"साँचा:अदम गोंडवी की रचनाएँ": अवतरणों में अंतर

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|रचना 14=जो उलझ कर रह गई है
|रचना 14=जो उलझ कर रह गई है
|रचना 15=आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है जिंदगी
|रचना 15=आप कहते हैं सरापा गुलमुहर है जिंदगी
|रचना 16=
|रचना 16=काजू भुने पलेट में
|रचना 17=
|रचना 17=न महलों की बुलंदी से
|रचना 18=
|रचना 18=मैं चमारों की गली में ले चलूँगा आपको
|रचना 19=
|रचना 19=आँख पर पट्टी रहे
|रचना 20=
|रचना 20=ज़ुल्फ़-अँगड़ाई-तबस्सुम-चाँद-आईना-गुलाब
|रचना 21=
|रचना 21=जो डलहौज़ी न कर पाया
|रचना 22=
|रचना 22=
|रचना 23=
|रचना 23=

11:42, 1 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण