"बी. आर. इशारा": अवतरणों में अंतर
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'''बाबू राम इशारा''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Babu Ram Ishara'', मूल नाम: रोशन लाल शर्मा, जन्म: [[7 सितम्बर]], [[1934]] | '''बाबू राम इशारा''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Babu Ram Ishara'', मूल नाम: रोशन लाल शर्मा, जन्म: [[7 सितम्बर]], [[1934]]; मृत्यु: [[25 जुलाई]], [[2012]]) प्रसिद्ध लेखक और फ़िल्म निर्देशक थे। उन्होंने एक लम्बा संघर्षशील जीवन जीया। वे [[हिमाचल प्रदेश]] के ऊना ज़िले में किसी पहाड़ी [[गांव]] के रहने वाले थे। किशोर उम्र में ही भागकर [[मुम्बई]] आ गए थे। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने एक फ़िल्म स्टुडियो में [[चाय]] देने का काम भी किया। फिर बाद में फ़िल्म से जुड़े और अनेक छोटे-मोटे काम किए और निर्देशक को सहयोग देने की भूमिका तक पहुंचे। उन्होंने बासु भट्टाचार्य के अलावा दुलाल गुहा को निर्देशकीय सहयोग दिया। अपनी फ़िल्मों में नए लोगों को ब्रेक देने वाले बी.आर. इशारा ने [[अमिताभ बच्चन]] की फ़िल्म ‘एक नज़र’ का निर्देशन भी किया था। यह अमिताभ का सुपर सितारे से पहले का दौर था। | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
[[हिमाचल प्रदेश]] के ऊना ज़िले में जन्मे लेखक और फ़िल्म निर्देशक बी. आर. इशारा [[मुम्बई]] के जुहु इलाके में रहा करते थे। हिमाचल प्रदेश से छोटी उम्र में ही मुंबई आ गए बी. आर. इशारा ने पहले छोटे-मोटे काम किए। शब्दों और विचारों के धनी बी. आर. इशारा ने शुरू में लेखकों की मदद की और बाद में स्वयं लेखक बन गए। उन्होंने हिंदी फ़िल्मों की लीक छोड़ी और नए ढंग के [[सिनेमा]] को लेकर आगे बढ़े। कहते हैं उनका मूल नाम रोशन लाल शर्मा था। मुंबई आने पर उन्होंने जहां पहली नौकरी की, उस निर्माता ने उन्हें बाबू नाम दिया। वह उन्हें अपने गुरु के नाम रोशन लाल से नहीं पुकारना चाहता था। बाबू ने पहले अपने नाम में राम जोड़ा। फिर लेखक बने तो अपना तखल्लुस इशारा रख लिया। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के राइटर्स एसोशिएसन के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने चेतना की | [[हिमाचल प्रदेश]] के ऊना ज़िले में जन्मे लेखक और फ़िल्म निर्देशक बी. आर. इशारा [[मुम्बई]] के जुहु इलाके में रहा करते थे। हिमाचल प्रदेश से छोटी उम्र में ही मुंबई आ गए बी. आर. इशारा ने पहले छोटे-मोटे काम किए। शब्दों और विचारों के धनी बी. आर. इशारा ने शुरू में लेखकों की मदद की और बाद में स्वयं लेखक बन गए। उन्होंने हिंदी फ़िल्मों की लीक छोड़ी और नए ढंग के [[सिनेमा]] को लेकर आगे बढ़े। कहते हैं उनका मूल नाम रोशन लाल शर्मा था। मुंबई आने पर उन्होंने जहां पहली नौकरी की, उस निर्माता ने उन्हें बाबू नाम दिया। वह उन्हें अपने गुरु के नाम रोशन लाल से नहीं पुकारना चाहता था। बाबू ने पहले अपने नाम में राम जोड़ा। फिर लेखक बने तो अपना तखल्लुस इशारा रख लिया। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के राइटर्स एसोशिएसन के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने चेतना की हिरोइन रेहाना सुल्तान से शादी की थी। | ||
