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*दिलीप बड़े पराक्रमी थे यहाँ तक | '''दिलीप''' [[अंशुमान]] के पुत्र और [[अयोध्या]] के राजा थे। इनका दूसरा नाम खट्वांग है। | ||
*दिलीप बड़े पराक्रमी थे, यहाँ तक कि देवराज [[इन्द्र]] की भी सहायता करने जाते थे। इन्होंने [[देवासुर संग्राम]] में भाग लिया था। वहाँ से विजयोल्लास से भरे राजा लौट रहे थे। रास्ते में [[कामधेनु]] खड़ी मिली लेकिन उसे दिलीप ने प्रणाम नहीं किया तब कामधेनु ने श्राप दे दिया कि तुम पुत्रहीन रहोगे। | |||
*यदि मेरी सन्तान तुम्हारे ऊपर कृपा कर देगी तो भले ही सन्तान हो सकती है। श्री [[वसिष्ठ]] जी की कृपा से उन्होंने नन्दिनी गौ की सेवा करके पुत्र श्री रघु जी को प्राप्त किया। | *यदि मेरी सन्तान तुम्हारे ऊपर कृपा कर देगी तो भले ही सन्तान हो सकती है। श्री [[वसिष्ठ]] जी की कृपा से उन्होंने नन्दिनी गौ की सेवा करके पुत्र श्री रघु जी को प्राप्त किया। | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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10:38, 31 मई 2012 के समय का अवतरण
मुख्य लेख : खट्वांग
दिलीप अंशुमान के पुत्र और अयोध्या के राजा थे। इनका दूसरा नाम खट्वांग है।
- दिलीप बड़े पराक्रमी थे, यहाँ तक कि देवराज इन्द्र की भी सहायता करने जाते थे। इन्होंने देवासुर संग्राम में भाग लिया था। वहाँ से विजयोल्लास से भरे राजा लौट रहे थे। रास्ते में कामधेनु खड़ी मिली लेकिन उसे दिलीप ने प्रणाम नहीं किया तब कामधेनु ने श्राप दे दिया कि तुम पुत्रहीन रहोगे।
- यदि मेरी सन्तान तुम्हारे ऊपर कृपा कर देगी तो भले ही सन्तान हो सकती है। श्री वसिष्ठ जी की कृपा से उन्होंने नन्दिनी गौ की सेवा करके पुत्र श्री रघु जी को प्राप्त किया।