"मेरे गीत -साहिर लुधियानवी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (श्रेणी:ग़ज़ल; Adding category Category:नज़्म (को हटा दिया गया हैं।))
 
पंक्ति 71: पंक्ति 71:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{गीतकार}}
{{गीतकार}}
[[Category:साहिर लुधियानवी]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]] [[Category:ग़ज़ल]][[Category:काव्य कोश]]
[[Category:साहिर लुधियानवी]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]] [[Category:काव्य कोश]]
[[Category:नज़्म]]
__NOTOC__
__NOTOC__
__INDEX__
__INDEX__

11:25, 24 जून 2013 के समय का अवतरण

इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
मेरे गीत -साहिर लुधियानवी
कवि साहिर लुधियानवी
जन्म 8 मार्च, 1921
जन्म स्थान लुधियाना, पंजाब
मृत्यु 25 अक्तूबर, 1980
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
मुख्य रचनाएँ तल्ख़ियाँ (नज़्में), परछाईयाँ (ग़ज़ल संग्रह)
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
साहिर लुधियानवी की रचनाएँ

मेरे सरकश तराने सुन के दुनिया ये समझती है
कि शायद मेरे दिल को इश्क़ के नग़्मों से नफ़रत है[1]

मुझे हंगामा-ए-जंग-ओ-जदल में कैफ़ मिलता है
मेरी फ़ितरत को ख़ूँरेज़ी के अफ़सानों से रग़्बत है
मेरी दुनिया में कुछ वक्त नहीं है रक़्स-ओ-नग़्में की
मेरा महबूब नग़्मा शोर-ए-आहंग-ए-बग़ावत है[2]

मगर ऐ काश! देखें वो मेरी पुरसोज़ रातों को
मैं जब तारों पे नज़रें गाड़कर आसूँ बहाता हूँ
तसव्वुर बनके भूली वारदातें याद आती हैं
तो सोज़-ओ-दर्द की शिद्दत से पहरों तिल्मिलाता हूँ
कोई ख़्वाबों में ख़्वाबीदा उमंगों को जगाती है
तो अपनी ज़िन्दगी को मौत के पहलू में पाता हूँ[3]

मैं शायर हूँ मुझे फ़ितरत के नज़ारों से उल्फ़त है
मेरा दिल दुश्मन-ए-नग़्मा-सराई हो नहीं सकता
मुझे इन्सानियत का दर्द भी बख़्शा है क़ुदरत ने
मेरा मक़सद फ़क़त शोला नवाई हो नहीं सकता
जवाँ हूँ मैं जवानी लग़्ज़िशों का एक तूफ़ाँ है
मेरी बातों में रन्ग-ए-पारसाई हो नहीं सकता[4]

मेरे सरकश तरानों की हक़ीक़त है तो इतनी है
कि जब मैं देखता हूँ भूक के मारे किसानों को
ग़रीबों को, मुफ़लिसों को, बेकसों को, बेसहारों को
सिसकती नाज़नीनों को, तड़पते नौजवानों को
हुकूमत के तशद्दुद को, अमारत के तकब्बुर को
किसी के चिथड़ों को और शहन्शाही ख़ज़ानों को[5]

तो दिल ताब-ए-निशात-ए-बज़्म-ए-इश्रत ला नहीं सकता
मैं चाहूँ भी तो ख़्वाब-आवार तराने गा नहीं सकता[6]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सरकश = सरचढ़े
  2. जंग-ओ-जदल=युद्ध और संघर्ष; कैफ़ = शांति; खूँरेजी = खूनखराबा; रग्बत = स्नेह; रक्स = नृत्य; आहंग = आलाप
  3. तसव्वुर = खयाल, विचार याद; सोज = जलन; शिद्दत = तेज, प्रचण्डता
  4. उल्फत = प्रेम; नग्मासराई = नग्में गाने वाला; फ़कत = केवल, सिर्फ़
  5. मुफ़लिस = ग़रीब; तकब्बुर = मगरूर, गुमान
  6. ताब-ए-निशात = खुशी की जलन; बज़्म-ए-इश्रत = समाज की भीड़ या महफ़िल

संबंधित लेख