== | ==कैरियर== | ||
इशारा को बोल्ड और समाज के बर्निंग इशूज पर फ़िल्में बनाने के लिए जाना जाता था। उन्होंने हिंदी फ़िल्मों में बोल्ड फ़िल्मों की शुरुआत की थी। ज़रूरत और चेतना जैसी फ़िल्मों से उन्होंने आठवें दशक के आरंभ में हिंदी फ़िल्मों के पारंपरिक दर्शकों को झकझोर दिया था। वे अक्सर नए कलाकारों को लेकर बोल्ड फ़िल्म बनाते थे। उन्होंने सबसे पहले एफटीआईआई से ग्रेजुएट होकर आए कलाकारों पर भरोसा किया और उन्हें अपनी फ़िल्मों में प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। उनके द्वारा बनाई गई प्रमुख फ़िल्मों में हम दो हमारे दो, चेतना, चरित्र, औरत जैसी फ़िल्में हैं। उन्होंने प्रसिद्ध क्रिकेटर सलीम दुर्रानी को लेकर ‘चरित्र’ बनाई थी जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी। बाबू राम इशारा ने रेहाना सुल्तान, [[परवीन बॉबी]] जैसे कलाकारों का पेश करने के साथ [[अमिताभ बच्चन]], [[जया बच्चन|जया भादुड़ी]], रीना रॉय, अनिल धवन, [[शत्रुघ्न सिन्हा]], रजा मुराद, डैनी, विजय अरोड़ा, राज किरण जैसे कलाकारों के करिअर के आरंभ में बड़े मौके दिए। परवीन बॉबी को सबसे पहले अवसर बी. आर. इशारा ने ही दिया था। | इशारा को बोल्ड और समाज के बर्निंग इशूज पर फ़िल्में बनाने के लिए जाना जाता था। उन्होंने [[हिंदी]] फ़िल्मों में बोल्ड फ़िल्मों की शुरुआत की थी। ज़रूरत और चेतना जैसी फ़िल्मों से उन्होंने आठवें दशक के आरंभ में हिंदी फ़िल्मों के पारंपरिक दर्शकों को झकझोर दिया था। वे अक्सर नए कलाकारों को लेकर बोल्ड फ़िल्म बनाते थे। उन्होंने सबसे पहले एफटीआईआई से ग्रेजुएट होकर आए कलाकारों पर भरोसा किया और उन्हें अपनी फ़िल्मों में प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। उनके द्वारा बनाई गई प्रमुख फ़िल्मों में हम दो हमारे दो, चेतना, चरित्र, औरत जैसी फ़िल्में हैं। उन्होंने प्रसिद्ध क्रिकेटर सलीम दुर्रानी को लेकर ‘चरित्र’ बनाई थी जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी। बाबू राम इशारा ने रेहाना सुल्तान, [[परवीन बॉबी]] जैसे कलाकारों का पेश करने के साथ [[अमिताभ बच्चन]], [[जया बच्चन|जया भादुड़ी]], रीना रॉय, अनिल धवन, [[शत्रुघ्न सिन्हा]], रजा मुराद, डैनी, विजय अरोड़ा, राज किरण जैसे कलाकारों के करिअर के आरंभ में बड़े मौके दिए। [[परवीन बॉबी]] को सबसे पहले अवसर बी. आर. इशारा ने ही दिया था। | ||
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बी. आर. इशारा
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पूरा नाम | रोशन लाल शर्मा |
प्रसिद्ध नाम | बाबू राम इशारा |
जन्म | 7 सितम्बर, 1934 |
जन्म भूमि | ऊना, हिमाचल प्रदेश |
मृत्यु | 25 जुलाई, 2012 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | फ़िल्म निर्देशक |
मुख्य फ़िल्में | 'हम दो हमारे दो', 'चेतना', 'चरित्र', 'औरत' आदि। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | परवीन बॉबी को फ़िल्मी दुनिया में सबसे पहले अवसर बी. आर. इशारा ने ही दिया था। |
