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'''भारत का संविधान (54वाँ संशोधन) अधिनियम,1986''' | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | ||
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'''भारत का संविधान (54वाँ संशोधन) अधिनियम, 1986''' | |||
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संविधान संशोधन- 54वाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
54वाँ संशोधन | 1986 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (54वाँ संशोधन) अधिनियम, 1986
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- इस अधिनियम द्वारा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन को निम्न प्रकार से बढ़ाया गया है:
- भारत के मुख्य न्यायाधीश 10,000 रुपये प्रतिमाह
- उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 9,000 रुपये प्रतिमाह
- उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश 9,000रुपये प्रतिमाह
- उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश 8,000रुपये प्रतिमाह
- इस अधिनियम द्वारा द्वितीय अनुसूची के भाग 'घ' में संशोधन करके वेतन को उपर्युक्त प्रकार से बढ़ाया गया है तथा अनुच्छेद 125 एवं 221 में यह प्रावधान रखा गया है कि संसद क़ानून बनाकर भविष्य में न्यायाधीशों के वेतन में सुधार कर सकती है।
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