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'''पंडुलेण''' एक [[ऐतिहासिक स्थान]] और [[बौद्ध]] गुफ़ाओं का समूह है, जो [[पूना]], [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। ये गुफ़ाएँ 200 ई. पू. से द्वितीय शती ई. तक की हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= | '''पंडुलेण''' एक [[ऐतिहासिक स्थान]] और [[बौद्ध]] गुफ़ाओं का समूह है, जो [[पूना]], [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। ये गुफ़ाएँ 200 ई. पू. से द्वितीय शती ई. तक की हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=517|url=}}</ref> | ||
*इस स्थान पर क्षहरात नरेश [[नहपान]] का एक गुफ़ालेख प्राप्त हुआ था, जिससे उसका महाराष्ट्र के इस भू-भाग पर आधिपत्य प्रमाणित होता है। | *इस स्थान पर क्षहरात नरेश [[नहपान]] का एक गुफ़ालेख प्राप्त हुआ था, जिससे उसका महाराष्ट्र के इस भू-भाग पर आधिपत्य प्रमाणित होता है। |
11:55, 17 जून 2013 के समय का अवतरण
पंडुलेण एक ऐतिहासिक स्थान और बौद्ध गुफ़ाओं का समूह है, जो पूना, महाराष्ट्र में स्थित है। ये गुफ़ाएँ 200 ई. पू. से द्वितीय शती ई. तक की हैं।[1]
- इस स्थान पर क्षहरात नरेश नहपान का एक गुफ़ालेख प्राप्त हुआ था, जिससे उसका महाराष्ट्र के इस भू-भाग पर आधिपत्य प्रमाणित होता है।
- नहपान के अन्य अभिलेख नासिक, जुन्नार और कार्ले से भी प्राप्त हुए हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 517 |