"ममता कालिया": अवतरणों में अंतर
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक") |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
|पति/पत्नी= | |पति/पत्नी= | ||
|संतान= | |संतान= | ||
|कर्म भूमि= | |कर्म भूमि=[[भारत]] | ||
|कर्म-क्षेत्र=[[कहानी]], [[उपन्यास]], [[कविता]], [[नाटक]], [[संस्मरण]] | |कर्म-क्षेत्र=[[कहानी]], [[उपन्यास]], [[कविता]], [[नाटक]], [[संस्मरण]] | ||
|मुख्य रचनाएँ='''कहानी संग्रह'''- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:; '''उपन्यास'''- बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी; '''कविता संग्रह''' - खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ आदि | |मुख्य रचनाएँ='''कहानी संग्रह'''- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:; '''उपन्यास'''- बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी; '''कविता संग्रह''' - खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ आदि | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 19: | ||
|विद्यालय= | |विद्यालय= | ||
|शिक्षा=एम.ए. ([[अंग्रेज़ी साहित्य]]) | |शिक्षा=एम.ए. ([[अंग्रेज़ी साहित्य]]) | ||
|पुरस्कार-उपाधि=अभिनव भारती सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, यशपाल स्मृति सम्मान, महादेवी स्मृति पुरस्कार, कमलेश्वर स्मृति सम्मान, सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान आदि | |पुरस्कार-उपाधि=[[व्यास सम्मान]] ([[2017]]), अभिनव भारती सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, यशपाल स्मृति सम्मान, महादेवी स्मृति पुरस्कार, कमलेश्वर स्मृति सम्मान, सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान आदि | ||
|प्रसिद्धि= | |प्रसिद्धि= | ||
|विशेष योगदान= | |विशेष योगदान= | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 28: | ||
|शीर्षक 2= | |शीर्षक 2= | ||
|पाठ 2= | |पाठ 2= | ||
|अन्य जानकारी=ममता कालिया ने अपने लेखन में रोज़मर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा और अपनी रचनाओं में रेखांकित किया कि स्त्री और पुरुष का संघर्ष अलग नहीं, कमतर भी नहीं | |अन्य जानकारी=ममता कालिया ने अपने लेखन में रोज़मर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा और अपनी रचनाओं में रेखांकित किया कि स्त्री और पुरुष का संघर्ष अलग नहीं, कमतर भी नहीं वरन् समाजशास्त्रीय अर्थों में ज़्यादा विकट और महत्तर है। | ||
|बाहरी कड़ियाँ= | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
|अद्यतन={{अद्यतन|17 | |अद्यतन={{अद्यतन|11:17, 11 सितम्बर 2021 (IST)}} | ||
}} | }}'''ममता कालिया''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mamta Kalia'' जन्म: [[2 नवम्बर]], [[1940]], [[मथुरा]], [[उत्तर प्रदेश]]) समकालीन [[हिंदी]] लेखन जगत् की अग्रणी हस्ताक्षर हैं। [[अंग्रेज़ी साहित्य]] में एम.ए. ममता कालिया का जन्म [[1940]] में [[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] की नगरी [[मथुरा]] में हुआ था। ममता कालिया ने [[कहानी]], [[उपन्यास]], [[कविता]], [[नाटक]], [[संस्मरण]] और [[पत्रकारिता]] अर्थात् [[साहित्य]] की लगभग सभी विधाओं में अपनी कलम का जादू बिखेरा। उन्होंने अपने लेखन में रोजमर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा। अपनी रचनाओं में वह न केवल महिलाओं से जुड़े सवाल उठाती हैं, बल्कि उन्होंने उनके उत्तर देने की भी कोशिश की हैं। | ||
'''ममता कालिया''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Mamta Kalia'' जन्म: 2 नवम्बर, 1940) समकालीन [[हिंदी]] लेखन | |||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
