"राउजैतसी रासो": अवतरणों में अंतर

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*अत: यह रचना इसके कुछ पश्चात की ही रही होगी।  
*अत: यह रचना इसके कुछ पश्चात की ही रही होगी।  
*इसकी कुल [[छन्द]] संख्या 90 है।  
*इसकी कुल [[छन्द]] संख्या 90 है।  
*इसे नरोत्तम स्वामी ने 'राजस्थान भारतीय' में प्रकाशित कराया है।
*इसे नरोत्तम स्वामी ने 'राजस्थान भारतीय' में प्रकाशित कराया है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
 


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13:45, 30 मई 2011 का अवतरण

  • राउजैतसी रासो रचना में कवि का नाम नहीं दिया गया है और न रचना तिथि का ही संकेत है।
  • इसमें बीकानेर के शासक 'राउ जैतसी' तथा हुमायूँ के भाई कामरांन से हुए एक युद्ध का वर्णन हैं।
  • जैतसी का शासन काल सं. 1503 - 1518 के आसपास रहा है।
  • अत: यह रचना इसके कुछ पश्चात की ही रही होगी।
  • इसकी कुल छन्द संख्या 90 है।
  • इसे नरोत्तम स्वामी ने 'राजस्थान भारतीय' में प्रकाशित कराया है।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।

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