"मिहरा बरसत वृन्दावन में -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (मिहरा बरसत वृन्दावन मेँ / शिवदीन राम जोशी का नाम बदलकर [[मिहरा बरसत वृन्दावन में -शिवदीन राम जोश...) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "वरन " to "वरन् ") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{ | {{Poemopen}} | ||
<poem> | |||
मिहरा बरसत वृन्दावन में । | |||
तन राधा का मस्त लहरिया, भीगा मन मोहन में ।। | |||
छम-छम छम-छम पायल बाजे, चलत चाल श्रीराधे साजे । | |||
धन्य-धन्य श्रीकृष्ण कलाधर शोभित शुभ नर तन में ।। | |||
मुरलीधर की मुरली बाजी, ग्वाल सखा ब्रज बाला राजी । | |||
यमुना तट पर खड़ा सांवरा, बिजरी चमकत घन में ।। | |||
मौर पपैया दादुर बोले, भांति-भांति के पक्षी डोले । | |||
हरी हरियाली, कोयल कूँकत बोले मधुर स्वरन् में ।। | |||
शिवदीन मनोरम छटा निराली, जय-जय जय प्यारे बनमाली । | |||
तन राधा का मस्त लहरिया, भीगा | युगल छबि उर बसत हमारे, देखो इन नयनन में ।। | ||
छम-छम छम-छम पायल बाजे, चलत चाल श्रीराधे साजे | </poem> | ||
धन्य-धन्य श्रीकृष्ण कलाधर शोभित शुभ नर तन में | {{Poemclose}} | ||
मुरलीधर की मुरली बाजी, ग्वाल सखा ब्रज बाला राजी | |||
यमुना तट पर खड़ा सांवरा, बिजरी चमकत घन में | {| width="100%" | ||
मौर पपैया दादुर बोले, भांति-भांति के पक्षी डोले | |- | ||
हरी हरियाली, कोयल कूँकत बोले मधुर | | | ||
शिवदीन मनोरम छटा निराली, जय-जय जय प्यारे बनमाली | |||
युगल छबि उर बसत हमारे, देखो इन नयनन में | |||
< | |||
{{ | |||
= | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{समकालीन कवि}} | |||
[[Category: | [[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]] | ||
[[Category:समकालीन साहित्य]] | |||
[[Category:शिवदीन राम जोशी]] | |||
|} | |||
__NOTOC__ | |||
__NOEDITSECTION__ | |||
__INDEX__ |
07:37, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
मिहरा बरसत वृन्दावन में । |
संबंधित लेख |