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||[[चित्र:Karni-Singh.jpg|right|100px|border|कर्णी सिंह]]'कर्णी सिंह' को प्रतियोगात्मक निशानेबाज़ी का जनक माना जा सकता है। मेजर जनरल हिज हाईनेस कर्णी सिंह [[बीकानेर]] के महाराजा थे। उनके राजा होने के कारण उनका हर | ||[[चित्र:Karni-Singh.jpg|right|100px|border|कर्णी सिंह]]'कर्णी सिंह' को प्रतियोगात्मक निशानेबाज़ी का जनक माना जा सकता है। मेजर जनरल हिज हाईनेस कर्णी सिंह [[बीकानेर]] के महाराजा थे। उनके राजा होने के कारण उनका हर अंदाज़राजसी था। [[कर्णी सिंह]] की शिक्षा [[दिल्ली]] के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में तथा [[मुम्बई]] के सेंट जेवियर्स कॉलेज से हुई। कर्णी सिंह ने [[मुम्बई विश्वविद्यालय]] से पी.एच.डी. की डिग्री भी हासिल की। वे देश के ऐसे पहले शूटर थे, जिन्हें [[भारत]] में पहली बार ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ देकर सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें [[1961]] में प्रदान किया गया था। कर्णी सिंह ने अपने निशानेबाज़ी के यादगार लम्हों को एक पुस्तक के रूप में भी प्रस्तुत किया, जिसका नाम है- ”फ़्रॉम रोम टू मास्को”।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कर्णी सिंह]] | ||
{[[राजा राममोहन राय]] के तुरंत बाद [[ब्रह्म समाज]] का प्रमुख कौन बना था? | {[[राजा राममोहन राय]] के तुरंत बाद [[ब्रह्म समाज]] का प्रमुख कौन बना था? | ||
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||[[चित्र:Ishwar-Chandra-Vidyasagar.jpg|right|100px|border|ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]'ईश्वर चन्द्र विद्यासागर' [[भारत]] के प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाशास्त्री व स्वाधीनता सेनानी थे। वे | ||[[चित्र:Ishwar-Chandra-Vidyasagar.jpg|right|100px|border|ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]]'ईश्वर चन्द्र विद्यासागर' [[भारत]] के प्रसिद्ध समाज सुधारक, शिक्षाशास्त्री व स्वाधीनता सेनानी थे। वे ग़रीबों व दलितों के संरक्षक माने जाते थे। उन्होंने स्त्री-शिक्षा और [[विधवा विवाह]] पर काफ़ी ज़ोर दिया। [[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]] ने 'मेट्रोपोलिटन विद्यालय' सहित अनेक महिला विद्यालयों की स्थापना करवायी। जब विद्यासागर जी [[कलकत्ता]] के संस्कृत कॉलेज के प्रधानाचार्य बनाये गए, तब उन्होंने कॉलेज सभी जाति के छात्रों के लिए खोल दिया। ये उनके अनवरत प्रचार का ही नतीजा था कि 'विधवा पुनर्विवाह क़ानून-1856' आखिरकार पारित हो सका। उन्होंने इसे अपने जीवन की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि माना था। विद्यासागर जी ने अपने इकलौते पुत्र का [[विवाह]] भी एक विधवा से ही किया। उन्होंने '[[बहुपत्नी विवाह|बहुपत्नी प्रथा]]' और '[[बाल विवाह]]' के ख़िलाफ़ भी संघर्ष छेड़ा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]] | ||
{[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने 'रैयतवाड़ी व्यवस्था' सर्वप्रथम कहाँ प्रारम्भ की थी? | {[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने 'रैयतवाड़ी व्यवस्था' सर्वप्रथम कहाँ प्रारम्भ की थी? |
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