बाबू राम इशारा (अंग्रेज़ी: Babu Ram Ishara, मूल नाम: रोशन लाल शर्मा, जन्म: 7 सितम्बर, 1934; मृत्यु: 25 जुलाई, 2012) प्रसिद्ध लेखक और फ़िल्म निर्देशक थे। उन्होंने एक लम्बा संघर्षशील जीवन जीया। वे हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले में किसी पहाड़ी गांव के रहने वाले थे। किशोर उम्र में ही भागकर मुम्बई आ गए थे। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने एक फ़िल्म स्टुडियो में चाय देने का काम भी किया। फिर बाद में फ़िल्म से जुड़े और अनेक छोटे-मोटे काम किए और निर्देशक को सहयोग देने की भूमिका तक पहुंचे। उन्होंने बासु भट्टाचार्य के अलावा दुलाल गुहा को निर्देशकीय सहयोग दिया। अपनी फ़िल्मों में नए लोगों को ब्रेक देने वाले बी.आर. इशारा ने अमिताभ बच्चन की फ़िल्म ‘एक नज़र’ का निर्देशन भी किया था। यह अमिताभ का सुपर सितारे से पहले का दौर था।
जीवन परिचय
हिमाचल प्रदेश के ऊना ज़िले में जन्मे लेखक और फ़िल्म निर्देशक बी. आर. इशारा मुम्बई के जुहु इलाके में रहा करते थे। हिमाचल प्रदेश से छोटी उम्र में ही मुंबई आ गए बी. आर. इशारा ने पहले छोटे-मोटे काम किए। शब्दों और विचारों के धनी बी. आर. इशारा ने शुरू में लेखकों की मदद की और बाद में स्वयं लेखक बन गए। उन्होंने हिंदी फ़िल्मों की लीक छोड़ी और नए ढंग के सिनेमा को लेकर आगे बढ़े। कहते हैं उनका मूल नाम रोशन लाल शर्मा था। मुंबई आने पर उन्होंने जहां पहली नौकरी की, उस निर्माता ने उन्हें बाबू नाम दिया। वह उन्हें अपने गुरु के नाम रोशन लाल से नहीं पुकारना चाहता था। बाबू ने पहले अपने नाम में राम जोड़ा। फिर लेखक बने तो अपना तखल्लुस इशारा रख लिया। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के राइटर्स एसोशिएसन के सक्रिय सदस्य थे। उन्होंने चेतना की हिरोइन रेहाना सुल्तान से शादी की थी।
कैरियर
इशारा को बोल्ड और समाज के बर्निंग इशूज पर फ़िल्में बनाने के लिए जाना जाता था। उन्होंने हिंदी फ़िल्मों में बोल्ड फ़िल्मों की शुरुआत की थी। ज़रूरत और चेतना जैसी फ़िल्मों से उन्होंने आठवें दशक के आरंभ में हिंदी फ़िल्मों के पारंपरिक दर्शकों को झकझोर दिया था। वे अक्सर नए कलाकारों को लेकर बोल्ड फ़िल्म बनाते थे। उन्होंने सबसे पहले एफटीआईआई से ग्रेजुएट होकर आए कलाकारों पर भरोसा किया और उन्हें अपनी फ़िल्मों में प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। उनके द्वारा बनाई गई प्रमुख फ़िल्मों में हम दो हमारे दो, चेतना, चरित्र, औरत जैसी फ़िल्में हैं। उन्होंने प्रसिद्ध क्रिकेटर सलीम दुर्रानी को लेकर ‘चरित्र’ बनाई थी जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी। बाबू राम इशारा ने रेहाना सुल्तान, परवीन बॉबी जैसे कलाकारों का पेश करने के साथ अमिताभ बच्चन, जया भादुड़ी, रीना रॉय, अनिल धवन, शत्रुघ्न सिन्हा, रजा मुराद, डैनी, विजय अरोड़ा, राज किरण जैसे कलाकारों के करिअर के आरंभ में बड़े मौके दिए। परवीन बॉबी को सबसे पहले अवसर बी. आर. इशारा ने ही दिया था।
निधन
बी. आर. इशारा का निधन 25 जुलाई 2012 को मुम्बई के क्रिटिकेयर अस्पताल में हुआ था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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