"काठगोदाम": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (Adding category Category:नैनीताल (Redirect Category:नैनीताल resolved) (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा पर्यटन | |||
|चित्र=Kathgodam.jpg | |||
|चित्र का नाम=काठगोदाम का एक दृश्य | |||
|विवरण='काठगोदाम' [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। हल्द्वानी-काठगोदाम उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा नगर परिषद है। | |||
|राज्य=[[उत्तराखण्ड]] | |||
|केन्द्र शासित प्रदेश= | |||
|ज़िला=[[नैनीताल]] | |||
|निर्माता= | |||
|स्वामित्व= | |||
|प्रबंधक= | |||
|निर्माण काल= | |||
|स्थापना= | |||
|भौगोलिक स्थिति=[[समुद्र]] तल से 554 मीटर की ऊंचाई पर स्थित। | |||
|मार्ग स्थिति= | |||
|मौसम= | |||
|तापमान=सामान्य | |||
|प्रसिद्धि=[[पहाड़ी पर्यटन स्थल]] | |||
|कब जाएँ=[[जुलाई]] से [[नवंबर]] | |||
|कैसे पहुँचें= | |||
|हवाई अड्डा=पंतनगर | |||
|रेलवे स्टेशन=काठगोदाम | |||
|बस अड्डा=[[गाजियाबाद]], [[दिल्ली]], [[नैनीताल]] और हल्द्वानी से काठगोदाम के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है। | |||
|यातायात= | |||
|क्या देखें='शीतला देवी', 'कालीचौड़ का मंदिर', '[[सात ताल झील]]', 'भीमताल' आदि। | |||
|कहाँ ठहरें= | |||
|क्या खायें= | |||
|क्या ख़रीदें= | |||
|एस.टी.डी. कोड= | |||
|ए.टी.एम= | |||
|सावधानी= | |||
|मानचित्र लिंक= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1=स्थानीय भाषाएँ | |||
|पाठ 1=[[भाषा]] कुमाऊंनी, [[हिन्दी]] | |||
|शीर्षक 2=जनसंख्या | |||
|पाठ 2=129,140 ([[2001]]) | |||
|अन्य जानकारी=काठगोदाम का [[तापमान]] पूरे साल सामान्य बना रहता है। यहां गर्मी का मौसम [[अप्रैल]] से [[जून]] तक रहता है। इस दौरान तापमान 15 डिग्री से 30 डिग्री के बीच रहता है। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''काठगोदाम''' [[नैनीताल ज़िला|नैनीताल ज़िला]], [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] का एक शहर, जो गौला नदी की तट पर बसा कुमाऊं पर्वतों का प्रवेश द्वार है। यह एक छोटा-सा नगर है और पहाड़ के पाद प्रदेश में स्थित है। काठगोदाम पूर्वोत्तर रेलवे का अंतिम स्टेशन है। यहाँ से [[बरेली]], [[लखनऊ]] तथा [[आगरा]] के लिए छोटी लाइन की रेल चलती है। यहाँ से [[नैनीताल]], [[अल्मोड़ा]], [[रानीखेत]] और [[पिथौरागढ़]] के लिए के.एम.ओ.यू. की बसें चलती हैं। गौला नदी इसके दायें से होकर हल्द्वानी की ओर प्रवाहित होती है। | '''काठगोदाम''' [[नैनीताल ज़िला|नैनीताल ज़िला]], [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] का एक शहर, जो गौला नदी की तट पर बसा कुमाऊं पर्वतों का प्रवेश द्वार है। यह एक छोटा-सा नगर है और पहाड़ के पाद प्रदेश में स्थित है। काठगोदाम पूर्वोत्तर रेलवे का अंतिम स्टेशन है। यहाँ से [[बरेली]], [[लखनऊ]] तथा [[आगरा]] के लिए छोटी लाइन की रेल चलती है। यहाँ से [[नैनीताल]], [[अल्मोड़ा]], [[रानीखेत]] और [[पिथौरागढ़]] के लिए के.एम.ओ.यू. की बसें चलती हैं। गौला नदी इसके दायें से होकर हल्द्वानी की ओर प्रवाहित होती है। | ||
==स्थिति तथा स्थापना== | ==स्थिति तथा स्थापना== | ||
उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले का यह क्षेत्र [[समुद्र]] तल से 554 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हल्द्वानी-काठगोदाम उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा नगर परिषद है और इसकी स्थानपा [[1942]] ई. में हुई थी। काठगोदाम का शाब्दिक अर्थ होता है- "लकड़ियों का गोदाम"। यह अर्थ काफ़ी सही भी मालूम पड़ता है, क्योंकि यह शहर ज़िले में व्यापार और व्यवसाय का प्रमुख केंद्र है।<ref name="aa">{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/kathgodam/|title= काठगोदाम- श्रदालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए|accessmonthday= 04 जुलाई|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नेटिव प्लेनेट|language=हिन्दी}}</ref> | उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले का यह क्षेत्र [[समुद्र]] तल से 554 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हल्द्वानी-काठगोदाम उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा नगर परिषद है और इसकी स्थानपा [[1942]] ई. में हुई थी। काठगोदाम का शाब्दिक अर्थ होता है- "लकड़ियों का गोदाम"। यह अर्थ काफ़ी सही भी मालूम पड़ता है, क्योंकि यह शहर ज़िले में व्यापार और व्यवसाय का प्रमुख केंद्र है।<ref name="aa">{{cite web |url= http://hindi.nativeplanet.com/kathgodam/|title= काठगोदाम- श्रदालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए|accessmonthday= 04 जुलाई|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= नेटिव प्लेनेट|language=हिन्दी}}</ref> | ||
पंक्ति 8: | पंक्ति 48: | ||
वर्ष [[1984]] में हल्द्वानी रेलवे लाइन को काठगोदाम तक फैला दिया गया। वर्तमान में काठगोदाम उत्तर-पूर्व रेलवे का आखिरी स्टेशन है। इस क्षेत्र के दो प्रमुख आकर्षण 'शीतला देवी' और 'कालीचौड़ का मंदिर' है। त्योहारों के मौसम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं। | वर्ष [[1984]] में हल्द्वानी रेलवे लाइन को काठगोदाम तक फैला दिया गया। वर्तमान में काठगोदाम उत्तर-पूर्व रेलवे का आखिरी स्टेशन है। इस क्षेत्र के दो प्रमुख आकर्षण 'शीतला देवी' और 'कालीचौड़ का मंदिर' है। त्योहारों के मौसम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं। | ||
====आस पास के स्थान==== | ====आस पास के स्थान==== | ||
गौला नदी इस क्षेत्र का | गौला नदी इस क्षेत्र का ख़ास आकर्षण है। 'सात ताल झील' से निकलने वाली यह नदी हल्द्वानी और शाही जैसी कई जगहों से होकर गुजरती है। इस नदी के ऊपर एक बाँध भी बना हुआ है, जिसे गौला बांध के नाम से जाना जाता है। पिकनिक के लिए यह जगह काफ़ी पसंद किया जाता है। काठगोदाम आने वाले पर्यटक चाहें तो यहां से 21 कि.मी. दूर स्थित छोटे-सा शहर 'भीमताल' का भी भ्रमण कर सकते हैं। यह जगह साल भर पानी से भरी रहने वाली भीमताल झील के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह का नामकरण '[[महाभारत]]' के एक पात्र [[भीम]] के नाम पर हुआ है। | ||
[[भीमताल झील]] के किनारे [[शिव|भगवान शिव]] का एक पुराना मंदिर है, जिसे 'भीमेश्वर महादेव मंदिर' के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण 17वीं [[शताब्दी]] में [[कुमाऊं मण्डल|कुमाऊं]] के राजा बाज बहादुर ने करवाया था। [[झील]] के मध्य स्थित टापू पर बना एक्वेरियम यहां की खूबसूरती में और भी इजाफा कर देता है।<ref name="aa"/> पर्यटक 'सात ताल' का भी भ्रमण कर सकते हैं, जो काठगोदाम से 23 कि.मी. दूर है। 'सात ताल' का शाब्दिक अर्थ होता है- ‘सात झील’। यहां सात ताजे पानी के झीलें हैं, जो आपस में जुड़े हुए हैं। | |||
