"अंगी": अवतरणों में अंतर
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चौदह विद्याएँ। | चौदह विद्याएँ। | ||
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06:56, 20 जनवरी 2020 के समय का अवतरण
अंगी - विशेषण (संस्कृत अङ्गी)[1]
1. शरीरी, देहधारी, शरीर वाला।
2. अवयवी, उपकार्य, अंशी, समष्टि।
3. प्रधान, मुख्य।
अंगी - विशेषण स्त्रीलिंग
अंग वाली (केवल समास में प्रयुक्त, जैसे- तन्वंगी, कोमलांगी आदि)।
अंगी - संज्ञा पुल्लिंग
1. नाटक का प्रधान नायक, जैसे- 'सत्यहरिश्चंद्र' में हरिश्चंद्र।
2. प्रधान रस। नाटकों में शृंगार और वीर, ये दो रस अंगी[2] कहलाते हैं और शेष रस अंग।[3]
अंगी - संज्ञा स्त्रीलिंग (डिंगल)
चौदह विद्याएँ।
अंगी - संज्ञा स्त्रीलिंग
'अंगिया'
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