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[[चित्र:Amar-Mahal-Museum-Jammu.jpg|thumb|250px|अमर महल पैलेस संग्रहालय, [[जम्मू]]<br />Amar Mahal Museum, Jammu]]
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*'अमर महल पैलेस म्यूज़ियम' [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[जम्मू]] शहर में स्थित है।  
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*अमर महल राजा [[अमर सिंह]] का आवासीय महल था। लेकिन बाद में इस महल को संग्रहालय में तब्‍दील कर दिया गया।  
'''अमर महल पैलेस संग्रहालय''' [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[जम्मू]] शहर में स्थित है।
*अमर महल को संग्रहालय का रूप दे दिया गया है यहाँ पर शाही परिवार की अनेक वस्तुएँ देखने योग्य हैं।
*जम्मू की तवी नदी से लगभग 500 फिट ऊपर एक पहड़ी पर [[लाल रंग]] की आकर्षक ईंटों से बना शानदार 'अमर महल' है।  
*[[लाल रंग|लाल]] पत्थरों से बना यह ख़ूबसूरत महल जम्मू के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।  
*अमर महल राजा अमर सिंह का आवासीय महल था। लेकिन बाद में इस महल को संग्रहालय में तब्‍दील कर दिया गया।  
*अमर महल के एक ओर जहाँ [[शिवालिक पहाडियाँ]] है वहीं दूसरी ओर [[तावी नदी]] बहती है।  
*लाल पत्थरों से बना यह ख़ूबसूरत महल जम्मू के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।  
*इस संग्रहालय की देख-रेख हरी-तरन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
*अमर महल के एक ओर जहाँ [[शिवालिक पहाडियाँ]] है वहीं दूसरी ओर तवी नदी बहती है।  
*अमर महल में शुद्ध सोने का बना राजसिंहासन है। यह राजसिंहासन 120 किलो सोने से बना हुआ है।  
*इस महल का डिजाइन एक प्रसिद्ध फ़्रेंच वास्तुकार ने किया था, बाद में इसे संग्रहालय में परिवर्तन कर दिया गया और इसका संचालन हरितारा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाने लगा।
*इस संग्रहालय में कई ख़ूबसूरत चित्रकारी (पेंटिंग) है जिन्हें नल दमयंती के नाम से जाना जाता है।  
==आकर्षण==
*इसके अलावा यहाँ एक पुस्तकालय भी है जिसमें विभिन्न विषयों की 25,000 किताबें मौजूद है।
अमर महल को संग्रहालय का रूप दे दिया गया है यहाँ पर शाही परिवार की अनेक वस्तुएँ देखने योग्य हैं। बिल्कुल विशाल तवी नदी के छोर पर बना यह ख़ूबसूरत महल लौकिक और अलौकिक पक्षों का सुमेल लगता है। चारों ओर एक दिव्यता नज़र आती हैं। आकर्षक इतना कि जैसे स्वर्ग का महल हो। कलकल बहती तवी नदी इस महल को छूकर आगे निकलती है। महल के पीछे की ओर बहती यह नदी दूर-दूर तक भव्य मनमोहनी दृश्य बनाती है।
==प्रवेश द्वार==
महल के प्रवेश द्वार से ही मन प्रसन्न हो जाता है। महल के प्रवेश द्वार मुख्य गेट से निकलती सड़क के बाईं और दाईं ओर बहुत ही ख़ूबसूरत मर्मस्पर्शी बागवानी, छोटे-बड़े सुन्दर वृक्ष, हरी-भरी मखमल सी घास, खिलते तरह-तरह के अच्छे सुमन स्वच्छ साफ़ वातावरण, दिलकश महल, किसी स्वर्ग से कम नज़र नहीं आता। चौड़ी साफ़ सड़क के आस-पास इस तरह का वर्गीकरण किया गया है कि प्रात्येक बग़ीचा अपने आपमें एक कहानी कहता है।
==शानदार पार्क==
महल के सामने सड़क के पार एक शानदार पार्क है। पार्क के केंद्र में एक मूल्यवान (स्टैचू) घोड़े पर किसी महाराज की प्राचीन वेशभूषा वाली प्रतिमा शोभनीय है। इस पार्क में प्रत्येक किस्म के खिलते [[फूल]] 'धन्यवाद' कहते हुए अपनी सुगंध से वातावरण को सुगंधित करते चले जाते हैं। प्रत्येक वस्तु बग़ीचे की सुंदरता को उभारती है। सलीका और शैली का अद्भूत सुमेल।
==दीर्घ महल==
मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही आपको लाल और [[पीला रंग|पीले रंग]] का चमकता हुआ दीर्घ महल नज़र आएगा जिसकी बनावट [[कला]] कमाल की है। चारों तरफ एक छतनुमा बरामदा लाल रंग के स्तंभों से ख़ूबसूरती बढ़ाता है। स्तंभों पर खड़ा बरामदा अत्यंत सुंदर तीन मंजिला इमारत को खिड़कियों, झरोखों से सजाया गया है। इस महल से सारा [[जम्मू]] नज़र आता है। इसकी खिड़कियाँ और झरोखे इस ढंग से रखे गए हैं कि कई मील दूरी से ही सब कुछ नज़र आता है। इस इमारत से तवी नदी के पार के सब गांव-शहर नज़र आते हैं। दूर-दूर तक सब कुछ दिखाई देता है।
==छोटे-बड़े हॉल==
इस महल में कई छोटे-बड़े हॉल हैं। इन हॉलों में उत्कृष्ट तथा ख़ूबसूरत चित्र हैं। एक से बढ़कर एक चित्र हैं जो कमाल की कलाकारों के हैं। हॉल में कुर्सियाँ रखी गई हैं जो सुसज्जित मुद्रा में अच्छी लगती हैं।
 
