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'[[छान्दोग्य उपनिषद]]' का तीसरा अध्याय है। इस अध्याय में 19 खण्ड हैं।
 
*इस अध्याय में '[[आदित्य देवता|आदित्य]]' को ही परब्रह्म मानकर विविध रूपकों द्वारा उसके स्वरूप का निम्न खण्डों के अनुसार वर्णन किया गया है-
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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3
छान्दोग्य उपनिषद का आवरण पृष्ठ
छान्दोग्य उपनिषद का आवरण पृष्ठ
विवरण 'छान्दोग्य उपनिषद' प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है। नाम के अनुसार इस उपनिषद का आधार छन्द है।
अध्याय तीसरा
कुल खण्ड 19 (उन्नीस)
सम्बंधित वेद सामवेद
संबंधित लेख उपनिषद, वेद, वेदांग, वैदिक काल, संस्कृत साहित्य
अन्य जानकारी सामवेद की तलवकार शाखा में छान्दोग्य उपनिषद को मान्यता प्राप्त है। इसमें दस अध्याय हैं। इसके अन्तिम आठ अध्याय ही छान्दोग्य उपनिषद में लिये गये हैं।

'छान्दोग्य उपनिषद' का तीसरा अध्याय है। इस अध्याय में 19 खण्ड हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-1

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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-3

खण्ड-1 से 5 | खण्ड-6 से 10 | खण्ड-11 | खण्ड-12 | खण्ड-13 से 19

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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-6

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छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-7

खण्ड-1 से 15 | खण्ड-16 से 26

छान्दोग्य उपनिषद अध्याय-8

खण्ड-1 से 6 | खण्ड-7 से 15