पर्यटक 'सात ताल' का भी भ्रमण कर सकते हैं, जो काठगोदाम से 23 कि.मी. दूर है। 'सात ताल' का शाब्दिक अर्थ होता है- ‘सात झील’। यहां सात ताजे पानी के झीलें हैं, जो आपस में जुड़े हुए | |||
==कैसे पहुँचें== | ==कैसे पहुँचें== | ||
*काठगोदाम के लिए सीधे हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। यहाँ से सबसे नजदीकी हवाईअड्डा पंतनगर है, जो 71 कि.मी. दूर है। यह 'इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट' से काफ़ी अच्छे से जुड़ा हुआ है और यहाँ से पंतनगर के लिए नियमित उड़ानें मिलती है। इस कारण विदेशों से आने वाले पर्यटकों को कोई दिक्कत नहीं होती। | *काठगोदाम के लिए सीधे हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। यहाँ से सबसे नजदीकी हवाईअड्डा पंतनगर है, जो 71 कि.मी. दूर है। यह 'इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट' से काफ़ी अच्छे से जुड़ा हुआ है और यहाँ से पंतनगर के लिए नियमित उड़ानें मिलती है। इस कारण विदेशों से आने वाले पर्यटकों को कोई दिक्कत नहीं होती। | ||
पंक्ति 26: | पंक्ति 65: | ||
{{पहाड़ी पर्यटन स्थल}}{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}} | {{पहाड़ी पर्यटन स्थल}}{{उत्तराखंड के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड के नगर]][[Category:भारत के नगर]][[Category:उत्तराखंड के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:पहाड़ी पर्यटन स्थल]] | [[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड के नगर]][[Category:भारत के नगर]][[Category:उत्तराखंड के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:पहाड़ी पर्यटन स्थल]] | ||
[[Category:नैनीताल]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
08:24, 20 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
काठगोदाम
| |
विवरण | 'काठगोदाम' उत्तराखण्ड राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। हल्द्वानी-काठगोदाम उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा नगर परिषद है। |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | नैनीताल |
भौगोलिक स्थिति | समुद्र तल से 554 मीटर की ऊंचाई पर स्थित। |
तापमान | सामान्य |
प्रसिद्धि | पहाड़ी पर्यटन स्थल |
कब जाएँ | जुलाई से नवंबर |
पंतनगर | |
काठगोदाम | |
गाजियाबाद, दिल्ली, नैनीताल और हल्द्वानी से काठगोदाम के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है। | |
क्या देखें | 'शीतला देवी', 'कालीचौड़ का मंदिर', 'सात ताल झील', 'भीमताल' आदि। |
स्थानीय भाषाएँ | भाषा कुमाऊंनी, हिन्दी |
जनसंख्या | 129,140 (2001) |
अन्य जानकारी | काठगोदाम का तापमान पूरे साल सामान्य बना रहता है। यहां गर्मी का मौसम अप्रैल से जून तक रहता है। इस दौरान तापमान 15 डिग्री से 30 डिग्री के बीच रहता है। |
काठगोदाम नैनीताल ज़िला, उत्तराखण्ड राज्य का एक शहर, जो गौला नदी की तट पर बसा कुमाऊं पर्वतों का प्रवेश द्वार है। यह एक छोटा-सा नगर है और पहाड़ के पाद प्रदेश में स्थित है। काठगोदाम पूर्वोत्तर रेलवे का अंतिम स्टेशन है। यहाँ से बरेली, लखनऊ तथा आगरा के लिए छोटी लाइन की रेल चलती है। यहाँ से नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत और पिथौरागढ़ के लिए के.एम.ओ.यू. की बसें चलती हैं। गौला नदी इसके दायें से होकर हल्द्वानी की ओर प्रवाहित होती है।
स्थिति तथा स्थापना
उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले का यह क्षेत्र समुद्र तल से 554 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हल्द्वानी-काठगोदाम उत्तराखंड का दूसरा सबसे बड़ा नगर परिषद है और इसकी स्थानपा 1942 ई. में हुई थी। काठगोदाम का शाब्दिक अर्थ होता है- "लकड़ियों का गोदाम"। यह अर्थ काफ़ी सही भी मालूम पड़ता है, क्योंकि यह शहर ज़िले में व्यापार और व्यवसाय का प्रमुख केंद्र है।[1]
भाषा
काठगोदाम की स्थानीय भाषा कुमाऊंनी, हिन्दी और गड़वाली है। काफ़ी पहले काठगोदाम को लोग बिल्कुल भी नहीं जानते थे। वर्ष 1909 ई. में ब्रिटिश अंग्रेज़ सरकार ने यहां रेलवे ट्रैक बिछाए। इसके बाद काठगोदाम को चर्चा मिली।
पर्यटन स्थल
वर्ष 1984 में हल्द्वानी रेलवे लाइन को काठगोदाम तक फैला दिया गया। वर्तमान में काठगोदाम उत्तर-पूर्व रेलवे का आखिरी स्टेशन है। इस क्षेत्र के दो प्रमुख आकर्षण 'शीतला देवी' और 'कालीचौड़ का मंदिर' है। त्योहारों के मौसम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन मंदिरों के दर्शन करने आते हैं।
आस पास के स्थान
गौला नदी इस क्षेत्र का ख़ास आकर्षण है। 'सात ताल झील' से निकलने वाली यह नदी हल्द्वानी और शाही जैसी कई जगहों से होकर गुजरती है। इस नदी के ऊपर एक बाँध भी बना हुआ है, जिसे गौला बांध के नाम से जाना जाता है। पिकनिक के लिए यह जगह काफ़ी पसंद किया जाता है। काठगोदाम आने वाले पर्यटक चाहें तो यहां से 21 कि.मी. दूर स्थित छोटे-सा शहर 'भीमताल' का भी भ्रमण कर सकते हैं। यह जगह साल भर पानी से भरी रहने वाली भीमताल झील के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह का नामकरण 'महाभारत' के एक पात्र भीम के नाम पर हुआ है।
भीमताल झील के किनारे भगवान शिव का एक पुराना मंदिर है, जिसे 'भीमेश्वर महादेव मंदिर' के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में कुमाऊं के राजा बाज बहादुर ने करवाया था। झील के मध्य स्थित टापू पर बना एक्वेरियम यहां की खूबसूरती में और भी इजाफा कर देता है।[1] पर्यटक 'सात ताल' का भी भ्रमण कर सकते हैं, जो काठगोदाम से 23 कि.मी. दूर है। 'सात ताल' का शाब्दिक अर्थ होता है- ‘सात झील’। यहां सात ताजे पानी के झीलें हैं, जो आपस में जुड़े हुए हैं।
कैसे पहुँचें
- काठगोदाम के लिए सीधे हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। यहाँ से सबसे नजदीकी हवाईअड्डा पंतनगर है, जो 71 कि.मी. दूर है। यह 'इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट' से काफ़ी अच्छे से जुड़ा हुआ है और यहाँ से पंतनगर के लिए नियमित उड़ानें मिलती है। इस कारण विदेशों से आने वाले पर्यटकों को कोई दिक्कत नहीं होती।
- काठगोदाम रेलवे स्टेशन उत्तर-पूर्व रेलवे के अंतर्गत आता है और यह भारत के कई प्रमुख शहरों, जैसे- दिल्ली, लखनऊ और हावड़ा से सीधे जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग से भी काठगोदाम पहुंचा जा सकता है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-87 का सहारा लिया जाता है। गाजियाबाद, दिल्ली, नैनीताल और हल्द्वानी से काठगोदाम के लिए सीधी बस सेवा है।[1]
मौसम
काठगोदाम का तापमान पूरे साल सामान्य बना रहता है। यहां गर्मी का मौसम अप्रैल से जून तक रहता है। इस दौरान तापमान 15 डिग्री से 30 डिग्री के बीच रहता है। काठगोदाम घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई से नवंबर तक का होता है। इस दौरान यहां हल्की ठंड पड़ती है और मौसम सुहाना रहता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 काठगोदाम- श्रदालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 04 जुलाई, 2014।
संबंधित लेख