"बाख़्त्री भाषा": अवतरणों में अंतर
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*भाषा वैज्ञानिक नज़रिए से बाख़्त्री के पश्तो, यिदग़ा और मुंजी भाषाओं के साथ गहरे सम्बन्ध थे। | *भाषा वैज्ञानिक नज़रिए से बाख़्त्री के पश्तो, यिदग़ा और मुंजी भाषाओं के साथ गहरे सम्बन्ध थे। |
08:09, 21 जून 2014 के समय का अवतरण
बाख़्त्री या बैक्ट्रीयाई एक पूर्वी ईरानी भाषा, जो प्राचीन काल में मध्य एशिया के 'बाख़्तर' (बैक्ट्रीया) क्षेत्र में बोली थी। किंतु समय के साथ-साथ यह भाषा विलुप्त हो गई।
- भाषा वैज्ञानिक नज़रिए से बाख़्त्री के पश्तो, यिदग़ा और मुंजी भाषाओं के साथ गहरे सम्बन्ध थे।
- बाख़्त्री भाषा प्राचीन सोग़दाई और पार्थी भाषाओं से भी मिलती-जुलती थी।
- इस भाषा को लिखने के लिया ज़्यादातर यूनानी लिपि इस्तेमाल की जाती थी, इसलिए इसे कभी-कभी 'यूनानी-बाख़्त्री' (या 'ग्रेको-बाख़्त्री') भी कहा जाता है।
- उत्तर भारत पर राज करने वाला कुषाण वंश भी इस भाषा को इस्तेमाल करता था, इसलिए इसे कभी-कभी 'कुषाण भाषा' या 'कुषाणी-बाख़्त्री' भी कहा जाता था।
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