"इन्द्राणी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''इन्द्राणी''' [[इन्द्र]] की पत्नी, जो प्राय: [[शची]] अथवा [[पौलोमी]] भी कही गयी है। यह [[असुर]] पुलोमा की पुत्री थी, जिसका वध इन्द्र ने किया था। | |||
*शाक्त मत में सर्वप्रथम मातृ की पूजा होती है। ये माताएँ विश्वजननी हैं, जिनका देवस्त्रियों के रूप में मानवीकरण हुआ है। | *शाक्त मत में सर्वप्रथम मातृ की पूजा होती है। ये माताएँ विश्वजननी हैं, जिनका देवस्त्रियों के रूप में मानवीकरण हुआ है। | ||
*इसका दूसरा अभिप्राय शक्ति के विविध रूपों से भी हो सकता है, जो आठ हैं तथा विभिन्न [[देवता|देवताओं]] से सम्बन्धित हैं। | *इसका दूसरा अभिप्राय शक्ति के विविध रूपों से भी हो सकता है, जो आठ हैं तथा विभिन्न [[देवता|देवताओं]] से सम्बन्धित हैं। | ||
*वैष्णवी | *वैष्णवी या [[लक्ष्मी]] का [[विष्णु]] से, ब्राह्मी या ब्रह्माणी का [[ब्रह्मा]] से, कार्तिकेयी का युद्धदेवता [[कार्तिकेय]] से, इन्द्राणी का [[इन्द्र]] से, यमी का मृत्यु के देवता [[यमराज|यम]] से, वाराही का [[वराह अवतार|वराह]] से, देवी व ईशानी का [[शिव]] से सम्बन्ध स्थापित है। इस प्रकार इन्द्राणी अष्टमातृकाओं में से भी एक है। | ||
*अमरकोश में सप्त मातृकाओं का (ब्राह्मीत्याद्याऽस्तु मातर:) उल्लेख है: | *[[अमरकोश]] में सप्त मातृकाओं का (ब्राह्मीत्याद्याऽस्तु मातर:) उल्लेख है: | ||
<poem>'''ब्राह्मी माहेश्वरी चैव कौमारी वैष्णवी तथा।''' | <poem>'''ब्राह्मी माहेश्वरी चैव कौमारी वैष्णवी तथा।''' | ||
'''वाराही च तथेन्द्राणी चामुण्डा सप्तमातर:॥'''</poem> | '''वाराही च तथेन्द्राणी चामुण्डा सप्तमातर:॥'''</poem> | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
पंक्ति 15: | पंक्ति 14: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
08:54, 20 मई 2012 का अवतरण
इन्द्राणी इन्द्र की पत्नी, जो प्राय: शची अथवा पौलोमी भी कही गयी है। यह असुर पुलोमा की पुत्री थी, जिसका वध इन्द्र ने किया था।
- शाक्त मत में सर्वप्रथम मातृ की पूजा होती है। ये माताएँ विश्वजननी हैं, जिनका देवस्त्रियों के रूप में मानवीकरण हुआ है।
- इसका दूसरा अभिप्राय शक्ति के विविध रूपों से भी हो सकता है, जो आठ हैं तथा विभिन्न देवताओं से सम्बन्धित हैं।
- वैष्णवी या लक्ष्मी का विष्णु से, ब्राह्मी या ब्रह्माणी का ब्रह्मा से, कार्तिकेयी का युद्धदेवता कार्तिकेय से, इन्द्राणी का इन्द्र से, यमी का मृत्यु के देवता यम से, वाराही का वराह से, देवी व ईशानी का शिव से सम्बन्ध स्थापित है। इस प्रकार इन्द्राणी अष्टमातृकाओं में से भी एक है।
- अमरकोश में सप्त मातृकाओं का (ब्राह्मीत्याद्याऽस्तु मातर:) उल्लेख है:
ब्राह्मी माहेश्वरी चैव कौमारी वैष्णवी तथा।
वाराही च तथेन्द्राणी चामुण्डा सप्तमातर:॥
|
|
|
|
|