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'''तारीख़-ए-शेरशाही''' एक ऐतिहासिक कृति है। इस कृति की रचना [[इतिहासकार]] [[अब्बास ख़ाँ सरवानी]] द्वारा की गई थी।
'''तारीख़-ए-शेरशाही''' एक ऐतिहासिक कृति है। इस कृति की रचना [[इतिहासकार]] [[अब्बास ख़ाँ सरवानी]] द्वारा की गई थी।


*यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति 1588 ई. के पश्चात में लिखी गई थी।
*यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति 1588 ई. के पश्चात् में लिखी गई थी।
*अब्बास ख़ाँ सरवानी द्वारा लिखित इस [[ग्रंथ]] में [[शेरशाह सूरी]] एवं [[मारवाड़]] के शासक [[राव मालदेव]] के मध्य सन 1544 ई. में हुए [[सेमल की लड़ाई|गिरी सुमेल के युद्ध]] का वर्णन किया गया है। सरवानी इस युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी था।
*अब्बास ख़ाँ सरवानी द्वारा लिखित इस [[ग्रंथ]] में [[शेरशाह सूरी]] एवं [[मारवाड़]] के शासक [[राव मालदेव]] के मध्य सन 1544 ई. में हुए [[सेमल की लड़ाई|गिरी सुमेल के युद्ध]] का वर्णन किया गया है। सरवानी इस युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी था।
*शेरखाह की [[राजस्थान]] में की गई कार्यवाहियों को लेखा देने वाला यह ग्रंथ काफ़ी महत्त्वपूर्ण है।
*शेरखाह की [[राजस्थान]] में की गई कार्यवाहियों को लेखा देने वाला यह ग्रंथ काफ़ी महत्त्वपूर्ण है।

07:48, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

तारीख़-ए-शेरशाही एक ऐतिहासिक कृति है। इस कृति की रचना इतिहासकार अब्बास ख़ाँ सरवानी द्वारा की गई थी।

  • यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति 1588 ई. के पश्चात् में लिखी गई थी।
  • अब्बास ख़ाँ सरवानी द्वारा लिखित इस ग्रंथ में शेरशाह सूरी एवं मारवाड़ के शासक राव मालदेव के मध्य सन 1544 ई. में हुए गिरी सुमेल के युद्ध का वर्णन किया गया है। सरवानी इस युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी था।
  • शेरखाह की राजस्थान में की गई कार्यवाहियों को लेखा देने वाला यह ग्रंथ काफ़ी महत्त्वपूर्ण है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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