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कपिलाश्व हिन्दू पौराणिक ग्रन्थों और महाभारत की मान्यताओं के अनुसार सूर्यवंशी राजा कुवलाश्व[1] के तीन पुत्रों में से जो धुन्धु की मुखाग्नि से, बच गये थे, उनमें से एक का नाम है। यह सबसे छोटे थे। इनके बहुत से भाई धुंधु की मुखाग्नि से जल गये थे।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 85 |

  1. कहीं-कहीं इनका नाम कुबलयाश्व भी मिलता है।
  2. भागवत पुराण 9.6.23-4, ब्रह्माण्ड पुराण 3.63.63, मत्स्य पुराण 13.32, वायु पुराण 88.61, विष्णु पुराण 4.2.42

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