"देवकुण्ड (बिहार)": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:


*देवकुण्ड में [[च्यवन|च्यवन ऋषि]] का एक मंदिर भी है।
*देवकुण्ड में [[च्यवन|च्यवन ऋषि]] का एक मंदिर भी है।
*स्थानीय जनश्रुति में राजा शर्याति की पुत्री सुकन्या और च्यवन की मनोरंजक पौराणिक आख्यायिका इसी स्थान से संबंधित है।
*स्थानीय जनश्रुति में [[शर्याति|राजा शर्याति]] की पुत्री सुकन्या और च्यवन की मनोरंजक पौराणिक आख्यायिका इसी स्थान से संबंधित है।
*कहा जाता है कि देवकुण्ड सरोवर में [[स्नान]] करने के पश्चात् वृद्ध च्यवन ऋषि सुंदर युवक बन गये थे।
*कहा जाता है कि देवकुण्ड सरोवर में [[स्नान]] करने के पश्चात् वृद्ध च्यवन ऋषि सुंदर युवक बन गये थे।
*[[महाभारत]] में च्यवनाश्रम का उल्लेख [[नर्मदा नदी]] के तट पर बताया गया है।
*[[महाभारत]] में च्यवनाश्रम का उल्लेख [[नर्मदा नदी]] के तट पर बताया गया है।

12:01, 1 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

देवकुण्ड गया ज़िला, बिहार में पटना-गया रेल मार्ग पर जहानाबाद स्टेशन से 36 मील की दूरी पर है। इसे प्राचीन काल में 'च्यवनाश्रम' कहा जाता था।

  • देवकुण्ड में च्यवन ऋषि का एक मंदिर भी है।
  • स्थानीय जनश्रुति में राजा शर्याति की पुत्री सुकन्या और च्यवन की मनोरंजक पौराणिक आख्यायिका इसी स्थान से संबंधित है।
  • कहा जाता है कि देवकुण्ड सरोवर में स्नान करने के पश्चात् वृद्ध च्यवन ऋषि सुंदर युवक बन गये थे।
  • महाभारत में च्यवनाश्रम का उल्लेख नर्मदा नदी के तट पर बताया गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 441 |


संबंधित लेख