[[2 नवम्बर]], [[1940]] को वृंदावन में जन्मी ममता कालिया की शिक्षा [[दिल्ली]], [[मुंबई]], [[पुणे]], [[नागपुर]] और [[इन्दौर]] जैसे शहरों में हुई। उनके पिता स्व. विद्याभूषण अग्रवाल पहले अध्यापन में और बाद में [[आकाशवाणी]] में कार्यरत रहे। वे [[हिंदी]] और [[अंग्रेज़ी साहित्य]] के | [[2 नवम्बर]], [[1940]] को वृंदावन में जन्मी ममता कालिया की शिक्षा [[दिल्ली]], [[मुंबई]], [[पुणे]], [[नागपुर]] और [[इन्दौर]] जैसे शहरों में हुई। उनके [[पिता]] स्व. विद्याभूषण अग्रवाल पहले अध्यापन में और बाद में [[आकाशवाणी]] में कार्यरत रहे। वे [[हिंदी]] और [[अंग्रेज़ी साहित्य]] के विद्वान् थे और अपनी बेबाक़ बयानी के लिए जाने जाते थे। ममता पर पिता के व्यक्त्वि की छाप साफ दिखाई देती है। 'प्यार शब्द घिसते घिसते चपटा हो गया है अब हमारी समझ में सहवास आता है' जैसी साहसी [[कविता|कविताओं]] से लेखन आरंभ कर ममता ने अपनी सामर्थ्य और मौलिकता का परिचय दिया और जल्द ही [[कथा]]-साहित्य की ओर मुड गईं। उन्होंने अपने कथा-साहित्य में हाडमाँस की स्त्री का चेहरा दिखाया। जीवन की जटिलताओं के बीच जी रहे उनके पात्र एक निर्भय और श्रेष्ठतर सुलूक की माँग करते हैं जहाँ आक्रोश और भावुकता की जगह सत्य और संतुलन का आग्रह है। ममता कालिया ने अपने लेखन में रोज़मर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा और अपनी रचनाओं में रेखांकित किया कि स्त्री और पुरुष का संघर्ष अलग नहीं, कमतर भी नहीं वरन् समाजशास्त्रीय अर्थों में ज़्यादा विकट और महत्तर है। | ||
==प्रमुख कृतियाँ== | |||
ममता कालिया की कृतियाँ इस प्रकार हैं- | |||
'''कहानी संग्रह'''- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की, ममता कालिया की कहानियाँ (दो खंडों में अब तक की संपूर्ण कहानियाँ)<br /> | '''कहानी संग्रह'''- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की, ममता कालिया की कहानियाँ (दो खंडों में अब तक की संपूर्ण कहानियाँ)<br /> | ||
'''उपन्यास'''- बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला, दुक्खम् - सुक्खम्<br /> | '''उपन्यास'''- बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला, दुक्खम् - सुक्खम्<br /> | ||
पंक्ति 46: | पंक्ति 45: | ||
'''संपादन'''- हिन्दी (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक अंग्रेज़ी पत्रिका)<ref>{{cite web |url=http://www.hindisamay.com/writer/writer_details_n.aspx?id=288|title=ममता कालिया|accessmonthday=22 दिसम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref><br /> | '''संपादन'''- हिन्दी (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक अंग्रेज़ी पत्रिका)<ref>{{cite web |url=http://www.hindisamay.com/writer/writer_details_n.aspx?id=288|title=ममता कालिया|accessmonthday=22 दिसम्बर|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref><br /> | ||
==सम्मान और पुरस्कार== | ==सम्मान और पुरस्कार== | ||
*व्यास सम्मान, [[2017]] | |||
*अभिनव भारती सम्मान | *अभिनव भारती सम्मान | ||
*साहित्य भूषण सम्मान | *साहित्य भूषण सम्मान | ||
पंक्ति 62: | पंक्ति 62: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{आधुनिक महिला साहित्यकार}} | {{आधुनिक महिला साहित्यकार}} | ||
[[Category:आधुनिक महिला साहित्यकार]] | [[Category:आधुनिक महिला साहित्यकार]][[Category:महिला उपन्यासकार]][[Category:लेखक]][[Category:आधुनिक लेखक]][[Category:व्यास सम्मान]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:आधुनिक साहित्यकार]][[Category:साहित्यकार]][[Category:साहित्य कोश]][[Category:चरित कोश]] | ||
[[Category:महिला उपन्यासकार]] | |||
[[Category:साहित्यकार]] | |||
[[Category:साहित्य कोश]] | |||
[[Category:चरित कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
05:47, 11 सितम्बर 2021 के समय का अवतरण
ममता कालिया
| |
पूरा नाम | ममता कालिया |
जन्म | 2 नवम्बर, 1940 |
जन्म भूमि | वृंदावन, मथुरा, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | विद्याभूषण अग्रवाल |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | कहानी, उपन्यास, कविता, नाटक, संस्मरण |
