"संविधान संशोधन- 59वाँ": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''संविधान (59वाँ संशोधन) अधिनियम,1988''' *भारत के संविधान ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''संविधान (59वाँ संशोधन) अधिनियम,1988'''
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
|चित्र=The-Constitution-Of-India.jpg
|चित्र का नाम=भारत का संविधान
|विवरण='[[भारतीय संविधान]]' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। [[संविधान]] में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
|शीर्षक 1=संविधान लागू होने की तिथि
|पाठ 1=[[26 जनवरी]], [[1950]]
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=59वाँ संशोधन
|पाठ 3=[[1988]]
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|शीर्षक 6=
|पाठ 6=
|शीर्षक 7=
|पाठ 7=
|शीर्षक 8=
|पाठ 8=
|शीर्षक 9=
|पाठ 9=
|शीर्षक 10=
|पाठ 10=
|संबंधित लेख=[[भारतीय संविधान सभा|संविधान सभा]]
|अन्य जानकारी='[[भारत का संविधान]]' [[ब्रिटेन]] की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि [[भारत]] में [[संसद]] नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
 
'''संविधान (59वाँ संशोधन) अधिनियम, 1988'''
*[[भारत]] के संविधान में एक और [[संविधान संशोधन|संशोधन]] किया गया।
*[[भारत]] के संविधान में एक और [[संविधान संशोधन|संशोधन]] किया गया।
*इस अधिनियम द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 (5) का संशोधन किया गया, जिससे कि अनुच्छेद 356 के खंड़ (1) के अधीन [[राष्ट्रपति]] की उद्घोषणा का एक की अवधि से आगे विस्तार किया जा सके और यदि आवश्यक हो तो [[पंजाब]] राज्य में अशांति की स्थिति बनी रहने के कारण अनुच्छेद 356 के खड़ (4) के अधीन यथा अनुज्ञेय तीन वर्ष की अवधि तक प्रभावी बनाया जा सके।  
*इस अधिनियम द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 (5) का संशोधन किया गया, जिससे कि अनुच्छेद 356 के खंड़ (1) के अधीन [[राष्ट्रपति]] की उद्घोषणा का एक की अवधि से आगे विस्तार किया जा सके और यदि आवश्यक हो तो [[पंजाब]] राज्य में अशांति की स्थिति बनी रहने के कारण अनुच्छेद 356 के खड़ (4) के अधीन यथा अनुज्ञेय तीन वर्ष की अवधि तक प्रभावी बनाया जा सके।  
पंक्ति 7: पंक्ति 37:


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{संविधान संशोधन}}
{{संविधान संशोधन}}

11:02, 5 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

संविधान संशोधन- 59वाँ
भारत का संविधान
भारत का संविधान
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
59वाँ संशोधन 1988
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

संविधान (59वाँ संशोधन) अधिनियम, 1988

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 (5) का संशोधन किया गया, जिससे कि अनुच्छेद 356 के खंड़ (1) के अधीन राष्ट्रपति की उद्घोषणा का एक की अवधि से आगे विस्तार किया जा सके और यदि आवश्यक हो तो पंजाब राज्य में अशांति की स्थिति बनी रहने के कारण अनुच्छेद 356 के खड़ (4) के अधीन यथा अनुज्ञेय तीन वर्ष की अवधि तक प्रभावी बनाया जा सके।
  • इस अधिनियम द्वारा आपात स्थिति की उद्घोषणा से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 352 का, पंजाब राज्य में इसे लागू किए जाने की बाबत संशोधन किए जाने के परिणामस्वरूप, अनुच्छेद 358 और अनुच्छेद 359 का भी संशोधन किया गया है।
  • पंजाब राज्य के संबंध में अनुच्छेद 352, 358 और 359 के संशोधन की तारीख 30 मार्च 1988 से जो इस संशोधन के प्रारंभ की तारीख है, दो वर्ष की अवधि के लिए ही प्रवर्तनीय रहेंगे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख