नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) |
नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*यह [[दक्ष]] की कन्या थी। | *यह [[दक्ष]] की कन्या थी। | ||
*[[कश्यप|कश्यप ऋषि]] से प्राधा ने [[अनवद्या]], मनु, वंशा, असुरा, मार्गणप्रिया, अरूपा, सुभगा और भासी इन सभी कन्याओं को जन्म दिया था। | *[[कश्यप|कश्यप ऋषि]] से प्राधा ने [[अनवद्या]], मनु, वंशा, असुरा, मार्गणप्रिया, अरूपा, सुभगा और भासी इन सभी कन्याओं को जन्म दिया था। | ||
*[[अतिबाहु]], [[हाहा]], | *[[अतिबाहु]], [[हाहा]], हूहू तथा तुम्बुरू ये चार श्रेष्ठ [[गन्धर्व]] भी प्राधा के ही पुत्र माने गये हैं। <ref>[[महाभारत आदि पर्व]] 65; 27-56</ref> | ||
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
07:03, 17 जनवरी 2016 के समय का अवतरण
प्राधा हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार कश्यप ऋषि की पत्नी थी।
- यह दक्ष की कन्या थी।
- कश्यप ऋषि से प्राधा ने अनवद्या, मनु, वंशा, असुरा, मार्गणप्रिया, अरूपा, सुभगा और भासी इन सभी कन्याओं को जन्म दिया था।
- अतिबाहु, हाहा, हूहू तथा तुम्बुरू ये चार श्रेष्ठ गन्धर्व भी प्राधा के ही पुत्र माने गये हैं। [1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत आदि पर्व 65; 27-56
संबंधित लेख