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*'''कामिल-उत-तवारीख़''' की रचना 1230 ई. में 'शेख़ अब्दुल हसन' (उपनाम इब्नुल आसीर) ने की थी।
*'''कामिल-उत-तवारीख़''' की रचना 1230 ई. में 'शेख़ अब्दुल हसन' (उपनाम इब्नुल आसीर) ने की थी।
*इस पुस्तक में [[मुहम्मद ग़ोरी]] की विजयों का वृतान्त मिलता है।
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13:04, 29 जून 2017 के समय का अवतरण

  • कामिल-उत-तवारीख़ की रचना 1230 ई. में 'शेख़ अब्दुल हसन' (उपनाम इब्नुल आसीर) ने की थी।
  • इस पुस्तक में मुहम्मद ग़ोरी की विजयों का वृत्तांत मिलता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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