==उद्घाटन==
औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन पूर्व [[प्रधानमंत्री]] [[इंदिरा गाँधी]] द्वारा [[13 अप्रैल]] [[1975]] को किया गया।
==उत्कृष्ट लघु चित्र==
इस संग्रहालय में कांगड़ा स्कूल के उत्कृष्ट लघु चित्रों में समकालीन भारतीय कलाकारों की तस्वीरों का प्रदेशन किया गया है, लेकिन यहाँ का प्रमुख आकर्षण डोगरा सिंहासन है जो 120 किलो ठोस सोने का बना हुआ है, जो तत्कालीन महाराजाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।  
==पुस्तकालय==
*इस महल में दीर्घ संग्रहालय एवं पुस्तकालय है।
*इस संग्रहालय के पुस्तकालय में लगभग 25000 पुस्तके हैं, जिनमें धार्मिक दार्शनिक एवं राजनीति विज्ञान आदि की पुस्तकों का संग्रह है।
==तस्वीरें==
इस महल में आनेक राजा-महाराजा, रानियों के बड़े-बड़े पोस्टर हैं। [[चित्रकार|चित्रकारों]] द्वारा बनाई गई तस्वीरें हैं जो प्राचीन राजाओं के सभ्याचार, पहनावा आदि को उजागर करती हैं।
 
यह सुसज्जित आलीशान महल प्राचीन [[वास्तुकला]] का एक जीवंत अदाहरण है। प्राचीन संस्कृति की मुंह बोलती तस्वीर। कई एकड़ में बना यह स्थान अपने आप में एक कहानी ही तो है, जिसके पात्र इसके भीतर अपने-अपने समय के संवाद रचते नज़र आते है।


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11:19, 20 मार्च 2012 का अवतरण

अमर महल पैलेस संग्रहालय, जम्मू

अमर महल पैलेस संग्रहालय जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू शहर में स्थित है।

  • जम्मू की तवी नदी से लगभग 500 फिट ऊपर एक पहड़ी पर लाल रंग की आकर्षक ईंटों से बना शानदार 'अमर महल' है।
  • अमर महल राजा अमर सिंह का आवासीय महल था। लेकिन बाद में इस महल को संग्रहालय में तब्‍दील कर दिया गया।
  • लाल पत्थरों से बना यह ख़ूबसूरत महल जम्मू के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
  • अमर महल के एक ओर जहाँ शिवालिक पहाडियाँ है वहीं दूसरी ओर तवी नदी बहती है।
  • इस महल का डिजाइन एक प्रसिद्ध फ़्रेंच वास्तुकार ने किया था, बाद में इसे संग्रहालय में परिवर्तन कर दिया गया और इसका संचालन हरितारा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाने लगा।

आकर्षण

अमर महल को संग्रहालय का रूप दे दिया गया है यहाँ पर शाही परिवार की अनेक वस्तुएँ देखने योग्य हैं। बिल्कुल विशाल तवी नदी के छोर पर बना यह ख़ूबसूरत महल लौकिक और अलौकिक पक्षों का सुमेल लगता है। चारों ओर एक दिव्यता नज़र आती हैं। आकर्षक इतना कि जैसे स्वर्ग का महल हो। कलकल बहती तवी नदी इस महल को छूकर आगे निकलती है। महल के पीछे की ओर बहती यह नदी दूर-दूर तक भव्य मनमोहनी दृश्य बनाती है।

प्रवेश द्वार

महल के प्रवेश द्वार से ही मन प्रसन्न हो जाता है। महल के प्रवेश द्वार मुख्य गेट से निकलती सड़क के बाईं और दाईं ओर बहुत ही ख़ूबसूरत मर्मस्पर्शी बागवानी, छोटे-बड़े सुन्दर वृक्ष, हरी-भरी मखमल सी घास, खिलते तरह-तरह के अच्छे सुमन स्वच्छ साफ़ वातावरण, दिलकश महल, किसी स्वर्ग से कम नज़र नहीं आता। चौड़ी साफ़ सड़क के आस-पास इस तरह का वर्गीकरण किया गया है कि प्रात्येक बग़ीचा अपने आपमें एक कहानी कहता है।

शानदार पार्क

महल के सामने सड़क के पार एक शानदार पार्क है। पार्क के केंद्र में एक मूल्यवान (स्टैचू) घोड़े पर किसी महाराज की प्राचीन वेशभूषा वाली प्रतिमा शोभनीय है। इस पार्क में प्रत्येक किस्म के खिलते फूल 'धन्यवाद' कहते हुए अपनी सुगंध से वातावरण को सुगंधित करते चले जाते हैं। प्रत्येक वस्तु बग़ीचे की सुंदरता को उभारती है। सलीका और शैली का अद्भूत सुमेल।

दीर्घ महल

मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही आपको लाल और पीले रंग का चमकता हुआ दीर्घ महल नज़र आएगा जिसकी बनावट कला कमाल की है। चारों तरफ एक छतनुमा बरामदा लाल रंग के स्तंभों से ख़ूबसूरती बढ़ाता है। स्तंभों पर खड़ा बरामदा अत्यंत सुंदर तीन मंजिला इमारत को खिड़कियों, झरोखों से सजाया गया है। इस महल से सारा जम्मू नज़र आता है। इसकी खिड़कियाँ और झरोखे इस ढंग से रखे गए हैं कि कई मील दूरी से ही सब कुछ नज़र आता है। इस इमारत से तवी नदी के पार के सब गांव-शहर नज़र आते हैं। दूर-दूर तक सब कुछ दिखाई देता है।

छोटे-बड़े हॉल

इस महल में कई छोटे-बड़े हॉल हैं। इन हॉलों में उत्कृष्ट तथा ख़ूबसूरत चित्र हैं। एक से बढ़कर एक चित्र हैं जो कमाल की कलाकारों के हैं। हॉल में कुर्सियाँ रखी गई हैं जो सुसज्जित मुद्रा में अच्छी लगती हैं।

उद्घाटन

औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा 13 अप्रैल 1975 को किया गया।

उत्कृष्ट लघु चित्र

इस संग्रहालय में कांगड़ा स्कूल के उत्कृष्ट लघु चित्रों में समकालीन भारतीय कलाकारों की तस्वीरों का प्रदेशन किया गया है, लेकिन यहाँ का प्रमुख आकर्षण डोगरा सिंहासन है जो 120 किलो ठोस सोने का बना हुआ है, जो तत्कालीन महाराजाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।

पुस्तकालय

  • इस महल में दीर्घ संग्रहालय एवं पुस्तकालय है।
  • इस संग्रहालय के पुस्तकालय में लगभग 25000 पुस्तके हैं, जिनमें धार्मिक दार्शनिक एवं राजनीति विज्ञान आदि की पुस्तकों का संग्रह है।

तस्वीरें

इस महल में आनेक राजा-महाराजा, रानियों के बड़े-बड़े पोस्टर हैं। चित्रकारों द्वारा बनाई गई तस्वीरें हैं जो प्राचीन राजाओं के सभ्याचार, पहनावा आदि को उजागर करती हैं।

यह सुसज्जित आलीशान महल प्राचीन वास्तुकला का एक जीवंत अदाहरण है। प्राचीन संस्कृति की मुंह बोलती तस्वीर। कई एकड़ में बना यह स्थान अपने आप में एक कहानी ही तो है, जिसके पात्र इसके भीतर अपने-अपने समय के संवाद रचते नज़र आते है।


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