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'''विप्रचित्ति''' एक | '''विप्रचित्ति''' एक दानव था, जिसकी पत्नी [[सिंहिका]] के गर्भ से [[राहु]] (ग्रह) उत्पन्न हुआ था। | ||
*[[दनु]] के गर्भ से उत्पन्न यह [[कश्यप]] का महापराक्रमी प्रसिद्ध पुत्र था। | *[[दनु]] के गर्भ से उत्पन्न यह [[कश्यप]] का महापराक्रमी प्रसिद्ध पुत्र था। | ||
*कहते हैं कि आतापि और वातापि इसी के पुत्र थे।<ref>[[ब्रह्माण्डपुराण]] 4.37.25;38.8 तथा [[मत्स्यपुराण]] 1.9; 249.14 अंत तक</ref> | *कहते हैं कि आतापि और वातापि इसी के पुत्र थे।<ref>[[ब्रह्माण्डपुराण]] 4.37.25;38.8 तथा [[मत्स्यपुराण]] 1.9; 249.14 अंत तक</ref><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=467|url=}}</ref> | ||
<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=467|url=}}</ref> | |||
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07:14, 21 जून 2018 के समय का अवतरण
विप्रचित्ति एक दानव था, जिसकी पत्नी सिंहिका के गर्भ से राहु (ग्रह) उत्पन्न हुआ था।
- दनु के गर्भ से उत्पन्न यह कश्यप का महापराक्रमी प्रसिद्ध पुत्र था।
- कहते हैं कि आतापि और वातापि इसी के पुत्र थे।[1][2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ब्रह्माण्डपुराण 4.37.25;38.8 तथा मत्स्यपुराण 1.9; 249.14 अंत तक
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 467 |
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