"मधु दैत्य": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{बहुविकल्पी|मधु}}
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=मधु|लेख का नाम=मधु (बहुविकल्पी)}}
मधु शशविंदु के उपरांत यादवों का विख्यात राजा था। यादवों में मधु एक प्रतापी शासक माना जाता है। मधु को [[असुर]], दैत्य, दानव आदि कहा गया है।  साथ ही यह भी है कि मधु बड़ा धार्मिक एवं न्यायप्रिय शासक था।  
मधु शशविंदु के उपरांत यादवों का विख्यात राजा था। यादवों में मधु एक प्रतापी शासक माना जाता है। मधु को [[असुर]], [[दैत्य]], दानव आदि कहा गया है।  साथ ही यह भी है कि मधु बड़ा धार्मिक एवं न्यायप्रिय शासक था।  
{{tocright}}
==परिचय==
==परिचय==
मधु राजा के सौ पुत्रों में से ज्येष्ठ पुत्र, एक यादवराज था। मधु राजा के कुल में श्री [[कृष्ण]] पैदा हुए थे और इसी कारण माधव और वृष्णि वंशीय होने से 'वार्ष्णेय' कहलाए। इनका वंश 'वृष्णि वंशीय यादव' कहलाता था। ये लोग [[द्वारिका]] में निवास करते थे। प्रभास क्षेत्र में यादवों के गृह कलह में यह वंश भी समाप्त हो गया।  
मधु राजा के सौ पुत्रों में से ज्येष्ठ पुत्र, एक यादवराज था। मधु राजा के कुल में श्री [[कृष्ण]] पैदा हुए थे और इसी कारण माधव और वृष्णि वंशीय होने से 'वार्ष्णेय' कहलाए। इनका वंश 'वृष्णि वंशीय यादव' कहलाता था। ये लोग [[द्वारिका]] में निवास करते थे। प्रभास क्षेत्र में यादवों के गृह कलह में यह वंश भी समाप्त हो गया।  
पंक्ति 7: पंक्ति 8:


==शासन==
==शासन==
*मधु [[इक्ष्वाकु वंशी]] राजा दिलीप द्वितीय का अथवा उसके उत्तराधिकारी दीर्घबाहु का समकालीन रहा होगा मधु के [[गुजरात]] से लेकर [[यमुना नदी|यमुना]] तट तक के स्वामी होने का वर्णन है।  
*मधु इक्ष्वाकु वंशी राजा दिलीप द्वितीय का अथवा उसके उत्तराधिकारी दीर्घबाहु का समकालीन रहा होगा मधु के [[गुजरात]] से लेकर [[यमुना नदी|यमुना]] तट तक के स्वामी होने का वर्णन है।  
*मधु का शासन शूरसेन से आनर्त (उत्तरी गुजरात) तक के भू-भाग पर था।  
*मधु का शासन शूरसेन से आनर्त (उत्तरी गुजरात) तक के भू-भाग पर था।  
*[[यदुवंशी]] मधु का शासन [[मथुरा]] पर भी था।  
*[[यदु वंश|यदुवंशी]] मधु का शासन [[मथुरा]] पर भी था।  
*मधु अत्यंत प्रतापी, प्रजा-पालक और धार्मिक नरेश था।  
*मधु अत्यंत प्रतापी, प्रजा-पालक और धार्मिक नरेश था।  
*मधु को अच्छा शासक माना जाता है।
*मधु को अच्छा शासक माना जाता है।
पंक्ति 16: पंक्ति 17:
==मधु द्वारा निर्माण==
==मधु द्वारा निर्माण==
मधुपुरी को मधु नामक दैत्य ने बसाया था। [[वाल्मीकि रामायण]] में [[मथुरा]] को [[मधुपुर]] या मधुदानव का नगर कहा गया है तथा यहाँ लवणासुर की राजधानी बताई गई है। मधु के अत्याचारी पुत्र लवणासुर को शत्रुघ्न ने युद्ध में पराजित कर उसका वध कर दिया था और मधुपुरी के स्थान पर उन्होंने नई मथुरा या मथुरा नगरी बसाई थी। मधुवन या मधुपुरी मधु के नाम पर ही है जो कि मथुरा का पुराना नाम है। इस नगरी को इस प्रसंग में मधुदैत्य द्वारा बसाई, बताया गया है। लवणासुर, जिसको शत्रुघ्न ने युद्ध में हराकर मारा था इसी मधुदानव का पुत्र था।  इससे मधुपुरी या मथुरा का [[रामायण]]-काल में बसाया जाना सूचित होता है। रामायण में इस नगरी की समृद्धि का वर्णन है।
मधुपुरी को मधु नामक दैत्य ने बसाया था। [[वाल्मीकि रामायण]] में [[मथुरा]] को [[मधुपुर]] या मधुदानव का नगर कहा गया है तथा यहाँ लवणासुर की राजधानी बताई गई है। मधु के अत्याचारी पुत्र लवणासुर को शत्रुघ्न ने युद्ध में पराजित कर उसका वध कर दिया था और मधुपुरी के स्थान पर उन्होंने नई मथुरा या मथुरा नगरी बसाई थी। मधुवन या मधुपुरी मधु के नाम पर ही है जो कि मथुरा का पुराना नाम है। इस नगरी को इस प्रसंग में मधुदैत्य द्वारा बसाई, बताया गया है। लवणासुर, जिसको शत्रुघ्न ने युद्ध में हराकर मारा था इसी मधुदानव का पुत्र था।  इससे मधुपुरी या मथुरा का [[रामायण]]-काल में बसाया जाना सूचित होता है। रामायण में इस नगरी की समृद्धि का वर्णन है।
 
