"एकपर्वतक": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
 
<poem>'गंडकी च महाशोणं सदानीरां तथैव च,  
<poem>'गंडकी च महाशोणं सदानीरां तथैव च,  
एकपर्वतके नद्य: क्रमेणैत्याव्रजन्तते'।<ref>[[महाभारत]] [[सभा पर्व महाभारत|सभा पर्व]] 20, 27</ref></poem>
एकपर्वतके नद्य: क्रमेणैत्याव्रजन्तते'।<ref>[[महाभारत]] [[सभा पर्व महाभारत|सभा पर्व]] 20, 27</ref></poem>
अर्थात् [[कृष्ण]], [[अर्जुन]] और [[भीम]] [[इंद्रप्रस्थ]] से गिरिव्रज ([[मगध]], [[बिहार]]) जाते समय गंडकी, महाशोण, सदानीरा एवं एकपर्वतक की सब नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े। इससे, एकपर्वतक उस प्रदेश का नाम जान पड़ता है जिसमें उपर्युक्त नदिया बहती थीं, अर्थात् बिहार-[[उत्तर प्रदेश]] का सीमावर्ती भाग।<ref>गंडकी=[[गंडक नदी|गंडक]], महाशोण=[[सोन नदी|सोन]], सदानीरा=[[राप्ती नदी|राप्ती]]</ref>
अर्थात् [[कृष्ण]], [[अर्जुन]] और [[भीम]] [[इंद्रप्रस्थ]] से [[गिरिव्रज]] ([[मगध]], [[बिहार]]) जाते समय [[गंडकी नदी|गंडकी]], [[महाशोण]], [[सदानीरा]] एवं '''एकपर्वतक''' की सब नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े। इससे, एकपर्वतक उस प्रदेश का नाम जान पड़ता है जिसमें उपर्युक्त नदिया बहती थीं, अर्थात् [[बिहार]]-[[उत्तर प्रदेश]] का सीमावर्ती भाग।<ref>गंडकी=[[गंडक नदी|गंडक]], महाशोण=[[सोन नदी|सोन]], सदानीरा=[[राप्ती नदी|राप्ती]]</ref>


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}


{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 109| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
पंक्ति 15: पंक्ति 18:
[[Category:बिहार]]
[[Category:बिहार]]
[[Category:बिहार के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:बिहार के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]]
[[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]]
[[Category:महाभारत]]
[[Category:महाभारत]]
__INDEX__
__INDEX__

10:30, 18 मई 2018 के समय का अवतरण

'गंडकी च महाशोणं सदानीरां तथैव च,
एकपर्वतके नद्य: क्रमेणैत्याव्रजन्तते'।[1]

अर्थात् कृष्ण, अर्जुन और भीम इंद्रप्रस्थ से गिरिव्रज (मगध, बिहार) जाते समय गंडकी, महाशोण, सदानीरा एवं एकपर्वतक की सब नदियों को पार करते हुए आगे बढ़े। इससे, एकपर्वतक उस प्रदेश का नाम जान पड़ता है जिसमें उपर्युक्त नदिया बहती थीं, अर्थात् बिहार-उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती भाग।[2]



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 109| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


  1. महाभारत सभा पर्व 20, 27
  2. गंडकी=गंडक, महाशोण=सोन, सदानीरा=राप्ती

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख