"देवबर्नाक": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} *देवबर्नाक बिहार के शाहाबाद ज़िले में ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''देवबर्नाक''' [[बिहार]] के शाहाबाद ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। | |||
*देवबर्नाक से [[मगध महाजनपद|मगध]] के परवर्ती गुप्त शासक जीवितगुप्त द्वितीय का एक लेख मिला है। | *देवबर्नाक से [[मगध महाजनपद|मगध]] के परवर्ती गुप्त शासक जीवितगुप्त द्वितीय का एक लेख मिला है। | ||
*1880 में [[कनिंघम]] ने इस लेख को खोजा था। इसमें [[आदित्यसेन]] के बाद के तीन राजाओं-[[देवगुप्त]], विष्णुगुप्त तथा जीवितगुप्त द्वितीय के नाम मिलते हैं। | *1880 में [[कनिंघम]] ने इस लेख को खोजा था। इसमें [[आदित्यसेन]] के बाद के तीन राजाओं-[[देवगुप्त]], विष्णुगुप्त तथा जीवितगुप्त द्वितीय के नाम मिलते हैं। | ||
*देवबर्नाक से प्राप्त अभिलेख में गुप्तनरेशों की वंशावली दी गई है। जिससे कई परवर्ती गुप्त राजाओं तथा उनसे सम्बद्ध मौखरी नरेशों के नाम मिलते हैं। जिनमें से प्रमुख हैं, *देवगुप्त -जिसके सम्बन्ध में वाकाटक राजाओं के कालनिर्णय में सरलता होती ह। | *देवबर्नाक से प्राप्त अभिलेख में गुप्तनरेशों की वंशावली दी गई है। जिससे कई परवर्ती गुप्त राजाओं तथा उनसे सम्बद्ध मौखरी नरेशों के नाम मिलते हैं। जिनमें से प्रमुख हैं, *देवगुप्त -जिसके सम्बन्ध में वाकाटक राजाओं के कालनिर्णय में सरलता होती ह। | ||
*बालादित्य -जिसका वृत्तांत हमें [[युवानच्वांग]] के यात्रा वर्णन से भी ज्ञात होता है और जिसने हूण राजा मिहिरकुल से युद्ध किया था। | *बालादित्य -जिसका वृत्तांत हमें [[युवानच्वांग]] के यात्रा वर्णन से भी ज्ञात होता है और जिसने हूण राजा मिहिरकुल से युद्ध किया था। | ||
*अवंतिवर्मन का उल्लेख बाण के हर्षचरित में हर्ष की भगिनी राज्यश्री के पति ग्रहवर्मन के पिता के रूप में है। अभिलेख में वारुणीक ग्राम (देवबर्नाक का मूल प्राचीन नाम) को सूर्य मन्दिर के लिये अनुदान दिए जाने का भी उल्लेख मिलता है। | *अवंतिवर्मन का उल्लेख बाण के हर्षचरित में हर्ष की भगिनी राज्यश्री के पति ग्रहवर्मन के पिता के रूप में है। अभिलेख में वारुणीक ग्राम (देवबर्नाक का मूल प्राचीन नाम) को सूर्य मन्दिर के लिये अनुदान दिए जाने का भी उल्लेख मिलता है। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{बिहार के ऐतिहासिक स्थान}} | {{बिहार के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
पंक्ति 21: | पंक्ति 14: | ||
[[Category:बिहार के ऐतिहासिक स्थान]] | [[Category:बिहार के ऐतिहासिक स्थान]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
14:39, 13 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
देवबर्नाक बिहार के शाहाबाद ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।
- देवबर्नाक से मगध के परवर्ती गुप्त शासक जीवितगुप्त द्वितीय का एक लेख मिला है।
- 1880 में कनिंघम ने इस लेख को खोजा था। इसमें आदित्यसेन के बाद के तीन राजाओं-देवगुप्त, विष्णुगुप्त तथा जीवितगुप्त द्वितीय के नाम मिलते हैं।
- देवबर्नाक से प्राप्त अभिलेख में गुप्तनरेशों की वंशावली दी गई है। जिससे कई परवर्ती गुप्त राजाओं तथा उनसे सम्बद्ध मौखरी नरेशों के नाम मिलते हैं। जिनमें से प्रमुख हैं, *देवगुप्त -जिसके सम्बन्ध में वाकाटक राजाओं के कालनिर्णय में सरलता होती ह।
- बालादित्य -जिसका वृत्तांत हमें युवानच्वांग के यात्रा वर्णन से भी ज्ञात होता है और जिसने हूण राजा मिहिरकुल से युद्ध किया था।
- अवंतिवर्मन का उल्लेख बाण के हर्षचरित में हर्ष की भगिनी राज्यश्री के पति ग्रहवर्मन के पिता के रूप में है। अभिलेख में वारुणीक ग्राम (देवबर्नाक का मूल प्राचीन नाम) को सूर्य मन्दिर के लिये अनुदान दिए जाने का भी उल्लेख मिलता है।
|
|
|
|
|