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
[[Category:इतिहास_कोश]]
|आधार=
[[Category:पौराणिक_कोश]]
|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==संबंधित लेख==
{{पौराणिक चरित्र}}
[[Category:पौराणिक चरित्र]]
[[Category:पौराणिक कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

06:23, 17 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

मधु एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- मधु (बहुविकल्पी)

मधु शशविंदु के उपरांत यादवों का विख्यात राजा था। यादवों में मधु एक प्रतापी शासक माना जाता है। मधु को असुर, दैत्य, दानव आदि कहा गया है। साथ ही यह भी है कि मधु बड़ा धार्मिक एवं न्यायप्रिय शासक था।

परिचय

मधु राजा के सौ पुत्रों में से ज्येष्ठ पुत्र, एक यादवराज था। मधु राजा के कुल में श्री कृष्ण पैदा हुए थे और इसी कारण माधव और वृष्णि वंशीय होने से 'वार्ष्णेय' कहलाए। इनका वंश 'वृष्णि वंशीय यादव' कहलाता था। ये लोग द्वारिका में निवास करते थे। प्रभास क्षेत्र में यादवों के गृह कलह में यह वंश भी समाप्त हो गया।

मधु की पत्नी का नाम कुंभीनसी था और मधु के पुत्र का नाम लवण का था। त्रेता युग में प्रभु राम के लघु भ्राता शत्रुघ्न ने मधु पुत्र लवणासुर को मार कर ब्रज परिक्रमा की थी। गली बारी स्थित शत्रुघ्न मंदिर यात्रा मार्ग में अति महत्त्व का माना जाता है।

शासन

  • मधु इक्ष्वाकु वंशी राजा दिलीप द्वितीय का अथवा उसके उत्तराधिकारी दीर्घबाहु का समकालीन रहा होगा मधु के गुजरात से लेकर यमुना तट तक के स्वामी होने का वर्णन है।
  • मधु का शासन शूरसेन से आनर्त (उत्तरी गुजरात) तक के भू-भाग पर था।
  • यदुवंशी मधु का शासन मथुरा पर भी था।
  • मधु अत्यंत प्रतापी, प्रजा-पालक और धार्मिक नरेश था।
  • मधु को अच्छा शासक माना जाता है।
  • इतिहास पर दृष्टि डालें तो स्पष्ट हो जाता है कि मधु नामक दैत्य ने जब मथुरा का निर्माण किया तो निश्चय ही यह नगरी बहुत सुन्दर और भव्य रही होगी।

मधु द्वारा निर्माण

मधुपुरी को मधु नामक दैत्य ने बसाया था। वाल्मीकि रामायण में मथुरा को मधुपुर या मधुदानव का नगर कहा गया है तथा यहाँ लवणासुर की राजधानी बताई गई है। मधु के अत्याचारी पुत्र लवणासुर को शत्रुघ्न ने युद्ध में पराजित कर उसका वध कर दिया था और मधुपुरी के स्थान पर उन्होंने नई मथुरा या मथुरा नगरी बसाई थी। मधुवन या मधुपुरी मधु के नाम पर ही है जो कि मथुरा का पुराना नाम है। इस नगरी को इस प्रसंग में मधुदैत्य द्वारा बसाई, बताया गया है। लवणासुर, जिसको शत्रुघ्न ने युद्ध में हराकर मारा था इसी मधुदानव का पुत्र था। इससे मधुपुरी या मथुरा का रामायण-काल में बसाया जाना सूचित होता है। रामायण में इस नगरी की समृद्धि का वर्णन है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख