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'''किंकर''' पुराण उल्लेखानुसार एक राक्षस था, जो [[विश्वामित्र|ऋषि विश्वामित्र]] की आज्ञा से [[कल्माषपाद|राजा कल्माषपाद]] के शरीर में प्रविष्ट हुआ था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=110|url=}}</ref> | '''किंकर''' पुराण उल्लेखानुसार एक राक्षस था, जो [[विश्वामित्र|ऋषि विश्वामित्र]] की आज्ञा से [[कल्माषपाद|राजा कल्माषपाद]] के शरीर में प्रविष्ट हुआ था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=110|url=}}</ref> | ||
07:21, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
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किंकर पुराण उल्लेखानुसार एक राक्षस था, जो ऋषि विश्वामित्र की आज्ञा से राजा कल्माषपाद के शरीर में प्रविष्ट हुआ था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 110 |