"कुश द्वीप": अवतरणों में अंतर

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*[[पुराण|पुराणों]] की भौगोलिक कल्पना के अनुसार [[पृथ्वी]] के सप्तमहाद्वीपो में से एक है।
'''कुश द्वीप''' [[पुराण|पुराणों]] की भौगोलिक कल्पना के अनुसार [[पृथ्वी]] के सप्त महाद्वीपों में से एक है। [[विष्णु पुराण]]<ref> विष्णु पुराण, 2,2-5</ref> के अनुसार-
*[[विष्णु पुराण]]<ref> विष्णु पुराण, 2,2-5</ref> के अनुसार-  
 
<poem>'कुश: क्रौंचस्तथा शाक: पुष्करश्चैव सप्तम:।<ref> विष्णु पुराण, 2,2-5</ref></poem>  
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*कुश द्वीप [[घृत सागर]] से परिवृत है।  
 
*कुशद्वीप का उपास्य [[देवता|देव]] [[अग्निदेव|अग्नि]] माना गया है।  
*कुश द्वीप [[घृत सागर]] से परिवृत है।
*कुशद्वीप के विद्रुम, हेमशैल, द्युतिमान, पुष्पवान, कुशेशय हरि और मंदिरांचल नामक सात पर्वत है।
*इस [[द्वीप]] का उपास्य [[देवता|देव]] [[अग्निदेव|अग्नि]] को माना गया है।  
*द्वीप के [[विद्रुम]], हेमशैल, द्युतिमान, पुष्पवान, [[कुशेशय पर्वत|कुशेशय]], हरि और मंदिरांचल नामक सात [[पर्वत]] हैं।


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13:02, 4 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

कुश द्वीप पुराणों की भौगोलिक कल्पना के अनुसार पृथ्वी के सप्त महाद्वीपों में से एक है। विष्णु पुराण[1] के अनुसार-

'कुश: क्रौंचस्तथा शाक: पुष्करश्चैव सप्तम:।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विष्णु पुराण, 2,2-5
  2. विष्णु पुराण, 2,2-5

माथुर, विजयेन्द्र कुमार ऐतिहासिक स्थानावली, द्वितीय संस्करण-1990 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर, पृष्ठ संख्या- 211।

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