनाईयों भरा रहा। जिसके चलते 12 वर्ष के भीतर उनके दूसरे पति का भी निधन हो गया।
कॅरियर
बहुत-से लोगों का मानना है कि ज़ीनत अमान की पहली फ़िल्म 'हरे राम हरे कृष्णा' थी, परन्तु उनकी पहली फ़िल्म 'हलचल' (1971) और 'हंगामा' (1971) थी। ज़ीनत अमान जेनिस/जसबीर जयसवाल की भूमिका के लिए तीसरी पसंद थीं, इससे पहले [[मुमताज]] और ज़ाहिदा ने देव आनंद की बहन की भूमिका अदा करने से मना कर दिया था। वह ज़ीनत ही थीं जिन्होंने फ़िल्म में देव आनंद की बहन की भूमिका निभाने की सहमति व्यक्त की।
ज़ीनत अपनी पहली दो फ़िल्मों की विफलता से काफी निराश हुईं, जिसके चलते उन्होंने अपने अभिनय करियर को समाप्त करने का मन बनाया और अपने सौतेले पिता और माता के साथ देश छोड़कर जाने लगीं। तभी देव आनंद ने ज़ीनत अमान से फ़िल्म 'हरे राम हरे कृष्णा' के रिलीज़ होने तक रुकने को कहा। अंत में फ़िल्म ने व्यवसायिक सफलता हासिल की और फ़िल्मजगत में सुपरहिट साबित हुई। जिसने ज़ीनत को एक बार फिर अपने अभिनय करियर में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया। वह फ़िल्मजगत में हेमा मालिनी के बराबर सबसे अधिक भुगतान हासिल करने वाली अभिनेत्री थीं।
ज़ीनत अमान ने फ़िल्म “सत्यम शिवम् सुंदरम” के लिए एक ऑडिशन दिया, जिसमें उन्होंने एक गांव की लड़की 'रूपा' की भूमिका निभाई थी और जिसका एक तरफ से चेहरा जला हुआ था। जब ज़ीनत ने उस भूमिका के लिए मेकअप किया तो फ़िल्म के निर्देशक राज कपूर ने उन्हें देखते ही फ़िल्म में साइन करने का फैसला किया। क्योंकि राज कपूर का मानना था कि ज़ीनत अमान ही फ़िल्म में बेहतरीन भूमिका निभा सकती हैं। जिसके चलते राज कपूर ने ज़ीनत को फ़िल्म में साइन करते हुए सोने की गिनिया राशि के रूप में भेंट कीं।
लोकप्रियता
ज़ीनत अमान को फ़िल्म 'यादों की बारात' के गीत चुरा लिया है' से काफी लोकप्रियता मिली। दिलचस्प बात यह है कि ज़ीनत को इस गीत में एक सलवार सूट पहनना था। जो उन्होंने फ़िल्म के गीत के दौरान पहना। परन्तु उन्होंने गीत की शूटिंग के समय अपनी पोशाक को बदल दिया और कहा, 'मैं इस पहनावे में सहज महसूस नहीं कर रही हूँ और इसलिए मैं इसे बदलना चाहती हूँ'।
इमरान ख़ान और ज़ीनत
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान इमरान ख़ान ने क्रिकेट के मैदान पर खूब सुर्खिया बटोरी थीं। वो जब भी मैदान पर उतरते थे तो लाखों लड़कियों के दिलों की धड़कनें बढ़ने लगती थीं। ये वो दौर था जब इमरान ख़ान को देखकर लड़कियां आहें भरती थीं, उस वक्त लड़कियों में इमरान के लिए दीवानगी देखने लायक थी। इमरान की करोड़ों दीवानियों में एक नाम बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस ज़ीनत अमान का भी था।[1] हालांकि न तो कभी ज़ीनत अमान ने और न ही इमरान ने अपने रिश्ते को लेकर खुलकर बात की, लेकिन फिर भी दोनों के रिश्ते की खबरों ने अखबार के पहले पन्ने पर अपनी जगह पक्की कर ली थी। दोनों की लव स्टोरी की शुरूआत 70 के दशक में हुई, उस दौर में इमरान ख़ान पाकिस्तान के स्टार खिलाड़ी हुआ करते थे और ज़ीनत अमान बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा। दोनों की लव स्टोरी ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। खबरों की मानें तो दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया था लेकिन इस रिश्ते का अंत कुछ अच्छा नहीं रहा।
साल 1979 में नवंबर के महीने में पाकिस्तान की टीम भारत के दौरे पर आई थी, उस वक्त इमरान ख़ान के नाम के आगे पहली बार 'प्लेबॉय' शब्द का इस्तेमाल किया गया था। उस साल इमरान ख़ान ने अपना 27वां जन्मदिन अपनी टीम के साथियों के साथ बेंगलुरु के क्रिकेट स्टेडियम के ड्रेसिंग रूम में मनाया था, मगर कुछ भारतीय अखबारों ने ये दावा किया था कि इमरान ने अपना 27वां जन्मदिन बॉलीवुड दीवा ज़ीनत अमान के साथ मनाया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जब इमरान ख़ान और जीनत अमान की नजदीकियां बनी थीं सुर्खियां (हिंदी) zeenews.india.com। अभिगमन तिथि: 24 फ़रवरी, 2020।
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