"संविधान संशोधन- 72वाँ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " कायम" to " क़ायम") |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''भारत का संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992''' | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | ||
|चित्र=The-Constitution-Of-India.jpg | |||
|चित्र का नाम=भारत का संविधान | |||
|विवरण='[[भारतीय संविधान]]' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। [[संविधान]] में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। | |||
|शीर्षक 1=संविधान लागू होने की तिथि | |||
|पाठ 1=[[26 जनवरी]], [[1950]] | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|शीर्षक 3=72वाँ संशोधन | |||
|पाठ 3=[[1992]] | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख=[[भारतीय संविधान सभा|संविधान सभा]] | |||
|अन्य जानकारी='[[भारत का संविधान]]' [[ब्रिटेन]] की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि [[भारत]] में [[संसद]] नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''भारत का संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम, 1992''' | |||
*[[भारत]] के संविधान में एक और [[संविधान संशोधन|संशोधन]] किया गया। | *[[भारत]] के संविधान में एक और [[संविधान संशोधन|संशोधन]] किया गया। | ||
*[[त्रिपुरा]] राज्य में जहाँ गड़बड़ी का माहौल बना हुआ है, शांति और सद्भाव क़ायम करने के लिए गत [[12 अगस्त]], 1988 को भारत सरकार और त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के बीच एक समझौते को लागू करने के लिए संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992 माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 332 में संशोधन किया गया है, ताकि त्रिपुरा राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए तब तक के लिए अस्थाई व्यवस्था की जा सके, जब तक कि संविधान के 170 वें अनुच्छेद के अंतर्गत वर्ष 2000 के बाद प्रथम जनगणना के आधार पर सीटों का तालमेल न हो जाए। | *[[त्रिपुरा]] राज्य में जहाँ गड़बड़ी का माहौल बना हुआ है, शांति और सद्भाव क़ायम करने के लिए गत [[12 अगस्त]], 1988 को भारत सरकार और त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के बीच एक समझौते को लागू करने के लिए संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992 माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 332 में संशोधन किया गया है, ताकि त्रिपुरा राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए तब तक के लिए अस्थाई व्यवस्था की जा सके, जब तक कि संविधान के 170 वें अनुच्छेद के अंतर्गत वर्ष 2000 के बाद प्रथम जनगणना के आधार पर सीटों का तालमेल न हो जाए। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{संविधान संशोधन}} | {{संविधान संशोधन}} |
11:13, 5 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
संविधान संशोधन- 72वाँ
| |
विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
72वाँ संशोधन | 1992 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम, 1992
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- त्रिपुरा राज्य में जहाँ गड़बड़ी का माहौल बना हुआ है, शांति और सद्भाव क़ायम करने के लिए गत 12 अगस्त, 1988 को भारत सरकार और त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के बीच एक समझौते को लागू करने के लिए संविधान (72वाँ संशोधन) अधिनियम,1992 माध्यम से संविधान के अनुच्छेद 332 में संशोधन किया गया है, ताकि त्रिपुरा राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित सीटों की संख्या निर्धारित करने के लिए तब तक के लिए अस्थाई व्यवस्था की जा सके, जब तक कि संविधान के 170 वें अनुच्छेद के अंतर्गत वर्ष 2000 के बाद प्रथम जनगणना के आधार पर सीटों का तालमेल न हो जाए।
|
|
|
|
|