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12:13, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

उच्चैश्रवा पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इन्द्र के अश्व का नाम है। यह अश्व समुद्र मंथन के दौरान जो चौदह वस्तुएँ प्राप्त हुई थीं, उनमें से एक था। इसे देवराज इन्द्र को दे दिया गया था।

  • उच्चैश्रवा के कई अर्थ हैं, जैसे- जिसका यश ऊँचा हो, जिसके कान ऊँचे हों अथवा जो ऊँचा सुनता हो।
  • मुख्य रूप से उच्चैश्रवा को इन्द्र के अश्व के रूप में ही जाना जाता है।
  • देवराज इन्द्र के इस अश्व का वर्ण श्वेत है।
  • पुराणों में इसकी गिनती उन चौदह रत्नों में होती है, जो समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से निकली थीं।
  • उच्चैश्रवा का पोषण अमृत से होता है। यह अश्वों का राजा है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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