मुख्य रचनाएँ | कहानी संग्रह- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:; उपन्यास- बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी; कविता संग्रह - खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ आदि |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
शिक्षा | एम.ए. (अंग्रेज़ी साहित्य) |
पुरस्कार-उपाधि | व्यास सम्मान (2017), अभिनव भारती सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान, यशपाल स्मृति सम्मान, महादेवी स्मृति पुरस्कार, कमलेश्वर स्मृति सम्मान, सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान आदि |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | ममता कालिया ने अपने लेखन में रोज़मर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा और अपनी रचनाओं में रेखांकित किया कि स्त्री और पुरुष का संघर्ष अलग नहीं, कमतर भी नहीं वरन् समाजशास्त्रीय अर्थों में ज़्यादा विकट और महत्तर है। |
अद्यतन | 11:17, 11 सितम्बर 2021 (IST)
|
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
ममता कालिया (अंग्रेज़ी: Mamta Kalia जन्म: 2 नवम्बर, 1940, मथुरा, उत्तर प्रदेश) समकालीन हिंदी लेखन जगत् की अग्रणी हस्ताक्षर हैं। अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए. ममता कालिया का जन्म 1940 में भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में हुआ था। ममता कालिया ने कहानी, उपन्यास, कविता, नाटक, संस्मरण और पत्रकारिता अर्थात् साहित्य की लगभग सभी विधाओं में अपनी कलम का जादू बिखेरा। उन्होंने अपने लेखन में रोजमर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा। अपनी रचनाओं में वह न केवल महिलाओं से जुड़े सवाल उठाती हैं, बल्कि उन्होंने उनके उत्तर देने की भी कोशिश की हैं।
जीवन परिचय
2 नवम्बर, 1940 को वृंदावन में जन्मी ममता कालिया की शिक्षा दिल्ली, मुंबई, पुणे, नागपुर और इन्दौर जैसे शहरों में हुई। उनके पिता स्व. विद्याभूषण अग्रवाल पहले अध्यापन में और बाद में आकाशवाणी में कार्यरत रहे। वे हिंदी और अंग्रेज़ी साहित्य के विद्वान् थे और अपनी बेबाक़ बयानी के लिए जाने जाते थे। ममता पर पिता के व्यक्त्वि की छाप साफ दिखाई देती है। 'प्यार शब्द घिसते घिसते चपटा हो गया है अब हमारी समझ में सहवास आता है' जैसी साहसी कविताओं से लेखन आरंभ कर ममता ने अपनी सामर्थ्य और मौलिकता का परिचय दिया और जल्द ही कथा-साहित्य की ओर मुड गईं। उन्होंने अपने कथा-साहित्य में हाडमाँस की स्त्री का चेहरा दिखाया। जीवन की जटिलताओं के बीच जी रहे उनके पात्र एक निर्भय और श्रेष्ठतर सुलूक की माँग करते हैं जहाँ आक्रोश और भावुकता की जगह सत्य और संतुलन का आग्रह है। ममता कालिया ने अपने लेखन में रोज़मर्रा के संघर्ष में युद्धरत स्त्री का व्यक्तित्व उभारा और अपनी रचनाओं में रेखांकित किया कि स्त्री और पुरुष का संघर्ष अलग नहीं, कमतर भी नहीं वरन् समाजशास्त्रीय अर्थों में ज़्यादा विकट और महत्तर है।
प्रमुख कृतियाँ
ममता कालिया की कृतियाँ इस प्रकार हैं-
कहानी संग्रह- छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की, ममता कालिया की कहानियाँ (दो खंडों में अब तक की संपूर्ण कहानियाँ)
उपन्यास- बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला, दुक्खम् - सुक्खम्
कविता संग्रह - खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी
नाटक संग्रह- यहाँ रहना मना है, आप न बदलेंगे
संस्मरण- कितने शहरों में कितनी बार
अनुवाद- मानवता के बंधन (उपन्यास - सॉमरसेट मॉम)
संपादन- हिन्दी (महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक अंग्रेज़ी पत्रिका)[1]
सम्मान और पुरस्कार
- व्यास सम्मान, 2017
- अभिनव भारती सम्मान
- साहित्य भूषण सम्मान
- यशपाल स्मृति सम्मान
- महादेवी स्मृति पुरस्कार
- कमलेश्वर स्मृति सम्मान
- सावित्री बाई फुले स्मृ्ति सम्मान
- अमृत सम्मान।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ममता कालिया (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2012।