नवनीत कुमार (वार्ता | योगदान) |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "दृष्टा " to "द्रष्टा") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''व्याघ्रपाद''' पौराणिक [[महाकाव्य]] [[महाभारत]]<ref>[[महाभारत अनुशासन पर्व|महाभारत अनुशासन पर्व 14.45]]</ref> और मान्यताओं के अनुसार [[वशिष्ठ]] के गोत्र में उत्पन्न एक प्राचीन [[ऋषि]] थे, जो [[ऋग्वेद]] के कई मंत्रों के | '''व्याघ्रपाद''' पौराणिक [[महाकाव्य]] [[महाभारत]]<ref>[[महाभारत अनुशासन पर्व|महाभारत अनुशासन पर्व 14.45]]</ref> और मान्यताओं के अनुसार [[वशिष्ठ]] के गोत्र में उत्पन्न एक प्राचीन [[ऋषि]] थे, जो [[ऋग्वेद]] के कई मंत्रों के द्रष्टाथे।<ref>ऋग्वेद</ref> व्याघ्रपाद [[उपमन्यु |उपमन्यु]] के पिता थे। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=|माध्यमिक=माध्यमिक2|पूर्णता=|शोध=}} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=|माध्यमिक=माध्यमिक2|पूर्णता=|शोध=}} |
05:02, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
व्याघ्रपाद पौराणिक महाकाव्य महाभारत[1] और मान्यताओं के अनुसार वशिष्ठ के गोत्र में उत्पन्न एक प्राचीन ऋषि थे, जो ऋग्वेद के कई मंत्रों के द्रष्टाथे।[2] व्याघ्रपाद उपमन्यु के पिता थे।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 481 |
- ↑ महाभारत अनुशासन पर्व 14.45
- ↑ ऋग्वेद
संबंधित लेख